चंडीगढ़ : दूसरी लहर में कोरोना ज्यादा खतरनाक हो गया है और पहले से मुकाबले दुगनी रफ्तार से बढ़ रहा है. चंडीगढ़ की बात की जाए तो शहर में प्रतिदिन 400 से ज्यादा मरीज सामने आ रहे हैं. हरियाणा, पंजाब और हिमाचल में भी कोरोना तेजी से फैल रहा है. जिसे देखते हुए चंडीगढ़ पीजीआई की फिजिकल ओपीडी को बंद कर दिया गया है.
चंडीगढ़ पीजीआई के निदेशक प्रोफेसर जगतराम ने बताया कि पीजीआई की फिजिकल ओपीडी को बंद कर दिया गया है, क्योंकि मरीजों में संक्रमण फैलने का खतरा ज्यादा होता है. इसलिए अब उन्हें पीजीआई नहीं बुलाया जाएगा, बल्कि डॉक्टर टेली कंसल्टेंसी के जरिए उनसे बात करेंगे और इलाज करेंगे.
समान्य मरीजों का होगा इलाज
पिछले साल भी लॉकडाउन के दौरान टेली कंसल्टेंसी को शुरू की गई थी. शुरुआत में डॉक्टर प्रतिदिन करीब 200 मरीजों से बात कर रहे थे लेकिन अब यह संख्या बढ़कर करीब ढाई हजार तक पहुंच चुकी है. कोई भी मरीज पीजीआई में संपर्क करके डॉक्टर से बात कर सकता है ताकि डॉक्टर उसकी बीमारी को समझकर उसके इलाज के बारे में जानकारी दे सकें. ओपीडी के बंद होने के बावजूद पीजीआई में आपातकालीन सेवाएं जारी रहेंगी. इसके अलावा पीजीआई में डायलिसिस इमरजेंसी में ऑपरेशन, एमआरआई, PET SCAN, आदि सेवाएं जारी रहेंगी.
पीजीआई में सभी वेंटिलेटर फुल
प्रोफेसर जगत राम कहा कि पीजीआई में इस वक्त काफी कोरोना पॉजिटिव मरीज भर्ती हैं. यहां पर सभी बेड और वेंटिलेटर लगभग फुल हो चुके हैं. जिनमे ज्यादातर दूसरे राज्यों से आए मरीज हैं. इसलिए पीजीआई की ओर से हरियाणा पंजाब और हिमाचल को यह हिदायत दी गई है कि अगर वहां से किसी मरीज को रेफर किया जा रहा है उसे तभी रेफर किया जाए जब उसका इलाज संबंधित राज्य में संभव न हो. क्योंकि पीजीआई में गंभीर रूप से बीमार मरीजों का इलाज किया जाता है.
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दोगुनी रफ्तार से बढ़ रहे हैं मरीज
कोरोना की दूसरी लहर के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा की दूसरी लहर में कोरोना के मरीज दोगनी रफ्तार से बढ़ रहे हैं. अभी यह नहीं कहा जा सकता कि यह संख्या कहां तक जाएगी, लेकिन संख्या कम होने में कम से कम 4 से 5 महीने का वक्त जरूर लगेगा. इसलिए लोग इस बीमारी की गंभीरता को समझें और जितना ज्यादा हो सके उतना एहतियात बरतें ताकि इस बीमारी से बचा जा सके.