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तमिलनाडु में बाढ़ प्रभावित इलाकों में बचाव कार्य जारी, पीएम मोदी से मिले सीएम स्टालिन, तीन दिन पानी में फंसे रहे मंत्री राधाकृष्णन

तमिलनाडु के दक्षिणी जिलों में बाढ़ और बारिश के कारण हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए एक अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीम बुधवार को प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर सकती है. वहीं दूसरी ओर तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन पीएम मोदी से मिले और उनसे धन की मांग की. इसके अलावा तमिलनाडु के मंत्री अनिता राधाकृष्णन को बाढ़ प्रभावित एराल क्षेत्र थूटुकुडी में 3 दिन बाद निकाला जा सका. पढ़ें खबर...( Tamil Nadu rain, South Tamil Nadu, IMD predictions, heavy rainfall, PM modi,)

Tamil Nadu rain
तमिलनाडु के दक्षिणी जिलें
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By PTI

Published : Dec 20, 2023, 1:51 PM IST

Updated : Dec 20, 2023, 10:09 PM IST

चेन्नई : तमिलनाडु के दक्षिणी जिलों में अभूतपूर्व बाढ़ और बारिश के कारण हुये नुकसान का आकलन करने के लिए एक अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीम बुधवार को प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर सकती है. सरकार ने कहा कि मुख्यमंत्री एम के स्टालिन आज बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने वाले थे लेकिन अब वह कल दौरा करेंगे. बता दें, तिरुनेलवेली, तूत्तुक्कुडि, कन्याकुमारी और तेनकासी जिलों में 17 और 18 दिसंबर को हुई रिकॉर्ड बारिश ने क्षेत्र के कई हिस्सों में कहर बरपाया, जिससे 10 लोगों की जान चली गई.

कयालपट्टिनम (तूत्तुक्कुडि जिले की एक नगरपालिका) में दो दिनों में सबसे अधिक 1,192 मिलीमीटर, जबकि तिरुच्चेंदूर में 916 मिलीमीटर बारिश हुई, मुख्यमंत्री स्टालिन ने मंगलवार को नयी दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की और प्रभावित जिलों के वास्ते दो हजार करोड़ रुपये की अंतरिम राहत की मांग की है. प्रधानमंत्री के साथ मुलाकात से पहले स्टालिन ने संवाददाताओं से कहा कि वह आज तूत्तुक्कुडि और तिरुनेलवेली जिलों का दौरा करेंगे.

हालांकि, मंगलवार रात जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि बुधवार को केंद्रीय टीम के दौरे के कारण प्रभावित जिलों में स्थानीय प्रशासन के मौजूद रहने की उम्मीद है.विज्ञप्ति में कहा गया कि बृहस्पतिवार को उनके तूत्तुक्कुडि जाने की उम्मीद है. थल सेना, नौसेना, वायु सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल और राज्य आपदा मोचन बल सहित केंद्र और राज्य सरकार की एजेंसियां वर्तमान में राहत और पुनर्वास कार्यों में लगी हुई हैं. बचाव अभियान में 323 नौकाओं के साथ नौ हेलिकॉप्टर की मदद भी ली जा रही है.

इस बीच, दक्षिण रेलवे ने बारिश प्रभावित जिलों में जलभराव के कारण आज 19 ट्रेन रद्द करने की घोषण की, जबकि तिरुनेलवेली यार्ड को ट्रेन आवाजाही के लिए उपयुक्त घोषित किए जाने के बाद यहां से रेल यातायात सामान्य हो गया है. सबसे अधिक प्रभावित जिले तिरुनेलवेली और तूत्तुक्कुडि में स्थानीय प्रशासन आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सभी उपाय कर रहे हैं, जबकि आवासों और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों में बिजली आपूर्ति एक या दो दिन में पूरी तरह से बहाल होने की उम्मीद है.

