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पूर्वोत्तर के उग्रवादी संगठनों से केंद्र की अपील, हिंसा छोड़कर बातचीत का रास्ता अपनाएं

केंद्र सरकार (Central government) ने बुधवार को पूर्वोत्तर के सभी आतंकवादी संगठनों (Northeast militants) से हिंसा का रास्ता छोड़कर बातचीत के लिए आने की अपील की है.

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केंद्र सरकार
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Published : Apr 6, 2022, 7:19 PM IST

नई दिल्ली: पूर्वोत्तर क्षेत्र (DoNER) विकास मंत्री जी किशन रेड्डी (G Kishan Reddy) ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा, कि हम पूर्वोत्तर के सभी आतंकवादी संगठनों से हिंसा का रास्ता छोड़ने और बातचीत के लिए आगे आने की अपील करते हैं. पूर्वोत्तर क्षेत्र के कई स्थानों से सशस्त्र बल (विशेष) अधिकार अधिनियम (AFSPA) को निरस्त करने के कुछ दिनों बाद आया रेड्डी का यह बयान बहुत मायने रखता है.

रेड्डी ने कहा कि हमें पूर्वोत्तर क्षेत्र के सभी उग्रवादी संगठनों के साथ बातचीत करने में खुशी होगी. उन्होंने कहा कि जब से भाजपा सत्ता में आई है, सरकार ने पूर्वोत्तर के समग्र विकास के लिए पहल की है. रेड्डी ने कहा कि हमने पूर्वोत्तर के कई स्थानों से अफस्पा वापस ले लिया है क्योंकि उन जगहों पर स्थिति सामान्य है. हाल ही में जारी एक गजट अधिसूचना में गृह मंत्रालय ने असम, मणिपुर और नागालैंड के कई स्थानों से AFSPA को निरस्त कर दिया है.

उल्फा से बातचीत: उल्लेखनीय है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के निर्देशों का पालन करते हुए असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने उल्फा-I प्रमुख परेश बरुआ के साथ बातचीत की प्रक्रिया शुरू की है. पर्यटन मंत्रालय के भी प्रमुख रेड्डी ने कहा कि हमने पूर्वोत्तर में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की हैं. रेड्डी के अनुसार पर्यटन मंत्रालय ने पूर्वोत्तर में 50 स्थलों को व्यू पॉइंट के रूप में चिन्हित किया है. व्यू पॉइट्स की पहचान उनके क्षेत्र और स्थानों के आधार पर की गई है.

पर्यटक स्थलों की पहचान: पर्यटन मंत्रालय में महानिदेशक जी कमलावर्धन राव ने कहा कि यह जगह जैव विविधता और उनकी प्राकृतिक सुंदरता के कारण समृद्ध है. राव ने आगे कहा कि तीर्थयात्रा और आध्यात्मिक कायाकल्प, विरासत संवर्धन अभियान के तहत पूर्वोत्तर में कई स्थानों की पहचान की गई है, ताकि पर्यटन स्थिरता और तीर्थ पर्यटन का विकास किया जा सके. इसस रोजगार सृजन तो होगा ही क्षेत्र का आर्थिक विकास भी तेज किया जा सकेगा.

यह भी पढ़ें- 'पूर्वोत्तर में कम हुआ उग्रवाद, महामारी के बावजूद बढ़ी तस्करी'

राव ने कहा कि योजना का विजन तीर्थयात्रियों, पर्यटकों के आध्यात्मिक अनुभव को जीवंत करना है. साथ ही तीर्थ/विरासत शहर की आत्मा को संरक्षित करना है. विरासत संवर्धन अभियान के तहत परशुराम कुंड (अरुणाचल प्रदेश), कामाख्या और श्रीकृष्णगुरु सेवाश्रम, नासत्रा (असम), चरणथला दुर्गा मंदिर-बाबेदपारा, नर्तियांग शक्ति मंदिर, नोंगसावलिया चर्च-सोहरा, जोवाई (मेघालय) का विकास किया जाएगा. साथ ही आइजोल, ऐलवांग, खावरुलियम और लुंगलेई-सेरकाव (मिजोरम), कोहिमा के कैथेड्रल, नोकसेन चर्च सहित पूर्वोत्तर में मिशन कंपाउंड, एजुटो, मोलुंगकिमोंग, जुन्हेबोटो मिशन कंपाउंड और वानखोसुंग-वोखा (नागालैंड), युकसोम (सिक्किम) और त्रिपुरा सुंदरी (त्रिपुरा) की पहचान की गई है, जिन्हें विकसित किया जाएगा.

