नई दिल्ली/श्रीनगर : इजरायल-फिलिस्तीन युद्ध (Israel- Hamas War) के बीच यहां पूरे भारत में हाई अलर्ट जारी (Centre Issues Alert) कर दिया गया है. गृह मंत्रालय (एमएचए) ने राज्य सरकारों और केंद्रशासित प्रदेश प्रशासनों से देश में रहने वाले इजरायली और यहूदी लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कहा है. साथ ही मंत्रालय ने अधिकारियों से इजरायली राजनयिकों, कर्मचारियों और पर्यटकों को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करने को कहा है. गृह मंत्रालय की ओर से शुक्रवार सुबह जारी एक बयान में महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश और गोवा में खास उन जगहों पर सुरक्षा बढ़ाने को कहा गया, जहां इजरायली लोगों की आबादी सबसे ज्यादा है.
गौरतलब है कि महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश और गोवा जैसे राज्य इजरायलियों के लिए कुछ पसंदीदा स्थानों में से हैं. गृह मंत्रालय ने अधिकारियों से राजनयिकों, कर्मचारियों और पर्यटकों सहित इजरायली नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा है. अधिकारियों को उन स्थानों पर सुरक्षा कर्मियों की भारी तैनाती सुनिश्चित करने के लिए भी कहा गया, जहां इजरायली नागरिकों की आवाजाही अधिक होती है. यहूदी भी अक्टूबर और नवंबर के महीने में भारत में अपने त्योहार मनाते हैं. इस दौरान सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट रहने को कहा गया है. विभिन्न इजरायली पर्यटन स्थलों, इजरायली प्रतिनिधिमंडलों की सुरक्षा, कोषेर रेस्तरां, संग्रहालयों, स्कूलों, रिसॉर्ट्स और अन्य प्रमुख क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश जारी किया गया है.
श्रीनगर जामिया मस्जिद में जुमे की नमाज की अनुमति नहीं : इजराइल-हमास युद्ध के मद्देनजर शुक्रवार को जम्मू कश्मीर के ऐतिहासिक जामिया मस्जिद (Srinagar Jamia Masjid) में नमाज की अनुमति नहीं (Masjid Friday prayers not allowed) दी गई. अधिकारियों ने बताया कि स्थानीय नौहट्टा इलाके में स्थित मस्जिद में ताला लगा दिया गया और जुमे की नमाज की अनुमति नहीं दी गई. उन्होंने बताया कि कानून व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए मस्जिद के आसपास भी सुरक्षा बल के जवानों को तैनात कराया गया. सूत्रों ने कहा कि गाजा पट्टी में इजराइल की कार्रवाई के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की आशंका से जामिया मस्जिद में नमाज की अनुमति नहीं दी गई, हालांकि इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है. मस्जिद की प्रबंधन इकाई अंजुमन औकाफ जामिया मस्जिद ने एक बयान में कहा कि पुलिस अधिकारियों ने मस्जिद का गेट बंद कर दिया और जुमे की नमाज की अनुमति नहीं दी गई. औकाफ ने यह भी दावा किया कि हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक को शुक्रवार सुबह फिर से नजरबंद कर दिया गया. पांच अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के मद्देनजर चार साल की नजरबंदी के बाद अलगाववादी नेता मीरवाइज को हाल में रिहा किया गया था.