बाढ़ प्रभावित इलाकों में चलाया गया बचाव अभियान

कन्याकुमारी समुद्र और आस-पास के क्षेत्रों में वायुमंडलीय परिसंचरण के कारण, तमिलनाडु के दक्षिणी जिलों में 16 दिसंबर से पिछले दो दिनों से भारी बारिश हो रही है. विशेषकर तिरुनेलवेली, थूथुकुडी, तेनकासी और कन्याकुमारी जिलों में अत्यधिक भारी बारिश हुई. लोगों का सामान्य जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है. राष्ट्रीय और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल ने भारी बारिश के कारण बाढ़ वाले क्षेत्रों में जनता की मदद के लिए कल, 19 दिसंबर को गहन बचाव अभियान चलाया.

भारतीय नौसेना तूतीकोरिन जिले में प्रभावित लोगों की मदद के लिए बचाव अभियान में जुटी हुई है. भारी बारिश के कारण दक्षिणी जिलों में बाढ़ आने के बाद तमिलनाडु सरकार ने भारतीय नौसेना से मदद मांगी. इस प्रकार, रामनाथपुरम में आईएनएस पारुंडु स्टेशन से एएलएच हेलीकॉप्टर द्वारा श्रीवैकुंटम रेलवे स्टेशन पर फंसे यात्रियों के लिए 150 किलोग्राम बाढ़ राहत सामग्री लाई गई.

इसके अलावा, तूतीकोरिन हवाई अड्डे पर राहत सामग्री पहुंचाने के लिए भारतीय नौसेना के दो टॉर्नियर विमान मदुरै हवाई अड्डे पर तैनात किए गए हैं. सबसे पहले सुबह तूतीकोरिन एयरपोर्ट पर 410 किलो वजनी राहत सामग्री उतारी गई. दूसरे भाग में लगभग 3.5 टन वजनी राहत सामग्री को बुधवार को (20 दिसंबर) तूतीकोरिन ले जाया जाना है.

  • Met with Hon'ble Prime Minister Thiru @NarendraModi to discuss the urgent situation in flood-hit areas of Tamil Nadu. Submitted a memorandum seeking funds from #NDRF to enhance ongoing rescue efforts and restore vital infrastructure. Grateful for the @PMOIndia's attention to… pic.twitter.com/7Rhn7XaaEk

    — M.K.Stalin (@mkstalin) December 19, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

सीएम एमके स्टालिन ने पीएम मोदी को सौंपा ज्ञापन

मिचौंग तूफान के कारण आई बाढ़ और दक्षिणी जिलों में भारी बारिश से हुए नुकसान को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के बाद तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने मंगलवार को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. पुनर्वास और राहत कार्यों के लिए तमिलनाडु को तत्काल धन आवंटित करने का अनुरोध करते हुए एमके स्टालिन ने पीएम मोदी को तमिलनाडु में बाढ़ प्रभावों के बारे में ज्ञापन दिया.

तमिलनाडु के मंत्री अनिता राधाकृष्णन को बाढ़ प्रभावित एराल क्षेत्र थूटुकुडी में 3 दिन बाद निकाला जा सका

तमिलनाडु क पशुपालन और मत्स्य पालन मंत्री अनिता राधाकृष्णन और उनके चालक और एक बंदूकधारी सहित दल, भारी बारिश और उसके बाद बाढ़ के कारण एराल क्षेत्र के बाढ़ के पानी में तीन दिनों तक फंसे रहे.यह घटना तब सामने आई जब मंत्री ने सोमवार को अट्टूर के रास्ते अपने गृहनगर तंदुपट्टू क्षेत्र तक पहुंचने का प्रयास किया. बाढ़ के कारण थूथुकुडी-तिरुचेंदूर सड़क के अगम्य हो जाने के कारण, मंत्री राधाकृष्णन और उनकी टीम ने खुद को फंसा हुआ पाया और संचार से कट गए.मंत्री ने अपने रिश्तेदारों को एक एसएमएस भेजकर गंभीर स्थिति से अवगत कराया.

