नई दिल्ली: केंद्र ने राज्यों से कहा है कि वे एक बार टीका उपलब्ध हो जाने की स्थिति में कोविड-19 टीकाकरण अभियान को अंजाम देने के लिए डॉक्टरों, दवा विक्रेताओं, एमबीबीएस और बीडीएस इंटर्न सहित स्वास्थ्यकर्मियों को चिन्हित करें.
केंद्र ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को लिखे पत्र में कहा है कि एमबीबीएस और बीडीएस इंटर्न सहित नर्सों, सहायक नर्सों और दवा विक्रेताओं की टीकाकरण अभियान को अंजाम देने के लिए पहचान की जाए.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव वंदना गुरनानी ने कहा कि राज्य उपरोक्त श्रेणियों से सेवानिवृत्त कर्मियों की भी पहचान कर सकते हैं.
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स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, कोरोना वायरस रोधी टीका उपलब्ध होने जाने की स्थिति में इसे विशेष कोविड-19 टीकाकरण अभियान के तहत वितरित किया जाएगा. इस काम में मौजूदा सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम (यूआईपी) से संबंधित प्रक्रिया, प्रौद्योगिकी और नेटवर्क का पालन किया जाएगा. यह यूआईपी के समानांतर चलेगा.
एक करोड़ स्वास्थ्यकर्मियों की पहचान
सूत्रों के अनुसार, टीकाकरण अभियान में स्वास्थ्यकर्मियों को प्राथमिकता दी जाएगी. डॉक्टरों, एमबीबीएस छात्रों, नर्सों और आशा वर्करों सहित अग्रिम पंक्ति के लगभग एक करोड़ स्वास्थ्यकर्मियों की पहचान की गई है, जिन्हें उपलब्ध होते ही यह टीका लगाया जाएगा.