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2021 में पर्यावरण, कृषि और राजनीति के क्षेत्र में क्या हैं चुनौतियां? जानें

2021 में पर्यावरण, कृषि और राजनीति के क्षेत्र में कई चुनौतियां हैं. उम्मीद है सरकार इन सब चुनौतियों से पार पा लेगी और 2021 लोगों के लिए खुशहाली भरा होगा.

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चुनौतियां
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Published : Jan 1, 2021, 6:00 AM IST

हैदराबाद : 2020 बीत गया. यह साल पूरी दुनिया को परेशान करने वाला रहा. लोग तो लोग देश तक कैद हो गए. कारण कोरोना. 2019 दिसंबर में चीन के वुहान शहर से निकला यह कोरोना वायरस 2020 की शुरूआत में ही दुनिया भर के देशों में फैल गया और लाखों लोगों की अब तक जान ले चुका है. करोड़ों इससे संक्रमित हो गए. हालांकि, 2020 के अंत होते-होते इसका टीका बन गया तो लोगों ने राहत की सांस ली है. ब्रिटेन में मिले नए स्ट्रेन ने जरूर कुछ चिंता बढ़ाई है मगर फिर भी लग रहा है कि 2021 साल 2020 के मुकाबले अच्छा होगा. भारत के लिए 2021 में चुनौतियां तो कई रहेंगी मगर आइए बात करते हैं पर्यावरण, कृषि और राजनीति में होने वाली चुनौतियों की.

पर्यावरण

महामारी के बाद कई कंपनियों के चीन में अपने कार्यालयों को बंद करने की चर्चाओं के बीच भारत निवेश बढ़ने को लेकर आशान्वित है. ऐसे परिदृश्य में सतत विकास बनाए रखना भारत के लिए एक चुनौती होगी. हालांकि, अधिक निवेश आकर्षित करने के लिए एफडीआई को 49% से 74% तक बढ़ाया गया है. इससे अर्थव्यवस्था की सेहत तो शायद सुधर जाए मगर असली चिंता पर्यावरण की है. पर्यावरण की गिरावट भारत में प्रति वर्ष यूएसडी 80 बिलियन के आसपास होती है, जो कि सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 5.7% है. हाल में हुए 178 देशों के पर्यावरण सर्वेक्षण में भारत को 155वां स्थान दिया गया. सर्वेक्षण में यह भी पाया गया कि दुनिया के 20 सबसे प्रदूषित शहरों में से 13 भारत में हैं. भारत को अपने प्रमुख शहरों और बढ़ते शहरों में वायु प्रदूषण के बढ़ते चोकहोल्ड को प्रबंधित करने की चुनौती का भी सामना करना पड़ता है. अधिक पैदावार के लिए भूमि का क्षरण कृषि क्षेत्र के लिए एक मुद्दा बना हुआ है. ग्लोबल वार्मिंग के कारण हिमालय में ग्लेशियरों का पिघलना उत्तरी भारत में सूखे और बाढ़ का मुख्य कारण है. तटीय क्षेत्रों में, बढ़ते प्रदूषण ने फाइटोप्लांकटन के घनत्व को कम कर दिया है, जो अंततः भारतीय मछुआरों की आजीविका को प्रभावित करने वाले क्षेत्र में मछली की आबादी को सीधे प्रभावित करता है. इन सबको ठीक करना बहुत बड़ी चुनौती है.

कृषि

भारत में कृषि के लिए कृषि तकनीक मुख्य चुनौतियों में से एक रहेगा. भारतीय किसान मुख्य रूप से अपनी उपज को बेचने के लिए बाजारों पर निर्भर रहते हैं. हालांकि, इन्हें उपज को मूल्य वृद्धि के बिना उपभोक्ता बाजार में बेचना पड़ता है. सरकार ने कई बार किसानों की आय बढ़ाने में अपनी रुचि व्यक्त की है और इसके लिए कृषि तकनीक की जरूरत पड़ती है. सरकार की कई योजनाएं और नीतियां किसानों की उपज को और अधिक मूल्यवान बनाने पर केंद्रित हैं. फार्म बिल 2020 और विरोध प्रदर्शन सरकार के लिए एक चुनौती बना रहेगा. यदि सरकार ने अपने फैसले को बरकरार रखने का फैसला किया, तो उसे किसानों के लिए बड़ी कंपनियों से किसी भी तरह के उत्पीड़न को रोकने के लिए उचित तंत्र खोजना होगा. अगर सरकार झुकने का फैसला करती है, तो सरकार को एमएसपी पर फैसला करना होगा और इस तरह यह एक और रणनीतिक चुनौती पेश करेगा.

राजनीति

देश के 4 राज्यों पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, असम, केरल और 1 केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में 2021 में चुनाव होने हैं. तमिलनाडु के 3 निर्वाचन क्षेत्र, मणिपुर के 7, राजस्थान के 3, कर्नाटक के 2, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मिजोरम, नागालैंड, ओडिशा, तेलंगाना और झारखंड में 2021 की कुछ विधानसभा सीटों पर भी उपचुनाव होने हैं. कोरोना के बीच इन्हें शांतिपूर्ण ढंग से कराना बड़ी चुनौती है.