इस पर एक रिश्तेदार से जानकारी मिलने के बाद बचाव अभियान हरकत में आया. वहीं पुलिस उपायुक्त, तिरुनेलवेली सारागा और अग्निशमन विभाग और बचाव दल ने मोर्चे पर काम संभाला. इस बारे में ईटीवी भारत से बात करते हुए मंत्री राधाकृष्णन ने कहा कि 18 तारीख को उमरीगेट, श्रीवैकुंडम निर्वाचन क्षेत्र में पार्टी कार्यकारिणी के साथ बातचीत की थी. बारिश की बाढ़ की सूचना के बाद, वह तिरुचेंदूर की ओर बढ़ी, लेकिन दांडू बट्टू क्षेत्र में उसे एक टूटे हुए पुल का सामना करना पड़ा. पास के एक गांव से होकर वैकल्पिक मार्ग का प्रयास करते हुए वो फंस गईं. गांव के बस स्टॉप पर रात बिताते हुए, स्थानीय निवासियों ने भोजन उपलब्ध कराकर अपना समर्थन जताया.

भारतीय तटरक्षक बल ने तूतीकोरिन में राहत अभियान बढ़ाया, भारतीय सेना भी शामिल हुई

भारतीय तट रक्षक (आईसीजी) तूतीकोरिन के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अपने राहत प्रयासों को तेज कर रहा है. 17-18 दिसंबर को बारिश के बाद फंसे हुए नागरिकों को सहायता प्रदान करने के लिए विमान और आपदा राहत टीमों को तैनात कर रहा है. बढ़ती बाढ़ की स्थिति को देखते हुए आईसीजी ने 19 दिसंबर को मदुरै हवाई अड्डे पर एक डोर्नियर विमान और दो उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर (एएलएच) तैनात किए. वहीं राज्य प्रशासन के साथ घनिष्ठ समन्वय ने 600 किलोग्राम खाद्य पैकेट और आवश्यक राहत सामग्री को हवाई मार्ग से गिराने की सुविधा प्रदान की. साथ ही हेलीकॉप्टरों द्वारा चल रही राहत उड़ानों ने सड़क मार्ग से दुर्गम क्षेत्रों को लक्षित करते हुए अब तक 1000 किलोग्राम से अधिक राहत सामग्री गिराई गई.

इसीक्रम में 20 दिसंबर को तूतीकोरिन हवाई अड्डे के फिर से खुलने के साथ, आईसीजी तूतीकोरिन हवाई अड्डे से राहत प्रयासों को बढ़ाने के लिए राज्य प्रशासन के साथ समन्वय कर रहा है. इसके साथ ही, तूतीकोरिन में आईसीजी जिला मुख्यालय-16 से आठ आपदा राहत टीमें जेमिनी नौकाओं का उपयोग करके सहायता प्रदान कर रही हैं. ये टीमें उन गांवों में भोजन, पानी और आवश्यक सामान पहुंचा रही हैं जहां बाढ़ के पानी ने निवासियों को छतों पर शरण लेने के लिए मजबूर कर दिया है. इसके अलावा मद्रास रेजिमेंटल सेंटर (एमआरसी) से भारतीय सेना की एक टुकड़ी को अधिकतम क्षेत्र कवरेज के लिए तीन टीमों में विभाजित किया गया था. पहली टीम को तूतीकोरिन शहर और बाहरी इलाकों में तैनात किया गया था, दूसरी ने करुंगुलम, अरम्पन्नई, कलवई, आदिचनल्लूर, पुलियानकुलम और वेल्लोर को कवर किया, जबकि तीसरी टीम ने अलवरथिरुनगरी, कुरुकट्टूर, मंजलविलाई सुगलथलाई को कवर किया. जहां सड़कें कट गईं, वहां पैदल चलने वालों की सहायता के लिए सेना ने महत्वपूर्ण क्रॉसिंग लाइनें स्थापित कीं. बचाव और राहत कार्यों के कारण कई लोगों को निकाला गया, 134 लोगों को चिकित्सा देखभाल प्रदान की गई. साथ ही संकटग्रस्त 800 से अधिक लोगों को खाद्य सामग्री वितरित की गई.

