ETV Bharat / bharat

गाजीपुर बॉर्डर से रवानगी : राकेश टिकैत बोले- किसान का स्वाभिमान और मान सम्मान लौटा है - farmers on ghazipur border

किसान आंदोलन अब पूरी तरह से समाप्त हो चुका है. किसान नेता राकेश टिकैत फतेह मार्च लेकर ग़ाज़ीपर बॉर्डर से गांव लिए रवाना हो गए हैं. फ़तेह मार्च में शामिल होने के लिए आसपास के गांवों से किसान आज गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे थे जो किसान नेता राकेश टिकैत के साथ अब गांव के लिए रवाना हो चुके हैं.

गाजीपुर बॉर्डर पर जश्न का माहौल
गाजीपुर बॉर्डर पर जश्न का माहौल
author img

By

Published : Dec 15, 2021, 10:51 AM IST

Updated : Dec 15, 2021, 4:17 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद : गाजीपुर बॉर्डर (farmers on ghazipur border) से गांव रवाना होते हुए किसान नेता राकेश टिकैत (farmer leader rakesh tikait) ने कहा कि 13 महीने के बाद आज गाजीपुर बॉर्डर से किसान घर वापस लौट रहा है. आज किसान का स्वाभिमान और मान सम्मान लौटा है, जो गरीब नौजवान किसान दबा हुआ था, उसे एक किस्म से बोलने की आजादी मिली है. अपनी भाषा में अपनी बात कहने की आजादी मिली है. किसान आंदोलन के दौरान अनगिनत लोगों का अहम योगदान रहा है.

टिकैत ने कहा किसान आंदोलन में सफाई कर्मचारियों का भी अहम योगदान रहा है. गाजीपुर बॉर्डर (ghazipur border) पर हमारे सो कर उठने से पहले सफाई कर्मचारी साफ-सफाई कर दिया करते थे. किसान आंदोलन के दौरान सेवा करने वाले लोगों का हम धन्यवाद करते हैं. टिकैत ने कहा तीनों कृषि कानून वापस हुए हैं. भारत सरकार से समझौते के आधार पर बातचीत हुई है. समझौते के आधार पर किसान आंदोलन स्थगित हुआ है. न ही आंदोलन खत्म हुआ है और न ही आंदोलन की वापसी हुई है. आंदोलन सिर्फ स्थगित किया गया है. एमएससी पर कानून बनेगा. एमएसपी पर देश में बहस शुरू हो गयी है.

किसान का स्वाभिमान और मान सम्मान लौटा है

लखीमपुर खीरी हिंसा केस में एसआईटी (SIT on lakhimpur kheri violence case) ने अहम खुलासे किए हैं. एसआईटी ने लखीमपुर जिला जज कोर्ट में पेश की गई रिपोर्ट में कहा है कि किसानों को मारने के नीयत से ही गाड़ी चढ़ाई गई थी. एसआईटी का कहना है कि यह एक सोची-समझी साजिश थी, न कि कोई हादसा. टिकैत ने कहा एसआईटी की रिपोर्ट बिल्कुल ठीक आई है. हमारी किसानों एसआईटी ने पहले ही बता दिया था कि अजय टेनी और उनका बेटा दोषी है. हम पहले से ही मांग कर रहे हैं कि गृह राज्य मंत्री अजय टेनी को बर्खास्त कर गिरफ्तारी की जाए.

सोशल मीडिया (Social Media) पर एक पोस्टर जमकर वायरल हो रहा है, जिसमें अखिलेश यादव और जयंत चौधरी के साथ किसान नेता राकेश टिकैत की तस्वीर मौजूद है. किसान नेता राकेश टिकैत ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कोई भी राजनीतिक दल बिना हमारी मर्जी के हमारी फोटो अपने पोस्टर में इस्तेमाल न करें. जिन लोगों ने इस तरह के पोस्टर लगाए हैं. उन्हें तुरंत पोस्टर हटाने चाहिए, हमारा इससे कोई लेना-देना नहीं है.

टिकैत के मुताबिक, वह अपने घर पर सिर्फ 13 घंटे ही रुकेंगे. दरअसल किसान नेता राकेश टिकैत के आने वाले दिनों में हैदराबाद समेत दक्षिण भारत के राज्यों में विभिन्न कार्यक्रम लगे हुए हैं. ऐसे में टिकैत सिर्फ 13 घंटे ही सिसौली स्थित अपने घर पर रुकेंगे.

बता दें कि तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने और अन्य मांगों को मान लेने के केंद्र के फैसले के बाद शनिवार को किसानों ने दिल्ली-हरियाणा सीमा पर विरोध स्थल छोड़ना शुरू कर दिया था. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सिंघू बॉर्डर से ठोस अवरोधकों और अन्य अवरोधकों को हटा दिया गया है. हालांकि अभी तक सड़क को यातायात के लिए नहीं खोला गया है. सिंघू बॉर्डर के अलावा, मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसानों ने पिछले साल 26 नवंबर को दिल्ली के टीकरी और गाजीपुर सीमाओं की घेराबंदी की थी.

