ETV Bharat / bharat

चेन्नई कोर्ट ने टीसीएस को 7 साल बाद बर्खास्त कर्मी को बहाल करने का निर्देश दिया

सात साल पहले टीसीएस ने छंटनी के तहत अपने एक कर्मी को निकाल दिया था. अब चेन्नई कोर्ट ने उसे दोबारा से बहाल करने के आदेश दिए हैं. प्रभावित व्यक्ति ने कहा कि उसने 100 से अधिक बार अदालत के चक्कर काटे हैं. अदालत ने सात साल का मुआवजा भी देने का आदेश दिया है.

concept photo, court
कॉन्सेप्ट फोटो, अदालत
author img

By

Published : Jun 19, 2022, 12:50 PM IST

चेन्नई : टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) द्वारा आठ साल की सेवा के बाद 2015 में बर्खास्त किए गए आईटी पेशेवर तिरुवमलाई सेलवन को आखिरकार चेन्नई की एक श्रम अदालत द्वारा उनके पक्ष में फैसला सुनाए जाने के बाद न्याय मिला है. अदालत ने टीसीएस को निर्देश दिया है कि वह सेल्वन को बहाल करे और उसके वेतन और सात साल के लाभों का पूरा भुगतान करे.

सेलवन ने पिछले सात वर्षो से सॉफ्टवेयर कंसल्टेंसी के साथ-साथ रियल-एस्टेट ब्रोकरेज सहित अजीबोगरीब काम करते हुए खुद को बनाए रखा. टीसीएस में सहायक अभियंता के रूप में शामिल हुए सेलवन को कथित सामूहिक छंटनी के तहत 2015 में सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था. सेलवन ने सेवा की निरंतरता की मांग करते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन टीसीएस प्रतिनिधि (कानूनी) ने अदालत को सूचित किया था कि याचिकाकर्ता 'वर्कर' की श्रेणी में नहीं आता है.

कंपनी के कानूनी प्रतिनिधि ने यह भी कहा कि वह एक प्रबंधकीय क्षमता में था और खराब प्रदर्शन के कारण उसे सेवा से हटा दिया गया था. कर्मचारियों के कल्याण और अधिकारों के लिए काम करने वाली संस्था, फोरम फॉर आईटी एम्प्लॉइज (एफआईटीई) ने उनकी कानूनी परीक्षाओं में उनका साथ दिया. सेल्वम ने मीडियाकर्मियों से कहा कि उन्हें 100 से अधिक बार अदालत का चक्कर लगाना पड़ा.

एफआईटीई देश में विभिन्न आईटी कंपनियों के आईटी पेशेवरों के एक समूह द्वारा चलाया जाता है, जिसमें विप्रो, टीसीएस, इंफोसिस, एक्सेंचर, एचसीएल और इस क्षेत्र के अन्य प्रमुख खिलाड़ी शामिल हैं. एफआईटीई ने एक ट्वीट में कहा, 'न्याय की आशा पूरी हुई है और उन सभी के लिए एक अनुस्मारक है जो कर्मचारियों को इस्तीफा देने के लिए मजबूर कर रहे हैं. एफआईटीई चेन्नई द्वारा किया गया महान कार्य और न्याय के लिए लड़ने वाले टीसीएस कर्मचारी को सलाम.'

ये भी पढ़ें : चेन्नई हवाई अड्डे पर स्काईलाइट सिस्टम

चेन्नई : टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) द्वारा आठ साल की सेवा के बाद 2015 में बर्खास्त किए गए आईटी पेशेवर तिरुवमलाई सेलवन को आखिरकार चेन्नई की एक श्रम अदालत द्वारा उनके पक्ष में फैसला सुनाए जाने के बाद न्याय मिला है. अदालत ने टीसीएस को निर्देश दिया है कि वह सेल्वन को बहाल करे और उसके वेतन और सात साल के लाभों का पूरा भुगतान करे.

सेलवन ने पिछले सात वर्षो से सॉफ्टवेयर कंसल्टेंसी के साथ-साथ रियल-एस्टेट ब्रोकरेज सहित अजीबोगरीब काम करते हुए खुद को बनाए रखा. टीसीएस में सहायक अभियंता के रूप में शामिल हुए सेलवन को कथित सामूहिक छंटनी के तहत 2015 में सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था. सेलवन ने सेवा की निरंतरता की मांग करते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन टीसीएस प्रतिनिधि (कानूनी) ने अदालत को सूचित किया था कि याचिकाकर्ता 'वर्कर' की श्रेणी में नहीं आता है.

कंपनी के कानूनी प्रतिनिधि ने यह भी कहा कि वह एक प्रबंधकीय क्षमता में था और खराब प्रदर्शन के कारण उसे सेवा से हटा दिया गया था. कर्मचारियों के कल्याण और अधिकारों के लिए काम करने वाली संस्था, फोरम फॉर आईटी एम्प्लॉइज (एफआईटीई) ने उनकी कानूनी परीक्षाओं में उनका साथ दिया. सेल्वम ने मीडियाकर्मियों से कहा कि उन्हें 100 से अधिक बार अदालत का चक्कर लगाना पड़ा.

एफआईटीई देश में विभिन्न आईटी कंपनियों के आईटी पेशेवरों के एक समूह द्वारा चलाया जाता है, जिसमें विप्रो, टीसीएस, इंफोसिस, एक्सेंचर, एचसीएल और इस क्षेत्र के अन्य प्रमुख खिलाड़ी शामिल हैं. एफआईटीई ने एक ट्वीट में कहा, 'न्याय की आशा पूरी हुई है और उन सभी के लिए एक अनुस्मारक है जो कर्मचारियों को इस्तीफा देने के लिए मजबूर कर रहे हैं. एफआईटीई चेन्नई द्वारा किया गया महान कार्य और न्याय के लिए लड़ने वाले टीसीएस कर्मचारी को सलाम.'

ये भी पढ़ें : चेन्नई हवाई अड्डे पर स्काईलाइट सिस्टम

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.