रिहायशी इलाकों में घुसा बाढ़ का पानी

तमिलनाडु में नवगठित निम्न वायुमंडलीय परिसंचरण के कारण, दक्षिणी जिलों में भारी से बहुत चरम स्तर की बारिश हुई. विशेष रूप से तिरुनेलवेली, तेनकासी, कन्याकुमारी और तूतीकोरिन जिलों में लगातार अत्यधिक भारी बारिश के कारण सभी क्षेत्र पूरी तरह से बाढ़ग्रस्त हो गए हैं. बारिश का पानी बाढ़ के रूप में रिहायशी इलाकों में घुस गया. ये जिले अभी भी बारिश और बाढ़ से प्रभावित हैं और राहत कार्य जारी है.

मुख्य सचिव ने दी बचाव कार्यों की जानकारी

तमिलनाडु के मुख्य सचिव शिवदास मीना आईएएस ने कल चेन्नई मुख्य सचिवालय में दक्षिणी जिलों में भारी बारिश और बाढ़ के बचाव और राहत कार्यों के बारे में मीडिया को जानकारी दी. उन्होंने कहा कि 'थूथुकुडी जिले के सभी तटीय गांव और तमीरापारानी नदी के किनारे के गांव और कस्बे बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हैं. पिछले 2 दिनों से चल रहे बचाव अभियान में 1,343 लोग शामिल हैं.

तमिलनाडु के मुख्य सचिव शिवदास मीना आईएएस ने 19 दिसंबर (कल) को चेन्नई मुख्य सचिवालय में दक्षिणी जिलों में भारी बारिश और बाढ़ के बचाव और राहत कार्यों के बारे में मीडिया को जानकारी दी. उन्होंने बताया कि 375 तमिलनाडु आपदा प्रतिक्रिया बल, 250 राष्ट्रीय आपदा बचाव बल, 550 आपदा बचाव बल प्रशिक्षित कांस्टेबल, 168 भारतीय सेना और नौसेना व तटरक्षक बल के कर्मियों सहित कुल 1,343 कर्मी बचाव कार्यों में लगे हुए हैं.

अब तक 160 राहत शिविर खोले गए हैं, जिनमें 16 हजार 680 लोगों को बचाया गया और सुरक्षित आश्रय दिया गया है. श्रीवैकुंटम सहित शहरों तक नावों द्वारा भी नहीं पहुंचा जा सकता था. सेना, नौसेना, वायु सेना और तटरक्षक बल के 9 हेलीकॉप्टरों द्वारा वहां के लोगों को 13 हजार 500 किलोग्राम भोजन उपलब्ध कराया गया है.

बाढ़ के कारण रेलवे सेवा रही प्रभावित, धीरे-धीरे हो रही बहाल

तमिलनाडु के दक्षिणी जिलों में भारी बारिश के कारण तिरुनेलवेली, थूथुकुडी, तेनकासी और कन्याकुमारी सहित चार जिलों में भारी बाढ़ आ गई, जिससे पटरियां क्षतिग्रस्त हो गईं हैं और ट्रेन सेवाएं प्रभावित हुईं हैं. पिछले तीन दिनों से तिरुनेलवेली जंक्शन रेलवे स्टेशन पर पानी जमा होने के कारण तिरुनेलवेली से सभी ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं. हालांकि, अब जब बारिश रुक गई है और स्थिति सामान्य हो गई है, तो बुधवार (20 दिसंबर) सुबह 2 बजे से तिरुनेलवेली में ट्रेन यातायात फिर से शुरू हो गया है.

