चेन्नई: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को चेन्नई में एलवाईसीए प्रोडक्शंस पर छापेमारी की. यह जानकारी सूत्रों के माध्यम से सामने आ रही है. इससे पहले ईडी ने कहा था कि उसने धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत अमीरा प्योर फूड्स प्राइवेट लिमिटेड, करण ए चनाना और अन्य के संबंध में दिल्ली और गुरुग्राम में 21 स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया था.
आधिकारिक बयान में बताया गया कि ईडी ने 2 मई को छापेमारी की थी जिसमें, 1.01 करोड़ रुपये की नकद राशि और विभिन्न आपत्तिजनक साक्ष्य जब्त किए गए, जो शेल कंपनियों, आवास प्रविष्टियों, धोखाधड़ी और स्टॉक के हेरफेर के माध्यम से ऋण राशि को डायवर्ट करने के लिए आरोपी इकाई के तौर-तरीकों को दर्शाता है.
ईडी के मुताबिक, आरोपी संस्थाओं के खिलाफ कार्रवाई सीबीआई द्वारा करन ए चनाना, उनके रिश्तेदारों, अमीरा प्योर फूड्स प्राइवेट लिमिटेड और अन्य के खिलाफ आईपीसी, 1860 की विभिन्न धाराओं के तहत की गई है, जिसमें धोखाधड़ी, आपराधिक गबन, आपराधिक विश्वासघात, धोखाधड़ी, आदि के कारण केनरा बैंक के नेतृत्व वाले बैंकों के संघ को लगभग 1201.85 करोड़ रुपये का गलत नुकसान हुआ था.
ईडी द्वारा की गई जांच में यह खुलासा हुआ है कि आरोपी संस्थाओं ने एक-दूसरे और अन्य संबंधित और असंबंधित संस्थाओं के साथ कथित रूप से अवैध रूप से वास्तविक व्यापार लेनदेन की आड़ में विभिन्न शेल संस्थाओं के खातों में ऋण निधि को स्थानांतरित करने के माध्यम से बैंकों के कंसोर्टियम द्वारा स्वीकृत ऋण निधि को अवैध रूप से डायवर्ट किया.
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ईडी के बयान में आरोप लगाया कि यह भी ज्ञात हो कि करण ए चनाना ने 2019 से यूनाइटेड किंगडम में एक राजनीतिक दल को 2,50,000 GBP का दान दिया था, जो आरोपी इकाई अमीरा प्योर फूड्स प्राइवेट लिमिटेड की सहायक कंपनियों में से एक के माध्यम से था, जबकि आरोपी संस्था ने स्वयं ऋणों के पुनर्भुगतान में चूक की थी और संघ के सदस्य बैंकों द्वारा वर्ष 2016-17 में एनपीए घोषित किया गया था.
(ANI)