नई दिल्ली : केंद्र ने अपने सरकारी अस्पतालों एवं केंद्र सरकार स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) के तहत आने वाले आरोग्य केंद्रों के चिकित्सकों को चेतावनी दी है कि वे मरीजों के लिए जेनेरिक दवाइयां लिखने के नियम का पालन करें, अन्यथा उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. केंद्र सरकार ने चिकित्सकों को यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि अस्पतालों में मेडिकल रीप्रजेंटेटिव (दवा कंपनियों के प्रतिनिधियों) के आने पर रोक लगाई जाए. सरकार के आदेश के अनुसार, केंद्र सरकार के अस्पतालों, सीजीएचएस आरोग्य केंद्रों और पॉलीक्लिनिक के चिकित्सकों को समय-समय पर निर्देश दिया गया है कि वे केवल जेनेरिक दवाएं ही लिखें.
जानकारी के मुताबिक, महानिदेशक स्वास्थ्य सेवा (डीजीएचएस) द्वारा जारी कार्यालय आदेश के अनुसार, केंद्र सरकार के अस्पतालों/सीजीएचएस वेलनेस सेंटर/पॉलीक्लिनिक के सभी डॉक्टरों को समय-समय पर केवल जेनेरिक दवाएं लिखने का निर्देश दिया गया है. लेकिन यह देखा गया है कि डॉक्टर (रेजीडेंट सहित) कुछ मामलों में ब्रांडेड दवाएं लिखना जारी रखे हुए हैं, जिस पर अब केंद्र ने सख्ती दिखाई है.
स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक डॉ. अतुल गोयल ने 12 मई को जारी एक आदेश में कहा, "इसके बावजूद, यह देखा गया है कि कुछ मामलों में (रेजीडेंट सहित) चिकित्सक अब भी ब्रांडेड दवाएं लिख रहे हैं." आदेश के अनुसार, सभी संस्थानों के प्रमुखों से कहा गया है कि वे अपने अधीन काम करने वाले चिकित्सकों द्वारा इसका सख्ती से पालन सुनिश्चित करें. इसमें कहा गया है कि आदेश का पालन नहीं करने पर कार्रवाई की जाएगी. कार्यालय आदेश में यह स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि यदि कोई इस आदेश का अनुपालन नहीं करता है तो उसके खिलाफ आगे की कार्रवाई की जाएगी, जिसके परिणामों के लिए वह स्वयं उत्तरदायी होगा." इसके अलावा, यह सुनिश्चित किया जाए कि चिकित्सा प्रतिनिधियों का अस्पताल परिसर में आना-जाना पूरी तरह से कम हो. किसी नए लॉन्च के बारे में कोई भी जानकारी केवल ईमेल के माध्यम से दी जा सकती है.
(पीटीआई-एएनआई)