दक्षिणी मार्ग पर मदुरै से ट्रेनें सुबह से आनी शुरू हो गईं. गौरतलब है कि चेन्नई-तिरुनेलवेली एक्सप्रेस आज सुबह समय पर रेलवे स्टेशन पहुंची. साथ ही नागरकोइल से मुंबई जाने वाली एक्सप्रेस ट्रेन सुबह 7.30 बजे रेलवे स्टेशन पर पहुंची. वहीं, तिरुनेलवेली जंक्शन रेलवे स्टेशन के सामने जमा पानी पूरी तरह से नहीं निकलने के कारण यात्री घूमकर रेलवे स्टेशन आ रहे हैं.

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चेन्नई : तमिलनाडु के दक्षिणी जिलों में अभूतपूर्व बाढ़ और बारिश के कारण हुये नुकसान का आकलन करने के लिए एक अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीम बुधवार को प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर सकती है. सरकार ने कहा कि मुख्यमंत्री एम के स्टालिन आज बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने वाले थे लेकिन अब वह कल दौरा करेंगे. बता दें, तिरुनेलवेली, तूत्तुक्कुडि, कन्याकुमारी और तेनकासी जिलों में 17 और 18 दिसंबर को हुई रिकॉर्ड बारिश ने क्षेत्र के कई हिस्सों में कहर बरपाया, जिससे 10 लोगों की जान चली गई.

कयालपट्टिनम (तूत्तुक्कुडि जिले की एक नगरपालिका) में दो दिनों में सबसे अधिक 1,192 मिलीमीटर, जबकि तिरुच्चेंदूर में 916 मिलीमीटर बारिश हुई, मुख्यमंत्री स्टालिन ने मंगलवार को नयी दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की और प्रभावित जिलों के वास्ते दो हजार करोड़ रुपये की अंतरिम राहत की मांग की है. प्रधानमंत्री के साथ मुलाकात से पहले स्टालिन ने संवाददाताओं से कहा कि वह आज तूत्तुक्कुडि और तिरुनेलवेली जिलों का दौरा करेंगे.

हालांकि, मंगलवार रात जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि बुधवार को केंद्रीय टीम के दौरे के कारण प्रभावित जिलों में स्थानीय प्रशासन के मौजूद रहने की उम्मीद है.विज्ञप्ति में कहा गया कि बृहस्पतिवार को उनके तूत्तुक्कुडि जाने की उम्मीद है. थल सेना, नौसेना, वायु सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल और राज्य आपदा मोचन बल सहित केंद्र और राज्य सरकार की एजेंसियां वर्तमान में राहत और पुनर्वास कार्यों में लगी हुई हैं. बचाव अभियान में 323 नौकाओं के साथ नौ हेलिकॉप्टर की मदद भी ली जा रही है.

इस बीच, दक्षिण रेलवे ने बारिश प्रभावित जिलों में जलभराव के कारण आज 19 ट्रेन रद्द करने की घोषण की, जबकि तिरुनेलवेली यार्ड को ट्रेन आवाजाही के लिए उपयुक्त घोषित किए जाने के बाद यहां से रेल यातायात सामान्य हो गया है. सबसे अधिक प्रभावित जिले तिरुनेलवेली और तूत्तुक्कुडि में स्थानीय प्रशासन आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सभी उपाय कर रहे हैं, जबकि आवासों और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों में बिजली आपूर्ति एक या दो दिन में पूरी तरह से बहाल होने की उम्मीद है.

बाढ़ प्रभावित इलाकों में चलाया गया बचाव अभियान

कन्याकुमारी समुद्र और आस-पास के क्षेत्रों में वायुमंडलीय परिसंचरण के कारण, तमिलनाडु के दक्षिणी जिलों में 16 दिसंबर से पिछले दो दिनों से भारी बारिश हो रही है. विशेषकर तिरुनेलवेली, थूथुकुडी, तेनकासी और कन्याकुमारी जिलों में अत्यधिक भारी बारिश हुई. लोगों का सामान्य जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है. राष्ट्रीय और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल ने भारी बारिश के कारण बाढ़ वाले क्षेत्रों में जनता की मदद के लिए कल, 19 दिसंबर को गहन बचाव अभियान चलाया.

