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केंद्रीय योजनाओं में सीएम जगन का नाम इस्तेमाल करने पर केंद्र ने आंध्र प्रदेश का 4000 करोड़ रुपये रोका

केंद्र सरकार की योजनाओं में मुख्यमंत्री जगन का फोटो लगाने पर करीब चार हजार करोड़ का फंड रोक दिया गया है. केंद्र ने राज्य सरकार को लिखे पत्र में कहा है कि केंद्रीय नियमों पालन सख्ती से किया जाए. YSRCP govt, center to AP, letter to AP govt, Centre withholds Rs 4000 crore funds, CM Jagans name in central schemes.

CM Jagans name in central schemes
सीएम जगन मोहन रेड्डी
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 7, 2023, 3:27 PM IST

अमरावती: केंद्र प्रायोजित योजनाओं पर सीएम जगन मोहन रेड्डी की फोटो छापने पर केंद्र सरकार ने नाराजगी जताई है. उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि अगर वाईएसआरसीपी सरकार योजनाओं को अपना नाम देगी तो वे सहमत नहीं होंगे. हाल ही में राज्य सरकार को पत्र लिखा कि केंद्रीय नियमों को सख्ती से लागू किया जाए.

इसमें कहा गया है कि केंद्र द्वारा निर्धारित नाम, लोगो और अन्य विवरणों में कोई बदलाव नहीं किया जाना चाहिए और राज्य सरकार (वाईएसआर, जगनन्ना) या अन्य लोगो (नवरत्न लोगो) द्वारा दिए गए कोई नाम उनमें नहीं जोड़े जाने चाहिए. राज्य में क्रियान्वित की जा रही विभिन्न केंद्रीय योजनाओं के संबंध में पता चला है कि लगभग 4000 करोड़ रुपये रोके गए हैं. ज्ञात हो कि राज्य के भाजपा नेता केंद्र सरकार की योजनाओं के लिए वाईएसआर और जगन का नाम रखने के खिलाफ हैं.

'वाईएसआर का नाम और नवरत्न का लोगो न लगाएं' : राज्य सरकार जगनन्ना कॉलोनियों में लगभग 18.64 लाख घरों का निर्माण कर रही है. इनके लिए अधिकांश धनराशि केंद्र द्वारा प्रदान की जाती है. केंद्र सरकार प्रत्येक घर के निर्माण के लिए लाभार्थियों को मिलने वाले 1.80 लाख रुपये में से कस्बों में 1.50 लाख रुपये और शहरी विकास संगठनों में 1.80 लाख रुपये दे रही है. हालांकि, आलोचनाएं हो रही हैं कि राज्य सरकार इसे अपनी योजना के रूप में प्रचारित कर रही है.

वाईएसआरसीपी सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना में वाईएसआर नाम जोड़ा और इसे पीएमएवाई-वाईएसआर (शहरी)-बीएलसी योजना में बदल दिया. इसमें केंद्र सरकार का लोगो छपा हुआ है और मुख्यमंत्री जगन की आकृति वाला नवरत्न लोगो भी लगा हुआ है.

इस पर केंद्र ने आपत्ति जताई है. यह पता चला है कि राज्य सरकार का यह तर्क कि हम अंतरिक्ष और अन्य बुनियादी ढांचे का वित्तपोषण भी कर रहे हैं, स्वीकार नहीं किया गया है. राज्य सरकार से संबंधित कोई बात नहीं होनी चाहिए. राज्य सरकार ने वाईएसआर का नाम हटाकर जीओ भी जारी कर दिया है. केंद्र को बताया गया है कि जो 5 लाख घर बन चुके हैं, उनमें लगे बोर्ड बदले जाएंगे.

वाईएस का नाम, नवरत्न लोगो बाहर : प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत राज्य में हो रहे आवास निर्माण की जांच के लिए हाल ही में केंद्रीय टीम ने 10 जिलों का निरीक्षण किया. लेकिन पहले से जानकारी होने के कारण राज्य सरकार ने आनन-फानन में सभी घरों के बोर्ड बदल दिए. केंद्रीय टीम ने अपने दो दिन के दौरे के बाद विवरण की सूचना दी. इसके आधार पर आगे की धनराशि जारी की जाएगी.

दरअसल महिला एवं बाल कल्याण विभाग में केंद्रीय वित्तीय सहयोग से आईसीडीएस एवं पोषण योजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं. मिशन वात्सल्य और मिशन शक्ति योजनाएं केंद्रीय सहयोग से संचालित हैं. आंगनवाड़ी केंद्रों में गर्भवती महिलाओं, शिशुओं और बच्चों को पोषण प्रदान करने के लिए केंद्र प्रति व्यक्ति प्रति दिन 4 रुपये खर्च करता है. लेकिन राज्य सरकार ने इनका नाम वाईएसआर संपूर्ण पोषण और पोषण प्लस रखा. बताया जा रहा है कि केंद्र ने इस पर आपत्ति जताई है और फंड रोक दिया है.

