नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने कुछ राज्यों में अचानक से बढ़े कोरोना के मामलों के मद्देनजर संक्रमण रोकने उचित कदम उठाने के लिए कहा है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल के सचिव राजीव गौबा के साथ सात राज्यों में बढ़ रहे कोरोना के मामलों पर चिंता व्यक्त की है.
स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने ईटीवी भारत को बताया कि महाराष्ट्र, केरल, पंजाब, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, गुजरात और छत्तीसगढ़ के प्रशासन के साथ चर्चा के दौरान गौबा ने उन्हें प्रभावित जिलों में कोरोना जांच बढ़ाने के निर्देश दिए हैं.
भारत में 89 प्रतिशत से अधिक नए कोरोना के मामले इन 7 राज्यों से आए हैं. सबसे अधिक महाराष्ट्र में प्रतिदिन 8,807 नए मामले दर्ज किए गए हैं और सबसे कम केरल में 4,106 मामले दर्ज किए गए हैं. केंद्र ने इन राज्यों में उच्च स्तरीय मल्टी डिसिप्लिनरी केंद्रीय टीमों की भी तैनाती की है, जिससे कोरोना के बढ़ते मामलों के कारणों का पता लगाया जा सके और संक्रमण को रोका जा सके.
इस बीच, सरकार ने इन सात राज्यों से आने वाले लोगों को नई दिल्ली में प्रवेश करने से पहले कोरोना की परीक्षण रिपोर्ट दिखाने के निर्देश दिए हैं.
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) की सलाहकार और वरिष्ठ स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. सुनीला गर्ग ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि कोरोना के बढ़ते मामले बताते हैं कि कोरोना से बचने लागू किए नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है.
डॉ. गर्ग ने कहा कि वैक्सीन लॉन्च किया गया है, लेकिन लोग बड़ी संख्या में वैक्सीन नहीं लगवा रहे हैं. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस उत्परिवर्तन करता है, जो चिंता का विषय है.
हवाई अड्डे पर कोरोना जांच की रिपोर्ट दिखाए जाने के सरकार के कदम को लेकर गर्ग ने कहा कि हवाई अड्डे पर कोरोना जांच रिपोर्ट दिखाया जाना संभव है, क्योंकि उड़ान बिना रुके एक स्थान से दूसरे स्थान तक ही जाती है.
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उन्होंने कहा कि परिचालन के दृष्टिकोण से, बस और ट्रेन के माध्यम से आने वाले लोगों से नकारात्मक परीक्षण रिपोर्ट के लिए पूछना संभव नहीं है, क्योंकि विभिन्न स्थानों पर इस तरह के परिवहन को रोक दिया जाता है.
कोविड-19 टीकाकरण के दूसरे चरण के बारे में उन्होंने कहा कि एक मार्च से 27 करोड़ लोगों को टीका लगाया जाएगा. हम उम्मीद कर रहे हैं कि दूसरा चरण दो महीने के समय में पूरा हो जाएगा, क्योंकि हमारे पास 30,000 से अधिक टीकाकरण सुविधाएं होंगी, जो जल्द 1 लाख हो जाएंगी.
उन्होंने कहा कि भारत में टीकाकरण की शुरुआत 16 जनवरी को हुई थी. पहले चरण में तीन करोड़ हेल्थ केयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स को टीके लगाए गए थे.