नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम (अफस्पा), 1958 के तहत अरुणाचल प्रदेश और नगालैंड के कुछ हिस्सों का 'अशांत क्षेत्र' का दर्जा छह महीने के लिए बढ़ा दिया. दो अलग-अलग अधिसूचनाओं के मुताबिक, दोनों राज्यों में कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा के बाद यह फैसला लिया गया है. अफस्पा अशांत क्षेत्रों में तैनात सशस्त्र बलों के कर्मियों को 'सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने' के लिए आवश्यक समझे जाने पर तलाशी लेने, गिरफ्तार करने और गोली चलाने की व्यापक शक्तियां देता है.
पहली अधिसूचना में कहा गया है कि अरुणाचल प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति की एक बार फिर समीक्षा की गई है. इसलिए, अब अरुणाचल प्रदेश के तिरप, चांगलांग और लोंगडिंग जिलों और असम की सीमा से सटे राज्य के नमसाई जिले के नमसाई, महादेवपुर तथा चौखम पुलिस थानों के अधिकार क्षेत्र में आने वाले इलाकों को अफस्पा, 1958 की धारा तीन के तहत एक अप्रैल 2023 से छह महीने की अवधि के लिए या उससे पहले आदेश वापस लिए जाने तक 'अशांत क्षेत्र' घोषित किया जाता है.
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दूसरी अधिसूचना में गृह मंत्रालय ने कहा है कि केंद्र सरकार ने अफस्पा, 1958 की धारा तीन द्वारा प्रदत्त शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए नगालैंड के नौ जिलों और चार जिलों के 16 थाना क्षेत्रों में आने वाले इलाकों को एक अक्टूबर 2022 से अगले छह महीनों के लिए 'अशांत क्षेत्र' घोषित किया था. अधिसूचना में कहा गया है कि अब नगालैंड के आठ जिलों और पांच जिलों के 21 थाना क्षेत्रों में आने वाले इलाकों पर 'अशांत क्षेत्र' का दर्जा अगले छह महीने तक के लिए लागू होगा. अधिसूचना के मुताबिक, नगालैंड में कानून-व्यवस्था की स्थिति की एक बार फिर समीक्षा की गई है.
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इसलिए, अब राज्य के दीमापुर, निउलैंड, चुमौकेदिमा, मोन, किफिरे, नोकलाक, फेक और पेरेन जिलों के अलावा कोहिमा जिले के खुजामा, कोहिमा उत्तर, कोहिमा दक्षिण, जुब्जा और केजोचा थाना क्षेत्र; मोकोकचुंग जिले के मांगकोलेंबा, मोकोकचुंग-1, लोंगथो, तुली, लोंगचेम और अनाकी 'सी' थाना क्षेत्र; लॉन्गलेंग जिले के यांगलोक थाना क्षेत्र; वोखा जिले के भंडारी, चंपांग और रालन थाना क्षेत्र; और जुन्हेबोटो जिले के घटाशी, पुघोबोटो, सतखा, सुरुहुतो, जुन्हेबोटो और अघुनातो थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले इलाकों को अफस्पा, 1958 की धारा तीन के तहत एक अप्रैल 2023 से छह महीने की अवधि के लिए या उससे पहले आदेश वापस लिए जाने तक 'अशांत क्षेत्र' घोषित किया जाता है.
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(पीटीआई-भाषा)