भारतीय नौसेना तूतीकोरिन जिले में प्रभावित लोगों की मदद के लिए बचाव अभियान में जुटी हुई है. भारी बारिश के कारण दक्षिणी जिलों में बाढ़ आने के बाद तमिलनाडु सरकार ने भारतीय नौसेना से मदद मांगी. इस प्रकार, रामनाथपुरम में आईएनएस पारुंडु स्टेशन से एएलएच हेलीकॉप्टर द्वारा श्रीवैकुंटम रेलवे स्टेशन पर फंसे यात्रियों के लिए 150 किलोग्राम बाढ़ राहत सामग्री लाई गई.

इसके अलावा, तूतीकोरिन हवाई अड्डे पर राहत सामग्री पहुंचाने के लिए भारतीय नौसेना के दो टॉर्नियर विमान मदुरै हवाई अड्डे पर तैनात किए गए हैं. सबसे पहले सुबह तूतीकोरिन एयरपोर्ट पर 410 किलो वजनी राहत सामग्री उतारी गई. दूसरे भाग में लगभग 3.5 टन वजनी राहत सामग्री को बुधवार को (20 दिसंबर) तूतीकोरिन ले जाया जाना है.

  • Met with Hon'ble Prime Minister Thiru @NarendraModi to discuss the urgent situation in flood-hit areas of Tamil Nadu. Submitted a memorandum seeking funds from #NDRF to enhance ongoing rescue efforts and restore vital infrastructure. Grateful for the @PMOIndia's attention to… pic.twitter.com/7Rhn7XaaEk

    — M.K.Stalin (@mkstalin) December 19, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

सीएम एमके स्टालिन ने पीएम मोदी को सौंपा ज्ञापन

मिचौंग तूफान के कारण आई बाढ़ और दक्षिणी जिलों में भारी बारिश से हुए नुकसान को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के बाद तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने मंगलवार को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. पुनर्वास और राहत कार्यों के लिए तमिलनाडु को तत्काल धन आवंटित करने का अनुरोध करते हुए एमके स्टालिन ने पीएम मोदी को तमिलनाडु में बाढ़ प्रभावों के बारे में ज्ञापन दिया.

तमिलनाडु के मंत्री अनिता राधाकृष्णन को बाढ़ प्रभावित एराल क्षेत्र थूटुकुडी में 3 दिन बाद निकाला जा सका

तमिलनाडु क पशुपालन और मत्स्य पालन मंत्री अनिता राधाकृष्णन और उनके चालक और एक बंदूकधारी सहित दल, भारी बारिश और उसके बाद बाढ़ के कारण एराल क्षेत्र के बाढ़ के पानी में तीन दिनों तक फंसे रहे.यह घटना तब सामने आई जब मंत्री ने सोमवार को अट्टूर के रास्ते अपने गृहनगर तंदुपट्टू क्षेत्र तक पहुंचने का प्रयास किया. बाढ़ के कारण थूथुकुडी-तिरुचेंदूर सड़क के अगम्य हो जाने के कारण, मंत्री राधाकृष्णन और उनकी टीम ने खुद को फंसा हुआ पाया और संचार से कट गए.मंत्री ने अपने रिश्तेदारों को एक एसएमएस भेजकर गंभीर स्थिति से अवगत कराया.

इस पर एक रिश्तेदार से जानकारी मिलने के बाद बचाव अभियान हरकत में आया. वहीं पुलिस उपायुक्त, तिरुनेलवेली सारागा और अग्निशमन विभाग और बचाव दल ने मोर्चे पर काम संभाला. इस बारे में ईटीवी भारत से बात करते हुए मंत्री राधाकृष्णन ने कहा कि 18 तारीख को उमरीगेट, श्रीवैकुंडम निर्वाचन क्षेत्र में पार्टी कार्यकारिणी के साथ बातचीत की थी. बारिश की बाढ़ की सूचना के बाद, वह तिरुचेंदूर की ओर बढ़ी, लेकिन दांडू बट्टू क्षेत्र में उसे एक टूटे हुए पुल का सामना करना पड़ा. पास के एक गांव से होकर वैकल्पिक मार्ग का प्रयास करते हुए वो फंस गईं. गांव के बस स्टॉप पर रात बिताते हुए, स्थानीय निवासियों ने भोजन उपलब्ध कराकर अपना समर्थन जताया.

