नई दिल्ली : उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर टूटने से बड़ी त्रासदी हुई. जोशीमठ के तपोवन इलाके में ग्लेशियर टूटने से ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट को भारी नुकसान पहुंचा. ग्लेशियर टूटने से आई आपदा से कई इलाके तबाह हो गए. इस हादसे में कई लोगों की मौत हो गई और कई अब भी लापता हैं.
शनिवार को इस मामला संसद में उठा और हादसे का शिकार हुए लोगों के परिजनों को आर्थिक राशि दिए जाने की मांग की गई.
जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग से सांसद हसनैन मसूदी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग देश के हर कोने में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. चामोली आपदा में कश्मीरी इंजीनियर बशारत अहमद जरगर की मौत हो गई है. वह ऋषिगंगा बिजली परियोजना में वरिष्ठ इंजीनियर के रूप में कार्यरत थे. ऐसे में लोगों के साथ इंसाफ किया जाना चाहिए.
लोकसभा में बिहार के पाटलिपुत्र से सांसद रामकृपाल यादव ने भी चमोली हादसे में लापता इंजीनियर का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा, वैसे तो सरकार पूरी तरह से इस हादसे में लापता लोगों को निकालने में जुटी हुई है, पर मेरे यहां के मनीष कुमार जो कि एक इंजीनियर हैं, उनका पता नहीं चल रहा है. मैंने गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री से भी इस मसले पर बात की है, पर मैं चाहता हूं कि सरकार इसपर विशेष ध्यान आकृष्ट करें.
उन्होंने बताया कि इंजीनियर की दो महीने पहले ही शादी हुई थी, ऐसे में पीड़ित के परिजनों को आर्थिक सहायता प्रदान की जानी चाहिए.
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पालीगंज के रहने वाले मनीष एनटीपीसी में अभियंता के रूप में कार्यरत थे. चमोली हादसे के बाद से वह लापता हैं. अभी तक उनका पता नहीं चल पाया है. परिवार वालों का रो-रोकर बुरा हाल है.
चमोली आपदा में उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के 25 से अधिक लोग अभी तक लापता हैं.
सहारनपुर से सांसद हाजी फजलुर्रहमान ने लोक सभा में बताया कि सहारनपुर के 25 से अधिक लोग लापता हैं. उन्होंने केंद्र सरकार से राहत कार्य में तेजी लाने की मांग की. साथ ही बचाव दल की संख्या बढ़ाने पर भी जौर दिया. पीड़ितों के परिजनों को केंद्र और राज्य सरकार द्वारा 25-25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करने की भी बात कही.