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जीएसटी अधिकारियों ने जाली बिल निकालने वाली 23 इकाइयों का भंडाफोड़ किया - 23 इकाइयों का भंडाफोड़ किया

जीएसटी अधिकारियों ने जाली बिल निकालने वाली 23 इकाइयों का भंडाफोड़ किया है. इन 23 कंपनियों का गठन बिना माल की बिक्री के बिल निकालने और आगे आईटीसी देने के लिए किया गया था. विस्तार से पढ़ें पूरी खबर...

जीएसटी अधिकारियों
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Published : Jul 11, 2021, 4:07 PM IST

नई दिल्ली : माल एवं सेवा कर (Goods and Service Tax ) (जीएसटी) अधिकारियों (CGST officials ) ने 551 करोड़ रुपये के जाली बिल (इन्वॉयस) निकालने और गलत तरीके से 91 करोड़ रुपये का इनपुट कर क्रेडिट आगे देने वाली 23 इकाइयों का भंडाफोड़ किया है.

वित्त मंत्रालय ने बयान में कहा कि खुफिया सूचना के आधार पर केंद्रीय माल एवं सेवा कर (सीजीएसटी) आयुक्तालय, दिल्ली (पश्चिम) की कर निरोधक शाखा ने जाली बिलों जरिये 91 करोड़ रुपये का इनपुट कर क्रेडिट आगे देने के मामले का भंडाफोड़ किया है.

इस मामले में शामिल कंपनियों में मेसर्स गिरधर एंटरप्राइजेज, मेसर्स अरुण सेल्स, मेसर्स अक्षय ट्रेडर्स, मेसर्स श्री पद्मावती एंटरप्राइजेज के अलावा 19 अन्य इकाइयां शामिल हैं. इन 23 कंपनियों का गठन बिना माल की बिक्री के बिल निकालने और आगे आईटीसी देने के लिए किया गया था.

यह भी पढ़ें- जीएसटी आसूचना अधिकारियों ने 25 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी पकड़ी

मंत्रालय ने कहा कि स्वर्गीय दिनेश गुप्ता, शुभम गुप्ता, विनोद जैन और योगेश गोयल (Yogesh Goel) जाली इन्वॉयस निकालने के धंधे से जुड़े थे. इन आरोपियों ने स्वैच्छिक रूप से अपना बयान देकर दोष स्वीकार कर लिया है. तीन आरोपियों को 10 जुलाई को सीजीएसटी कानून में धारा 132 के तहत गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.

नई दिल्ली : माल एवं सेवा कर (Goods and Service Tax ) (जीएसटी) अधिकारियों (CGST officials ) ने 551 करोड़ रुपये के जाली बिल (इन्वॉयस) निकालने और गलत तरीके से 91 करोड़ रुपये का इनपुट कर क्रेडिट आगे देने वाली 23 इकाइयों का भंडाफोड़ किया है.

वित्त मंत्रालय ने बयान में कहा कि खुफिया सूचना के आधार पर केंद्रीय माल एवं सेवा कर (सीजीएसटी) आयुक्तालय, दिल्ली (पश्चिम) की कर निरोधक शाखा ने जाली बिलों जरिये 91 करोड़ रुपये का इनपुट कर क्रेडिट आगे देने के मामले का भंडाफोड़ किया है.

इस मामले में शामिल कंपनियों में मेसर्स गिरधर एंटरप्राइजेज, मेसर्स अरुण सेल्स, मेसर्स अक्षय ट्रेडर्स, मेसर्स श्री पद्मावती एंटरप्राइजेज के अलावा 19 अन्य इकाइयां शामिल हैं. इन 23 कंपनियों का गठन बिना माल की बिक्री के बिल निकालने और आगे आईटीसी देने के लिए किया गया था.

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मंत्रालय ने कहा कि स्वर्गीय दिनेश गुप्ता, शुभम गुप्ता, विनोद जैन और योगेश गोयल (Yogesh Goel) जाली इन्वॉयस निकालने के धंधे से जुड़े थे. इन आरोपियों ने स्वैच्छिक रूप से अपना बयान देकर दोष स्वीकार कर लिया है. तीन आरोपियों को 10 जुलाई को सीजीएसटी कानून में धारा 132 के तहत गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.

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