भारतीय तटरक्षक बल ने तूतीकोरिन में राहत अभियान बढ़ाया, भारतीय सेना भी शामिल हुई

भारतीय तट रक्षक (आईसीजी) तूतीकोरिन के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अपने राहत प्रयासों को तेज कर रहा है. 17-18 दिसंबर को बारिश के बाद फंसे हुए नागरिकों को सहायता प्रदान करने के लिए विमान और आपदा राहत टीमों को तैनात कर रहा है. बढ़ती बाढ़ की स्थिति को देखते हुए आईसीजी ने 19 दिसंबर को मदुरै हवाई अड्डे पर एक डोर्नियर विमान और दो उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर (एएलएच) तैनात किए. वहीं राज्य प्रशासन के साथ घनिष्ठ समन्वय ने 600 किलोग्राम खाद्य पैकेट और आवश्यक राहत सामग्री को हवाई मार्ग से गिराने की सुविधा प्रदान की. साथ ही हेलीकॉप्टरों द्वारा चल रही राहत उड़ानों ने सड़क मार्ग से दुर्गम क्षेत्रों को लक्षित करते हुए अब तक 1000 किलोग्राम से अधिक राहत सामग्री गिराई गई.

इसीक्रम में 20 दिसंबर को तूतीकोरिन हवाई अड्डे के फिर से खुलने के साथ, आईसीजी तूतीकोरिन हवाई अड्डे से राहत प्रयासों को बढ़ाने के लिए राज्य प्रशासन के साथ समन्वय कर रहा है. इसके साथ ही, तूतीकोरिन में आईसीजी जिला मुख्यालय-16 से आठ आपदा राहत टीमें जेमिनी नौकाओं का उपयोग करके सहायता प्रदान कर रही हैं. ये टीमें उन गांवों में भोजन, पानी और आवश्यक सामान पहुंचा रही हैं जहां बाढ़ के पानी ने निवासियों को छतों पर शरण लेने के लिए मजबूर कर दिया है. इसके अलावा मद्रास रेजिमेंटल सेंटर (एमआरसी) से भारतीय सेना की एक टुकड़ी को अधिकतम क्षेत्र कवरेज के लिए तीन टीमों में विभाजित किया गया था. पहली टीम को तूतीकोरिन शहर और बाहरी इलाकों में तैनात किया गया था, दूसरी ने करुंगुलम, अरम्पन्नई, कलवई, आदिचनल्लूर, पुलियानकुलम और वेल्लोर को कवर किया, जबकि तीसरी टीम ने अलवरथिरुनगरी, कुरुकट्टूर, मंजलविलाई सुगलथलाई को कवर किया. जहां सड़कें कट गईं, वहां पैदल चलने वालों की सहायता के लिए सेना ने महत्वपूर्ण क्रॉसिंग लाइनें स्थापित कीं. बचाव और राहत कार्यों के कारण कई लोगों को निकाला गया, 134 लोगों को चिकित्सा देखभाल प्रदान की गई. साथ ही संकटग्रस्त 800 से अधिक लोगों को खाद्य सामग्री वितरित की गई.