नई दिल्ली: पूर्वोत्तर क्षेत्र (DoNER) विकास मंत्री जी किशन रेड्डी (G Kishan Reddy) ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा, कि हम पूर्वोत्तर के सभी आतंकवादी संगठनों से हिंसा का रास्ता छोड़ने और बातचीत के लिए आगे आने की अपील करते हैं. पूर्वोत्तर क्षेत्र के कई स्थानों से सशस्त्र बल (विशेष) अधिकार अधिनियम (AFSPA) को निरस्त करने के कुछ दिनों बाद आया रेड्डी का यह बयान बहुत मायने रखता है.

रेड्डी ने कहा कि हमें पूर्वोत्तर क्षेत्र के सभी उग्रवादी संगठनों के साथ बातचीत करने में खुशी होगी. उन्होंने कहा कि जब से भाजपा सत्ता में आई है, सरकार ने पूर्वोत्तर के समग्र विकास के लिए पहल की है. रेड्डी ने कहा कि हमने पूर्वोत्तर के कई स्थानों से अफस्पा वापस ले लिया है क्योंकि उन जगहों पर स्थिति सामान्य है. हाल ही में जारी एक गजट अधिसूचना में गृह मंत्रालय ने असम, मणिपुर और नागालैंड के कई स्थानों से AFSPA को निरस्त कर दिया है.

उल्फा से बातचीत: उल्लेखनीय है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के निर्देशों का पालन करते हुए असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने उल्फा-I प्रमुख परेश बरुआ के साथ बातचीत की प्रक्रिया शुरू की है. पर्यटन मंत्रालय के भी प्रमुख रेड्डी ने कहा कि हमने पूर्वोत्तर में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की हैं. रेड्डी के अनुसार पर्यटन मंत्रालय ने पूर्वोत्तर में 50 स्थलों को व्यू पॉइंट के रूप में चिन्हित किया है. व्यू पॉइट्स की पहचान उनके क्षेत्र और स्थानों के आधार पर की गई है.

पर्यटक स्थलों की पहचान: पर्यटन मंत्रालय में महानिदेशक जी कमलावर्धन राव ने कहा कि यह जगह जैव विविधता और उनकी प्राकृतिक सुंदरता के कारण समृद्ध है. राव ने आगे कहा कि तीर्थयात्रा और आध्यात्मिक कायाकल्प, विरासत संवर्धन अभियान के तहत पूर्वोत्तर में कई स्थानों की पहचान की गई है, ताकि पर्यटन स्थिरता और तीर्थ पर्यटन का विकास किया जा सके. इसस रोजगार सृजन तो होगा ही क्षेत्र का आर्थिक विकास भी तेज किया जा सकेगा.

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राव ने कहा कि योजना का विजन तीर्थयात्रियों, पर्यटकों के आध्यात्मिक अनुभव को जीवंत करना है. साथ ही तीर्थ/विरासत शहर की आत्मा को संरक्षित करना है. विरासत संवर्धन अभियान के तहत परशुराम कुंड (अरुणाचल प्रदेश), कामाख्या और श्रीकृष्णगुरु सेवाश्रम, नासत्रा (असम), चरणथला दुर्गा मंदिर-बाबेदपारा, नर्तियांग शक्ति मंदिर, नोंगसावलिया चर्च-सोहरा, जोवाई (मेघालय) का विकास किया जाएगा. साथ ही आइजोल, ऐलवांग, खावरुलियम और लुंगलेई-सेरकाव (मिजोरम), कोहिमा के कैथेड्रल, नोकसेन चर्च सहित पूर्वोत्तर में मिशन कंपाउंड, एजुटो, मोलुंगकिमोंग, जुन्हेबोटो मिशन कंपाउंड और वानखोसुंग-वोखा (नागालैंड), युकसोम (सिक्किम) और त्रिपुरा सुंदरी (त्रिपुरा) की पहचान की गई है, जिन्हें विकसित किया जाएगा.

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