नई दिल्ली : कांग्रेस महासचिव ने सोशल मीडिया पर कहा कि जब वर्ष 2013 में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें 101 डॉलर प्रति बैरल थीं. उस समय देश में लोगों को पेट्रोल 66 रुपये प्रति डॉलर और डीजल 51 रुपये प्रति लीटर के दाम पर मिल रहा था. उन्होंने इस ओर भी ध्यान दिलाया कि उस समय केंद्र सरकार प्रति लीटर पेट्रोल पर नौ रुपये जबकि डीजल पर तीन रुपये प्रति लीटर टैक्स वसूल रही थी.
प्रियंका गांधी ने कहा कि वर्ष 2021 में केंद्र सरकार आपसे प्रति लीटर पेट्रोल पर 33 रुपये और डीजल पर 32 रुपये टैक्स वसूल रही है. भाजपा सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर 12 गुना उत्पाद शुल्क बढ़ा दिया है. उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि क्या वर्ष 2014 के बाद से ईंधन पर टैक्स में 300 फीसदी की वृद्धि न्यायसंगत है? कांगेस नेता ने कहा कि केंद्र सरकार ने पिछले साल में पेट्रोलियम उत्पादों से 21.5 लाख करोड़ रुपये का टैक्स एकत्र किया. लेकिन मध्यम वर्ग, गरीब लोगों और व्यापारी वर्ग को इससे क्या हासिल हुआ?
उन्होंने कहा कि संकट के समय में देश की जनता से पेट्रोल और डीजल पर टैक्स के जरिए चार लाख करोड़ रुपये वसूले गए लेकिन आर्थिक समस्या से जूझ रहे लोगों को कितनी सहायता प्रदान की गई? प्रियंका गांधी ने कहा कि सरकार पेट्रोल-डीजल पर टैक्स लगाकर और इसके बढ़ते दामों को देश की जनता से लूट का जरिया क्यों बना रही है?
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उल्लेखनीय है कि ईंधन के दाम में जारी वृद्धि के चलते रविवार को बिहार में प्रति लीटर पेट्रोल की कीमत 100 रुपये के पार चली गई. इसी तरह दिल्ली में प्रति लीटर पेट्रोल की कीमत 98.46 रुपये जबकि डीजल की कीमत 88.90 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गई.
(पीटीआई-भाषा)