रिहायशी इलाकों में घुसा बाढ़ का पानी

तमिलनाडु में नवगठित निम्न वायुमंडलीय परिसंचरण के कारण, दक्षिणी जिलों में भारी से बहुत चरम स्तर की बारिश हुई. विशेष रूप से तिरुनेलवेली, तेनकासी, कन्याकुमारी और तूतीकोरिन जिलों में लगातार अत्यधिक भारी बारिश के कारण सभी क्षेत्र पूरी तरह से बाढ़ग्रस्त हो गए हैं. बारिश का पानी बाढ़ के रूप में रिहायशी इलाकों में घुस गया. ये जिले अभी भी बारिश और बाढ़ से प्रभावित हैं और राहत कार्य जारी है.

मुख्य सचिव ने दी बचाव कार्यों की जानकारी

तमिलनाडु के मुख्य सचिव शिवदास मीना आईएएस ने कल चेन्नई मुख्य सचिवालय में दक्षिणी जिलों में भारी बारिश और बाढ़ के बचाव और राहत कार्यों के बारे में मीडिया को जानकारी दी. उन्होंने कहा कि 'थूथुकुडी जिले के सभी तटीय गांव और तमीरापारानी नदी के किनारे के गांव और कस्बे बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हैं. पिछले 2 दिनों से चल रहे बचाव अभियान में 1,343 लोग शामिल हैं.

तमिलनाडु के मुख्य सचिव शिवदास मीना आईएएस ने 19 दिसंबर (कल) को चेन्नई मुख्य सचिवालय में दक्षिणी जिलों में भारी बारिश और बाढ़ के बचाव और राहत कार्यों के बारे में मीडिया को जानकारी दी. उन्होंने बताया कि 375 तमिलनाडु आपदा प्रतिक्रिया बल, 250 राष्ट्रीय आपदा बचाव बल, 550 आपदा बचाव बल प्रशिक्षित कांस्टेबल, 168 भारतीय सेना और नौसेना व तटरक्षक बल के कर्मियों सहित कुल 1,343 कर्मी बचाव कार्यों में लगे हुए हैं.

अब तक 160 राहत शिविर खोले गए हैं, जिनमें 16 हजार 680 लोगों को बचाया गया और सुरक्षित आश्रय दिया गया है. श्रीवैकुंटम सहित शहरों तक नावों द्वारा भी नहीं पहुंचा जा सकता था. सेना, नौसेना, वायु सेना और तटरक्षक बल के 9 हेलीकॉप्टरों द्वारा वहां के लोगों को 13 हजार 500 किलोग्राम भोजन उपलब्ध कराया गया है.

बाढ़ के कारण रेलवे सेवा रही प्रभावित, धीरे-धीरे हो रही बहाल

तमिलनाडु के दक्षिणी जिलों में भारी बारिश के कारण तिरुनेलवेली, थूथुकुडी, तेनकासी और कन्याकुमारी सहित चार जिलों में भारी बाढ़ आ गई, जिससे पटरियां क्षतिग्रस्त हो गईं हैं और ट्रेन सेवाएं प्रभावित हुईं हैं. पिछले तीन दिनों से तिरुनेलवेली जंक्शन रेलवे स्टेशन पर पानी जमा होने के कारण तिरुनेलवेली से सभी ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं. हालांकि, अब जब बारिश रुक गई है और स्थिति सामान्य हो गई है, तो बुधवार (20 दिसंबर) सुबह 2 बजे से तिरुनेलवेली में ट्रेन यातायात फिर से शुरू हो गया है.

दक्षिणी मार्ग पर मदुरै से ट्रेनें सुबह से आनी शुरू हो गईं. गौरतलब है कि चेन्नई-तिरुनेलवेली एक्सप्रेस आज सुबह समय पर रेलवे स्टेशन पहुंची. साथ ही नागरकोइल से मुंबई जाने वाली एक्सप्रेस ट्रेन सुबह 7.30 बजे रेलवे स्टेशन पर पहुंची. वहीं, तिरुनेलवेली जंक्शन रेलवे स्टेशन के सामने जमा पानी पूरी तरह से नहीं निकलने के कारण यात्री घूमकर रेलवे स्टेशन आ रहे हैं.

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Last Updated : Dec 20, 2023, 10:09 PM IST
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