नई दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा विभिन्न कैडर के चार भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारियों को इंटलिजेंस ब्यूरो (IB) के 'हार्ड-कोर' में शामिल किया गया है. इस बारे में घोषणा करते हुए कैबिनेट की नियुक्ति समिति (ACC) ने मंगलवार को जारी एक अधिसूचना में कहा कि गृह मंत्रालय (MHA) के प्रस्तावों के बाद नियुक्ति की गई है. इसमें आईपीएस अधिकारी दीपांकर त्रिवेदी, अमृता दास, अके रवि कृष्णा और वीणा भारती को प्रमुख खुफिया ब्यूरो में शामिल किया गया है.
चारों आईपीएस अधिकारी पहले से ही आईबी में कार्यरत हैं. इनके 'हार्ड-कोर' में शामिल होने का मतलब है कि वे आईबी में बने रहेंगे और उन्हें उनके मूल कैडर में वापस नहीं भेजा जाएगा. हालांकि, ऐसे अवसर हो सकते हैं जब गंभीर प्रशासनिक कारणों से अधिकारी को राज्य में वापस भेजना आवश्यक हो सकता है और ऐसे मामलों की जांच गृह सचिव, सचिव (कार्मिक) और निदेशक, आईबी की एक समिति द्वारा की जा सकती है और इसकी सिफारिशें प्रस्तुत की जा सकती हैं.
पिछले साल जून में, कुल 12 आईबी अधिकारियों में से छह अधिकारियों को आईबी में विशेष निदेशक के पद पर पदोन्नत किया गया था. बाकी को सीमा सुरक्षा बल (BSF), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के अलावा केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) में विशेष महानिदेशक स्तर पर पदोन्नत किया गया था. इस संबंध में एक अधिकारी ने बताया कि हार्ड कोर पैनल में शामिल होने पर पदोन्नति दी जाएगी भले ही व्यक्तिगत अपग्रेडेशन जरूरी हो.
हालांकि आईबी में विभिन्न रैंकों में पदोन्नति आईबी में कार्यरत सूचीबद्ध अधिकारियों की वरिष्ठता के क्रम के मुताबिक होगी. अधिकारी ने कहा कि अगर किसी हार्ड-कोर अधिकारी को डीजी स्तर पर पदोन्नत किया जा रहा है तो उसे राज्य में प्रत्यावर्तन की अनुमति दी जा सकती है. एजेंसी के हार्ड-कोर अधिकारियों को केंद्र सरकार के तहत सुरक्षा और खुफिया संबंधी कार्यों में नियुक्ति के लिए विचार किया जाता रहेगा.
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