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Chandrayaan 3: खगोलशास्त्री सचिन बाहम्बा बोले- भविष्य में अंतरिक्ष मिशन के लिए लॉन्चपैड बन सकता है चंद्रमा

श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से कुछ ही देर में चंद्रयान-3 मिशन लॉन्च होने जा रहा है. इसको लेकर साइंस पॉपुलराइजेशन एसोसिएशन ऑफ कम्युनिकेटर्स एंड एजुकेटर्स (स्पेस) फाउंडेशन के संस्थापक डॉ. सचिन बाहम्बा ने ईटीवी भारत से खास बात की. उन्होंने कहा कि चंद्रयान-3 मिशन से भारत को बहुत उम्मीदें है. चंद्रमा भविष्य के अंतरिक्ष मिशन के लिए लॉन्चपैड बन सकता है.

Chandrayaan 3
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Published : Jul 14, 2023, 1:16 PM IST

नई दिल्ली: भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो आज तीसरा चंद्र मिशन 'चंद्रयान-3' लॉन्च करने जा रही है. दोपहर दो बजकर 35 मिनट पर श्रीहरिकोटा के सतीश धवन सेंटर से 'चंद्रयान-3' की लॉन्चिंग होगी. भारत के तीसरे चंद्र मिशन के बारे में साइंस पॉपुलराइजेशन एसोसिएशन ऑफ कम्युनिकेटर्स एंड एजुकेटर्स (स्पेस) फाउंडेशन के संस्थापक डॉ. सचिन बाहम्बा ने ईटीवी भारत से खास बात की.

प्रश्न 1. चंद्रयान-3 आज लॉन्च होगा, आपकी क्या उम्मीदें हैं और वैश्विक स्तर पर अंतरिक्ष उद्योग में भारत कहां खड़ा है?
उत्तर - भारत एक बहुत शक्तिशाली राष्ट्र है और दिन-ब-दिन विकसित होता जा रहा है. इसने पहले ही बहुत सी चीजें हासिल कर ली हैं, जो अन्य लोग नहीं कर पाए. लेकिन, अंतरिक्ष उद्योग में हम अभी भी पश्चिमी दुनिया जैसे अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और अन्य से पीछे हैं. इसलिए यह कदम जहां हम किसी उपग्रह या किसी अन्य ग्रह पर उतरने की संभावना प्रदर्शित करने जा रहे हैं, वह बहुत अच्छा है और इसमें बहुत सारी उम्मीदें हैं.

हम जानते हैं कि तकनीकी खामियों के कारण पिछली बार हम बुरी तरह विफल रहे थे लेकिन अब तक हमने काफी सुधार किया है. हम यूएएस, जापान और अन्य के साथ संधियों पर भी हस्ताक्षर कर रहे हैं और जापान ने पहले ही घोषणा कर दी है कि यदि हम सफलतापूर्वक लैंडिंग का प्रदर्शन करने में सक्षम हैं, तो वह चंद्रमा का आगे अध्ययन करने के लिए हमारे साथ एक संयुक्त परियोजना करेगा, जो मुझे लगता है कि एक बहुत ही सकारात्मक विकास है.

उन्होंने कहा कि हम पहले से ही जानते हैं कि पृथ्वी से चंद्रमा की सतह पर कुछ भेजना वह भी कम कीमत पर, वास्तव में बहुत बड़ी बात है. भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम का भविष्य काफी हद तक इस पर निर्भर करता है. मुझे उम्मीद है कि इससे 10 अरब डॉलर के अंतरिक्ष उद्योग अनुबंध सामने आएंगे, जिससे काफी राजस्व सृजन बाजार खुलेगा,

प्रश्न2. 'चंद्रयान-3' की सॉफ्ट लैंडिंग भारत के लिए कितनी महत्वपूर्ण है?
उत्तर- चंद्रमा और मंगल पर कई देशों की नजर है, जो देश चंद्रमा पर कुछ स्थापित करने में सक्षम है, उस स्थिति में वह विदेशी राज्यों द्वारा वित्त पोषित अधिक अंतरिक्ष कार्यक्रम लाएगा. यह हमारे अंतरिक्ष उद्योग के लिए अद्भुत है.

प्रश्न 3. हमारे पास गगनयान जैसी अन्य मेगा अंतरिक्ष परियोजनाएँ भी हैं, जो प्रगति पर हैं, आपकी क्या उम्मीदें हैं?
उत्तर- अगर इस बार चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग हो जाती है तो भारत के लिए बहुत बड़ी बात होगी. वास्तव में हम परिपक्वता हासिल कर लेंगे. इसरो एक मध्य स्तर की अंतरिक्ष एजेंसी हैं, जो सैटेलाइट्स को प्रथ्वी की कक्षा में सफलता पूर्वक स्थापित करती है. लेकिन अगर हम चंद्रमा पर उतर जाते हैं तो यह हमारे लिए बहुत सारी संभावनाएं खोलेगा. हर कोई चंद्रमा पर बस्तियां बसाने के बारे में सोच रहा है, इसलिए हम वास्तव में इन तकनीकों और विशेषज्ञता को सबसे पहले इस संभावना के साथ प्राप्त कर रहे हैं कि हम एक मानव को अंतरिक्ष में भेजेंगे और उन्हें सुरक्षित वापस लाएंगे. यह अगला कदम है.