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अमरावती: केंद्र प्रायोजित योजनाओं पर सीएम जगन मोहन रेड्डी की फोटो छापने पर केंद्र सरकार ने नाराजगी जताई है. उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि अगर वाईएसआरसीपी सरकार योजनाओं को अपना नाम देगी तो वे सहमत नहीं होंगे. हाल ही में राज्य सरकार को पत्र लिखा कि केंद्रीय नियमों को सख्ती से लागू किया जाए.

इसमें कहा गया है कि केंद्र द्वारा निर्धारित नाम, लोगो और अन्य विवरणों में कोई बदलाव नहीं किया जाना चाहिए और राज्य सरकार (वाईएसआर, जगनन्ना) या अन्य लोगो (नवरत्न लोगो) द्वारा दिए गए कोई नाम उनमें नहीं जोड़े जाने चाहिए. राज्य में क्रियान्वित की जा रही विभिन्न केंद्रीय योजनाओं के संबंध में पता चला है कि लगभग 4000 करोड़ रुपये रोके गए हैं. ज्ञात हो कि राज्य के भाजपा नेता केंद्र सरकार की योजनाओं के लिए वाईएसआर और जगन का नाम रखने के खिलाफ हैं.

'वाईएसआर का नाम और नवरत्न का लोगो न लगाएं' : राज्य सरकार जगनन्ना कॉलोनियों में लगभग 18.64 लाख घरों का निर्माण कर रही है. इनके लिए अधिकांश धनराशि केंद्र द्वारा प्रदान की जाती है. केंद्र सरकार प्रत्येक घर के निर्माण के लिए लाभार्थियों को मिलने वाले 1.80 लाख रुपये में से कस्बों में 1.50 लाख रुपये और शहरी विकास संगठनों में 1.80 लाख रुपये दे रही है. हालांकि, आलोचनाएं हो रही हैं कि राज्य सरकार इसे अपनी योजना के रूप में प्रचारित कर रही है.

वाईएसआरसीपी सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना में वाईएसआर नाम जोड़ा और इसे पीएमएवाई-वाईएसआर (शहरी)-बीएलसी योजना में बदल दिया. इसमें केंद्र सरकार का लोगो छपा हुआ है और मुख्यमंत्री जगन की आकृति वाला नवरत्न लोगो भी लगा हुआ है.

इस पर केंद्र ने आपत्ति जताई है. यह पता चला है कि राज्य सरकार का यह तर्क कि हम अंतरिक्ष और अन्य बुनियादी ढांचे का वित्तपोषण भी कर रहे हैं, स्वीकार नहीं किया गया है. राज्य सरकार से संबंधित कोई बात नहीं होनी चाहिए. राज्य सरकार ने वाईएसआर का नाम हटाकर जीओ भी जारी कर दिया है. केंद्र को बताया गया है कि जो 5 लाख घर बन चुके हैं, उनमें लगे बोर्ड बदले जाएंगे.

वाईएस का नाम, नवरत्न लोगो बाहर : प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत राज्य में हो रहे आवास निर्माण की जांच के लिए हाल ही में केंद्रीय टीम ने 10 जिलों का निरीक्षण किया. लेकिन पहले से जानकारी होने के कारण राज्य सरकार ने आनन-फानन में सभी घरों के बोर्ड बदल दिए. केंद्रीय टीम ने अपने दो दिन के दौरे के बाद विवरण की सूचना दी. इसके आधार पर आगे की धनराशि जारी की जाएगी.

दरअसल महिला एवं बाल कल्याण विभाग में केंद्रीय वित्तीय सहयोग से आईसीडीएस एवं पोषण योजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं. मिशन वात्सल्य और मिशन शक्ति योजनाएं केंद्रीय सहयोग से संचालित हैं. आंगनवाड़ी केंद्रों में गर्भवती महिलाओं, शिशुओं और बच्चों को पोषण प्रदान करने के लिए केंद्र प्रति व्यक्ति प्रति दिन 4 रुपये खर्च करता है. लेकिन राज्य सरकार ने इनका नाम वाईएसआर संपूर्ण पोषण और पोषण प्लस रखा. बताया जा रहा है कि केंद्र ने इस पर आपत्ति जताई है और फंड रोक दिया है.

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