नयी दिल्ली: नागरिक उड्डयन और सड़क परिवहन व राजमार्ग राज्य मंत्री वीके सिंह ने बुधवार को दोहराया कि केंद्र सरकार पूर्वोत्तर में संचार और पर्यटन के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए प्रतिबद्ध है. सिंह ने एक समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि हमारी सरकार पूर्वोत्तर के समग्र विकास के लिए बहुत अधिक जोर दे रही है. हम क्षेत्र में पर्यटन और कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए निजी खिलाड़ियों को भी आगे आने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं.
वह वस्तुतः पूर्वोत्तर में एक नया हवाई मार्ग शुरू करने की घोषणा कर रहे थे. मंत्री ने कहा कि जेटविंग्स एयरवेज की शुरुआत निश्चित रूप से क्षेत्र में कनेक्टिविटी और पर्यटन को बढ़ावा देगी. नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने हाल ही में एक निजी एयरलाइंस ऑपरेटर (जेट विंग्स) को पूर्वोत्तर में संचालन के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) जारी किया है. जेटविंग्स के अध्यक्ष संजीव नारायण ने इस बारे में जानाकरी दी है.
नारायण ने कहा कि यह पूर्वोत्तर की पहली निजी एयरलाइंस है. शुरुआत में हम पूर्वोत्तर के भीतर काम करेंगे और बाद में विदेश जाने से पहले हम देश भर में अपना ऑपरेशन शुरू करेंगे. उन्होंने कहा कि पहले चरण में वे चालू वित्त वर्ष की समाप्ति से पहले पांच विमानों का संचालन करेंगे. नारायण ने कहा कि शुरुआत में हम दो विमानों के साथ शुरुआत करेंगे और चालू वित्त वर्ष के अंत से पहले हम पांच विमान उड़ाएंगे. उन्होंने कहा कि उनका मुख्य ध्यान पूर्वोत्तर में पर्यटन संबंधी गतिविधियों को बढ़ावा देने पर होगा.
नारायण ने कहा कि हम धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने पर भी ध्यान देंगे. हवाई मार्ग शुरू करने के लिए आवश्यक राशि के बारे में पूछे जाने पर नारायण ने कहा कि शुरुआत में हम 100 करोड़ रुपये के निवेश की उम्मीद कर रहे हैं. नारायण ने कहा कि जब भी आवश्यकता होगी हम और अधिक धन का निवेश करेंगे. हम इस संबंध में अन्य निजी कंपनियों से भी बात कर रहे हैं. गौरतलब है कि केंद्र सरकार नॉर्थईस्ट में एयर कनेक्टिविटी पर काफी ज्यादा जोर देती रही है.
साल 2014 में पूर्वोत्तर में नौ परिचालन हवाईअड्डे थे जो वर्तमान में बढ़कर 16 हो गए हैं. इसके अतिरिक्त, अरुणाचल प्रदेश के जीरो में उन्नत लैंडिंग ग्राउंड को भी चालू कर दिया गया है. अप्रैल 2014 और जनवरी 2023 में पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए कुल अंतरराष्ट्रीय और घरेलू विमानों की आवाजाही क्रमश: 4,334 और 8,994 थी.