नई दिल्ली: भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो आज तीसरा चंद्र मिशन 'चंद्रयान-3' लॉन्च करने जा रही है. दोपहर दो बजकर 35 मिनट पर श्रीहरिकोटा के सतीश धवन सेंटर से 'चंद्रयान-3' की लॉन्चिंग होगी. भारत के तीसरे चंद्र मिशन के बारे में साइंस पॉपुलराइजेशन एसोसिएशन ऑफ कम्युनिकेटर्स एंड एजुकेटर्स (स्पेस) फाउंडेशन के संस्थापक डॉ. सचिन बाहम्बा ने ईटीवी भारत से खास बात की.

प्रश्न 1. चंद्रयान-3 आज लॉन्च होगा, आपकी क्या उम्मीदें हैं और वैश्विक स्तर पर अंतरिक्ष उद्योग में भारत कहां खड़ा है?
उत्तर - भारत एक बहुत शक्तिशाली राष्ट्र है और दिन-ब-दिन विकसित होता जा रहा है. इसने पहले ही बहुत सी चीजें हासिल कर ली हैं, जो अन्य लोग नहीं कर पाए. लेकिन, अंतरिक्ष उद्योग में हम अभी भी पश्चिमी दुनिया जैसे अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और अन्य से पीछे हैं. इसलिए यह कदम जहां हम किसी उपग्रह या किसी अन्य ग्रह पर उतरने की संभावना प्रदर्शित करने जा रहे हैं, वह बहुत अच्छा है और इसमें बहुत सारी उम्मीदें हैं.

हम जानते हैं कि तकनीकी खामियों के कारण पिछली बार हम बुरी तरह विफल रहे थे लेकिन अब तक हमने काफी सुधार किया है. हम यूएएस, जापान और अन्य के साथ संधियों पर भी हस्ताक्षर कर रहे हैं और जापान ने पहले ही घोषणा कर दी है कि यदि हम सफलतापूर्वक लैंडिंग का प्रदर्शन करने में सक्षम हैं, तो वह चंद्रमा का आगे अध्ययन करने के लिए हमारे साथ एक संयुक्त परियोजना करेगा, जो मुझे लगता है कि एक बहुत ही सकारात्मक विकास है.

उन्होंने कहा कि हम पहले से ही जानते हैं कि पृथ्वी से चंद्रमा की सतह पर कुछ भेजना वह भी कम कीमत पर, वास्तव में बहुत बड़ी बात है. भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम का भविष्य काफी हद तक इस पर निर्भर करता है. मुझे उम्मीद है कि इससे 10 अरब डॉलर के अंतरिक्ष उद्योग अनुबंध सामने आएंगे, जिससे काफी राजस्व सृजन बाजार खुलेगा,

प्रश्न2. 'चंद्रयान-3' की सॉफ्ट लैंडिंग भारत के लिए कितनी महत्वपूर्ण है?
उत्तर- चंद्रमा और मंगल पर कई देशों की नजर है, जो देश चंद्रमा पर कुछ स्थापित करने में सक्षम है, उस स्थिति में वह विदेशी राज्यों द्वारा वित्त पोषित अधिक अंतरिक्ष कार्यक्रम लाएगा. यह हमारे अंतरिक्ष उद्योग के लिए अद्भुत है.

प्रश्न 3. हमारे पास गगनयान जैसी अन्य मेगा अंतरिक्ष परियोजनाएँ भी हैं, जो प्रगति पर हैं, आपकी क्या उम्मीदें हैं?
उत्तर- अगर इस बार चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग हो जाती है तो भारत के लिए बहुत बड़ी बात होगी. वास्तव में हम परिपक्वता हासिल कर लेंगे. इसरो एक मध्य स्तर की अंतरिक्ष एजेंसी हैं, जो सैटेलाइट्स को प्रथ्वी की कक्षा में सफलता पूर्वक स्थापित करती है. लेकिन अगर हम चंद्रमा पर उतर जाते हैं तो यह हमारे लिए बहुत सारी संभावनाएं खोलेगा. हर कोई चंद्रमा पर बस्तियां बसाने के बारे में सोच रहा है, इसलिए हम वास्तव में इन तकनीकों और विशेषज्ञता को सबसे पहले इस संभावना के साथ प्राप्त कर रहे हैं कि हम एक मानव को अंतरिक्ष में भेजेंगे और उन्हें सुरक्षित वापस लाएंगे. यह अगला कदम है.

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