नई दिल्ली : बिजली मंत्रालय ने शक्ति नीति (Shakti policy) के तहत पांच साल के लिए 4,500 मेगावॉट बिजली खरीद को लेकर योजना शुरू की है (Centre launches scheme). सोमवार को जारी आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, 'बिजली मंत्रालय ने वित्त, स्वामित्व और संचालन (एफओओ) के आधार पर शक्ति (भारत में पारदर्शी रूप से कोयले के उपयोग और आवंटन की योजना) नीति के पैरा ख (पांच) के तहत प्रतिस्पर्धी आधार पर 4,500 मेगावॉट बिजली की खरीद को लेकर योजना शुरू की है.'
मंत्रालय ने इसके लिए पीएफसी लि. की पूर्ण अनुषंगी पीएफसी कंसल्टिंग लि. को नोडल एजेंसी बनाया है. योजना के तहत पीएफसी कंसल्टिंग लि. ने 4,500 मेगावॉट बिजली की आपूर्ति के लिए बोलियां आमंत्रित की हैं. बिजली आपूर्ति अप्रैल, 2023 से शुरू होगी. कोयला मंत्रालय से इसके लिए सालाना 2.7 करोड़ टन कोयला आवंटित करने का अनुरोध किया गया है.
बयान के अनुसार, इस योजना को लेकर गुजरात ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड, महाराष्ट्र स्टेट इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रिब्यूशन कंपनी लिमिटेड, मध्य प्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड, नई दिल्ली नगर निगम और तमिलनाडु जनरेशन एंड डिस्ट्रिब्यूशन कॉरपोरेशन लिमिटेड जैसी कंपनियां ने रुचि दिखाई है.
बोली जमा करने की अंतिम तिथि 21 दिसंबर, 2022 है. यह पहली बार है जब शक्ति योजना के पैरा ख (5) के तहत बोली आमंत्रित की गई है. साथ ही इस बोली में मध्यम अवधि के लिए संशोधित बिजली खरीद समझौता का उपयोग किया जाएगा. इस योजना से बिजली की कमी से जूझ रहे राज्यों को लाभ होगा. साथ ही उत्पादक कंपनियों को अपनी क्षमता बढ़ाने में मदद मिलेगी.
पढ़ें- राज्य सरकारें बिजली कंपनियों के बकाया का भुगतान करेंः मोदी
(इनपुट पीटीआई-भाषा)