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केंद्र ने NEET में आरक्षण के लिए EWS श्रेणी में 8 लाख सालाना आय की सीमा को सही ठहराया - Supreme Court

केंद्र ने मेडिकल पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए नीट (NEET) में आरक्षण के वास्ते आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के निर्धारण के लिए तय की गई आठ लाख रुपये सालाना आय की सीमा को उचित ठहराया है. केंद्र ने इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है.

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Published : Oct 27, 2021, 5:43 AM IST

नई दिल्ली : केंद्र ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के समक्ष मेडिकल पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए नीट में आरक्षण के वास्ते आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के निर्धारण के लिए तय की गई आठ लाख रुपये सालाना आय की सीमा के अपने फैसले को सही ठहराया.
शीर्ष अदालत के समक्ष सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा दायर एक हलफनामे में कहा गया कि राशि तय करने का सिद्धांत तर्कसंगत और संविधान के अनुच्छेद 14, 15 और 16 के तहत है.
अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) आरक्षण के लिए क्रीमी लेयर का निर्धारण करने के वास्ते अपनाया गया तरीका ईडब्ल्यूएस श्रेणी के निर्धारण के लिए समान रूप से लागू होगा क्योंकि मूल आधार यह है कि यदि किसी व्यक्ति/उसके परिवार की आर्थिक स्थिति पर्याप्त मजबूत है, तो उसे दूसरों के खर्च पर आरक्षण के लाभों की आवश्यकता नहीं हो सकती.
मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) एस. आर. सिन्हा आयोग का गठन संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार ने 2010 में किया था और इसने ईडब्ल्यूएस श्रेणी के लिए कल्याणकारी उपायों की सिफारिश की थी.
पढ़ें- केंद्र से सुप्रीम कोर्ट से कहा- SC/ST पदोन्नति में आरक्षण लागू करने के लिए निर्णायक आधार निर्धारित करें

मंत्रालय ने हलफनामे में कहा कि ईडब्ल्यूएस श्रेणी के निर्धारण के मानदंड सभी संबंधित हितधारकों के साथ विचार-विमर्श के बाद तैयार किए गए थे.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : केंद्र ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के समक्ष मेडिकल पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए नीट में आरक्षण के वास्ते आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के निर्धारण के लिए तय की गई आठ लाख रुपये सालाना आय की सीमा के अपने फैसले को सही ठहराया.
शीर्ष अदालत के समक्ष सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा दायर एक हलफनामे में कहा गया कि राशि तय करने का सिद्धांत तर्कसंगत और संविधान के अनुच्छेद 14, 15 और 16 के तहत है.
अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) आरक्षण के लिए क्रीमी लेयर का निर्धारण करने के वास्ते अपनाया गया तरीका ईडब्ल्यूएस श्रेणी के निर्धारण के लिए समान रूप से लागू होगा क्योंकि मूल आधार यह है कि यदि किसी व्यक्ति/उसके परिवार की आर्थिक स्थिति पर्याप्त मजबूत है, तो उसे दूसरों के खर्च पर आरक्षण के लाभों की आवश्यकता नहीं हो सकती.
मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) एस. आर. सिन्हा आयोग का गठन संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार ने 2010 में किया था और इसने ईडब्ल्यूएस श्रेणी के लिए कल्याणकारी उपायों की सिफारिश की थी.
पढ़ें- केंद्र से सुप्रीम कोर्ट से कहा- SC/ST पदोन्नति में आरक्षण लागू करने के लिए निर्णायक आधार निर्धारित करें

मंत्रालय ने हलफनामे में कहा कि ईडब्ल्यूएस श्रेणी के निर्धारण के मानदंड सभी संबंधित हितधारकों के साथ विचार-विमर्श के बाद तैयार किए गए थे.

(पीटीआई-भाषा)

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