अमरावती: सीमेंस कंपनी के पूर्व एमडी सुमन बोस ने रविवार को कहा कि कौशल विकास का मामला बेबुनियाद है. उन्होंने कहा कि ये प्रोजेक्ट 100 फीसदी सफल रहा.. इसमें कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ. उन्होंने टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू की गिरफ्तारी और अन्य घटनाक्रमों के मद्देनजर दिल्ली में आयोजित एक मीडिया सम्मेलन में यह बात कही. उन्होंने कहा कि परियोजना से संबंधित प्रशिक्षण केंद्र 2021 में राज्य सरकार को सौंप दिये गये.
उन्होंने कहा कि साल 2014 में जब राज्य का विभाजन हुआ तो राज्य सरकार आईटी के विकास के लिए कौशल विकास के लिए आगे आई. हमने 40 क्षेत्रों में 200 प्रयोगशालाएं स्थापित की हैं. 2021 तक 2.32 लाख लोग हुनरमंद हो गए. उन्हें प्रमाण पत्र दिया गया, जिसके बाद से वे नौकरी कर रहे हैं. 2021 के बाद अप्रत्याशित विकास हुआ. पिछले दिनों प्रशंसा पाने वाली एपी राज्य कौशल विकास निगम (एपीएसएसडीसी) ने इस परियोजना पर फर्जी होने का आरोप लगाया.
उन्होंने आगे कहा कि एक भी केंद्र का दौरा नहीं किया गया.. कहीं भी बिना जांच के अनियमितताएं हो रही हैं. ऐसा क्यों हुआ यह एक बड़ा रहस्य है. परियोजना में कोई भ्रष्टाचार या धन शोधन नहीं हुआ. एपी स्किल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन का सीमेंस कंपनी के साथ समझौता है. सब कुछ अध्ययन करने के बाद ही हमने यह प्रोजेक्ट शुरू किया.. यह सफल रहा.
बोस ने आगे कहा कि जब युवाओं को किसी सॉफ्टवेयर के बारे में जागरूक किया जाता है, तो उसकी मांग बढ़ जाती है. मार्केटिंग के हिस्से के रूप में 90:10 का सौदा किया गया था. आईटी कंपनियां दुनिया भर में डील कर रही हैं. सीमेंस पर लगे सभी आरोप फर्जी हैं. अभी तक एक भी सुराग हाथ नहीं लगा है. कई राज्यों में इसी तरह की परियोजनाएं लागू की गई हैं. सुमन बोस ने कहा कि चूंकि यह मामला अदालत के अधिकार क्षेत्र में है, इसलिए हम वहीं सब कुछ बताएंगे.