चेन्नई : तमिलनाडु के पलवक्कम में ईसीआर पर तेजी और लापरवाही से रेसिंग बाइक चलाकर पैदल यात्री को कुचलने वाले युवक को 41.42 लाख रुपये का जुर्माना भरने का आदेश दिया गया है. रेसिंग बाइक युवक के पिता के नाम पर पंजीकृत थी. मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण के मुख्य न्यायाधीश टी चंद्रशेखरन ने हाल ही में इस संबंध में फैसला सुनाया. हालांकि, मृतक की मां और पत्नी द्वारा 22.25 लाख रुपये का दावा किया गया था, लेकिन न्यायाधीश ने मुआवजे के रूप में लगभग दोगुनी राशि का भुगतान का आदेश सुनाया और बाइकर और उसके पिता पर जिम्मेदारी तय की, क्योंकि बाइक का बीमा नहीं था और युवक के पास लाइसेंस भी नहीं था.
मृतक जोसेफ प्लंबर और फूड डिलीवरी एजेंट था. 15 जुलाई, 2018 को तड़के पलवक्कम में अपने दोस्त के साथ पास की एक चाय की दुकान पर जाने के दौरान दिनेश कुमार ने तेज रफ्तार बाइक से जोसेफ को कुचल दिया था, जिससे वह बुरी तरह से घायल हो गया था और बाद में उसकी मौत हो गई थी. मुआवजे की राशि का भुगतान बाइक मालिक (पिता) और बाइकल चालक (बेटे) द्वारा किया जाएगा. न्यायाधीश ने केस दायर होने की तारीख से 7.5 प्रतिशत ब्याज के साथ तीन महीने के भीतर भुगतान करने का आदेश दिया है. उन्होंने कहा कि दुर्घटना दिनेश कुमार द्वारा तेज और लापरवाही से बाइक चलाने के कारण हुई.
अन्य मामलों में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए न्यायाधीश ने अधिक राशि का भुगतान करने को कहा है. उन्होंने कहा कि यह एक उपयुक्त मामला है, जहां इस ट्रिब्यूनल को याचिकाकर्ताओं के दावे को नकारने की आवश्यकता नहीं है. सुप्रीम कोर्ट के उदाहरणों के अनुसार, यह ट्रिब्यूनल दावे की प्रकृति और आरोपी के आचरण को ध्यान में रखते हुए अधिक राशि के भुगतान का आदेश दे सकता है.