हैदराबाद : 2020 बीत गया. यह साल पूरी दुनिया को परेशान करने वाला रहा. लोग तो लोग देश तक कैद हो गए. कारण कोरोना. 2019 दिसंबर में चीन के वुहान शहर से निकला यह कोरोना वायरस 2020 की शुरूआत में ही दुनिया भर के देशों में फैल गया और लाखों लोगों की अब तक जान ले चुका है. करोड़ों इससे संक्रमित हो गए. हालांकि, 2020 के अंत होते-होते इसका टीका बन गया तो लोगों ने राहत की सांस ली है. ब्रिटेन में मिले नए स्ट्रेन ने जरूर कुछ चिंता बढ़ाई है मगर फिर भी लग रहा है कि 2021 साल 2020 के मुकाबले अच्छा होगा. भारत के लिए 2021 में चुनौतियां तो कई रहेंगी मगर आइए बात करते हैं पर्यावरण, कृषि और राजनीति में होने वाली चुनौतियों की.

पर्यावरण

महामारी के बाद कई कंपनियों के चीन में अपने कार्यालयों को बंद करने की चर्चाओं के बीच भारत निवेश बढ़ने को लेकर आशान्वित है. ऐसे परिदृश्य में सतत विकास बनाए रखना भारत के लिए एक चुनौती होगी. हालांकि, अधिक निवेश आकर्षित करने के लिए एफडीआई को 49% से 74% तक बढ़ाया गया है. इससे अर्थव्यवस्था की सेहत तो शायद सुधर जाए मगर असली चिंता पर्यावरण की है. पर्यावरण की गिरावट भारत में प्रति वर्ष यूएसडी 80 बिलियन के आसपास होती है, जो कि सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 5.7% है. हाल में हुए 178 देशों के पर्यावरण सर्वेक्षण में भारत को 155वां स्थान दिया गया. सर्वेक्षण में यह भी पाया गया कि दुनिया के 20 सबसे प्रदूषित शहरों में से 13 भारत में हैं. भारत को अपने प्रमुख शहरों और बढ़ते शहरों में वायु प्रदूषण के बढ़ते चोकहोल्ड को प्रबंधित करने की चुनौती का भी सामना करना पड़ता है. अधिक पैदावार के लिए भूमि का क्षरण कृषि क्षेत्र के लिए एक मुद्दा बना हुआ है. ग्लोबल वार्मिंग के कारण हिमालय में ग्लेशियरों का पिघलना उत्तरी भारत में सूखे और बाढ़ का मुख्य कारण है. तटीय क्षेत्रों में, बढ़ते प्रदूषण ने फाइटोप्लांकटन के घनत्व को कम कर दिया है, जो अंततः भारतीय मछुआरों की आजीविका को प्रभावित करने वाले क्षेत्र में मछली की आबादी को सीधे प्रभावित करता है. इन सबको ठीक करना बहुत बड़ी चुनौती है.

कृषि

भारत में कृषि के लिए कृषि तकनीक मुख्य चुनौतियों में से एक रहेगा. भारतीय किसान मुख्य रूप से अपनी उपज को बेचने के लिए बाजारों पर निर्भर रहते हैं. हालांकि, इन्हें उपज को मूल्य वृद्धि के बिना उपभोक्ता बाजार में बेचना पड़ता है. सरकार ने कई बार किसानों की आय बढ़ाने में अपनी रुचि व्यक्त की है और इसके लिए कृषि तकनीक की जरूरत पड़ती है. सरकार की कई योजनाएं और नीतियां किसानों की उपज को और अधिक मूल्यवान बनाने पर केंद्रित हैं. फार्म बिल 2020 और विरोध प्रदर्शन सरकार के लिए एक चुनौती बना रहेगा. यदि सरकार ने अपने फैसले को बरकरार रखने का फैसला किया, तो उसे किसानों के लिए बड़ी कंपनियों से किसी भी तरह के उत्पीड़न को रोकने के लिए उचित तंत्र खोजना होगा. अगर सरकार झुकने का फैसला करती है, तो सरकार को एमएसपी पर फैसला करना होगा और इस तरह यह एक और रणनीतिक चुनौती पेश करेगा.

राजनीति

देश के 4 राज्यों पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, असम, केरल और 1 केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में 2021 में चुनाव होने हैं. तमिलनाडु के 3 निर्वाचन क्षेत्र, मणिपुर के 7, राजस्थान के 3, कर्नाटक के 2, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मिजोरम, नागालैंड, ओडिशा, तेलंगाना और झारखंड में 2021 की कुछ विधानसभा सीटों पर भी उपचुनाव होने हैं. कोरोना के बीच इन्हें शांतिपूर्ण ढंग से कराना बड़ी चुनौती है.

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