चंडीगढ़ : प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (State Congress Committee President Navjot Singh Sidhu) ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि भुगतान से पहले किसानों से पैसे मांगना पूरी तरह से पंजाब की सामाजिक-आर्थिक व्यवस्था के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार पंजाब में एक देश दो मंडियों की व्यवस्था करना चाहती है क्योंकि फर्ड ऑर्डर केवल एपीएमसी के लिए लागू होगा और उसके बाद ही एमएसपी उपलब्ध होगा जबकि निजी मंडी में ऐसी कोई शर्त नहीं होगी.
सिद्धू ने सोमवार को एक ट्वीट में केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि खेती अनुबंध के आधार पर की जाती थी और कई लोगों के पास मौखिक अनुबंध था क्योंकि उनका संयुक्त मुश्तका खाता था. इस वजह से पंजाब में कई जमींदारों के पास प्रत्यक्ष स्वामित्व नहीं है. वहीं कई जमींदार विदेश में रहते हैं और भूमि विवाद हैं.
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सिद्धू ने कहा कि केंद्र सरकार का वन नेशन वन मार्केट का दावा पूरी तरह झूठा है कि सरकारी बाजार में फसल बेचने के लिए जमीन का रिकॉर्ड दिखाना होगा और किसान को पहले जमीन का रिकॉर्ड हासिल करना होगा. उन्हें कई अन्य सरकारी झंझटों का चक्कर लगाना होगा, तभी वे भुगतान प्राप्त कर पाएंगे. उन्होंने कहा कि उधर अंबानी और अडानी फसल बेचने के लिए निजी बाजार जाएंगे, ऐसी कोई शर्त नहीं होगी.
सिद्धू ने कहा कि केंद्र सरकार अंग्रेजों की तरह पंजाब में बाजार व्यवस्था को तोड़ना और सांप्रदायिक विभाजन पैदा करना चाहती है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का कहना है कि पंजाब सरकार को किसानों के राजस्व रिकॉर्ड के बारे में सब कुछ पता है लेकिन इसके विपरीत राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण 2012 कहता है कि 24 प्रतिशत खेती अनुबंध के आधार पर की जाती है. जबकि हकीकत यह है कि ठेका मौखिक होता है, इसका लिखित रिकॉर्ड है.