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ओबीसी आरक्षण पर निर्णय लेने के कगार पर केन्द्र सरकार : सॉलिसिटर जनरल - मुख्य न्यायाधीश संजीव बनर्जी

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मद्रास उच्च न्यायालय को बताया कि केंद्र सरकार तमिलनाडु में चिकित्सा पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए सीटों के अखिल भारतीय कोटा (एआईक्यू) के तहत ओबीसी के लिए आरक्षण लागू करने के बारे में निर्णय लेने के कगार पर है.

सॉलिसिटर जनरल
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Published : Jul 26, 2021, 8:59 PM IST

चेन्नई : सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता (Solicitor General Tushar Mehta) ने सोमवार को मद्रास उच्च न्यायालय (Madras High Court) को बताया कि केंद्र सरकार तमिलनाडु में चिकित्सा पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए सीटों के अखिल भारतीय कोटा (एआईक्यू) के तहत ओबीसी के लिए आरक्षण लागू करने के बारे में निर्णय लेने के कगार पर है.

जब द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) की अवमानना ​​याचिका आज आगे की सुनवाई के लिए आई तो मेहता ने मुख्य न्यायाधीश संजीव बनर्जी और न्यायमूर्ति सेंथिलकुमार राममूर्ति की पहली पीठ को बताया कि प्रक्रिया अंतिम चरण में है.

पढ़ें : सॉलिसिटर जनरल के आवास पर पहुंचे कुणाल घोष, नहीं मिली प्रवेश की अनुमति

मेहता ने कहा कि केंद्र सरकार तमिलनाडु में गैर-केंद्रीय मेडिकल कॉलेजों में अखिल भारतीय कोटा (एआईक्यू) के तहत राज्य द्वारा छोड़ी गई, मेडिकल सीटों में आरक्षण को लागू करने के बारे में निर्णय लेने के कगार पर है. उन्होंने निर्णय के बारे में बताने के लिये और एक सप्ताह का समय मांगा. पीठ ने दलीलें सुनने के बाद मामले की सुनवाई तीन अगस्त तक के लिये स्थगित कर दी.

मूल रूप से, द्रमुक और उसके सहयोगियों की जनहित याचिकाओं पर आदेश पारित करते हुए, तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश एपी साही (Justice AP Sahi) की अध्यक्षता वाली पीठ ने जुलाई 2020 में अन्य बातों के अलावा, यह माना था कि इस मुद्दे को भारतीय चिकित्सा और दंत चिकित्सा परिषदों के प्रतिनिधियों की भागीदारी के साथ केंद्र और राज्य सरकार के बीच हल किया जाना चाहिए.

(पीटीआई-भाषा)

चेन्नई : सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता (Solicitor General Tushar Mehta) ने सोमवार को मद्रास उच्च न्यायालय (Madras High Court) को बताया कि केंद्र सरकार तमिलनाडु में चिकित्सा पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए सीटों के अखिल भारतीय कोटा (एआईक्यू) के तहत ओबीसी के लिए आरक्षण लागू करने के बारे में निर्णय लेने के कगार पर है.

जब द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) की अवमानना ​​याचिका आज आगे की सुनवाई के लिए आई तो मेहता ने मुख्य न्यायाधीश संजीव बनर्जी और न्यायमूर्ति सेंथिलकुमार राममूर्ति की पहली पीठ को बताया कि प्रक्रिया अंतिम चरण में है.

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मेहता ने कहा कि केंद्र सरकार तमिलनाडु में गैर-केंद्रीय मेडिकल कॉलेजों में अखिल भारतीय कोटा (एआईक्यू) के तहत राज्य द्वारा छोड़ी गई, मेडिकल सीटों में आरक्षण को लागू करने के बारे में निर्णय लेने के कगार पर है. उन्होंने निर्णय के बारे में बताने के लिये और एक सप्ताह का समय मांगा. पीठ ने दलीलें सुनने के बाद मामले की सुनवाई तीन अगस्त तक के लिये स्थगित कर दी.

मूल रूप से, द्रमुक और उसके सहयोगियों की जनहित याचिकाओं पर आदेश पारित करते हुए, तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश एपी साही (Justice AP Sahi) की अध्यक्षता वाली पीठ ने जुलाई 2020 में अन्य बातों के अलावा, यह माना था कि इस मुद्दे को भारतीय चिकित्सा और दंत चिकित्सा परिषदों के प्रतिनिधियों की भागीदारी के साथ केंद्र और राज्य सरकार के बीच हल किया जाना चाहिए.

(पीटीआई-भाषा)

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