गाजीपुर बॉर्डर पर जश्न का माहौल

दिल्ली की सीमाओं पर सालभर के आंदोलन के बाद घर लौटे किसान, जोरदार स्वागत

11 दिसंबर को दिल्ली की सीमाओं पर एक साल से अधिक समय से आंदोलन कर रहे किसान अपने तंबू और अन्य संरचनाओं को हटाकर और साजो-सामान को समेटकर ट्रैक्टर ट्रॉलियों और अन्य वाहनों में सवार होकर नाचते- गाते अपने घरों की ओर रवाना हुए थे. पड़ोसी राज्यों में पहुंचने पर उनका माला पहनाकर तथा मिठाइयां खिलाकर जोरदार स्वागत किया गया था.

किसानों के घर लौटने के क्रम में शनिवार को फूलों से लदी ट्रैक्टर ट्रॉलियों के काफिले 'विजय गीत' बजाते हुए सिंघू धरना स्थल से बाहर निकले। इस दौरान किसानों की भावनाएं हिलोरें मार रही थीं. सिंघू बॉर्डर छोड़ने से पहले, कुछ किसानों ने 'हवन' किया, तो कुछ ने अरदास तथा ईश्वर को धन्यवाद करके पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश स्थित अपने-अपने घरों की ओर रवाना हुए.

शनिवार की शाम तक अधिकतर किसानों ने 5-6 किलोमीटर में फैले सिंघू बॉर्डर विरोध स्थल पर कुछ तंबू हटाकर इसे साफ कर दिया.

इसी प्रकार गाजीपुर बॉर्डर पर भी तंबू एवं अन्य संरचनाओं को उखाड़ने का सिलसिला पूरे जोरशोर से जारी था. हालांकि प्रदर्शनकारी किसानों ने कहा कि यह प्रदर्शन स्थल 15 दिसम्बर तक ही पूरी तरह खाली हो पाएगा.

पढ़ें : किसान महापंचायत में राकेश टिकैत बोले- कैराना में सरकारी 'प्लान' के तहत हो रहा 'पलायन'


टिकरी बॉर्डर पर भी आंदोलन स्थल को लगभग खाली कर दिया गया है. बाहरी जिले के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि बैरिकेड्स हटाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है.
दिल्ली-करनाल-अंबाला और दिल्ली-हिसार राष्ट्रीय राजमार्गों के साथ-साथ अन्य मार्गों पर भी कई जगहों पर लोग एकत्र हुए और किसानों को माला पहनाकर और मिठाइयां खिलाकर स्वागत किया. शंभू बॉर्डर (पंजाब-हरियाणा सीमा) पर एक विमान से किसानों पर फूलों की वर्षा की गई थी.

नई दिल्ली/गाजियाबाद : गाजीपुर बॉर्डर (farmers on ghazipur border) से गांव रवाना होते हुए किसान नेता राकेश टिकैत (farmer leader rakesh tikait) ने कहा कि 13 महीने के बाद आज गाजीपुर बॉर्डर से किसान घर वापस लौट रहा है. आज किसान का स्वाभिमान और मान सम्मान लौटा है, जो गरीब नौजवान किसान दबा हुआ था, उसे एक किस्म से बोलने की आजादी मिली है. अपनी भाषा में अपनी बात कहने की आजादी मिली है. किसान आंदोलन के दौरान अनगिनत लोगों का अहम योगदान रहा है.

टिकैत ने कहा किसान आंदोलन में सफाई कर्मचारियों का भी अहम योगदान रहा है. गाजीपुर बॉर्डर (ghazipur border) पर हमारे सो कर उठने से पहले सफाई कर्मचारी साफ-सफाई कर दिया करते थे. किसान आंदोलन के दौरान सेवा करने वाले लोगों का हम धन्यवाद करते हैं. टिकैत ने कहा तीनों कृषि कानून वापस हुए हैं. भारत सरकार से समझौते के आधार पर बातचीत हुई है. समझौते के आधार पर किसान आंदोलन स्थगित हुआ है. न ही आंदोलन खत्म हुआ है और न ही आंदोलन की वापसी हुई है. आंदोलन सिर्फ स्थगित किया गया है. एमएससी पर कानून बनेगा. एमएसपी पर देश में बहस शुरू हो गयी है.

किसान का स्वाभिमान और मान सम्मान लौटा है

लखीमपुर खीरी हिंसा केस में एसआईटी (SIT on lakhimpur kheri violence case) ने अहम खुलासे किए हैं. एसआईटी ने लखीमपुर जिला जज कोर्ट में पेश की गई रिपोर्ट में कहा है कि किसानों को मारने के नीयत से ही गाड़ी चढ़ाई गई थी. एसआईटी का कहना है कि यह एक सोची-समझी साजिश थी, न कि कोई हादसा. टिकैत ने कहा एसआईटी की रिपोर्ट बिल्कुल ठीक आई है. हमारी किसानों एसआईटी ने पहले ही बता दिया था कि अजय टेनी और उनका बेटा दोषी है. हम पहले से ही मांग कर रहे हैं कि गृह राज्य मंत्री अजय टेनी को बर्खास्त कर गिरफ्तारी की जाए.

सोशल मीडिया (Social Media) पर एक पोस्टर जमकर वायरल हो रहा है, जिसमें अखिलेश यादव और जयंत चौधरी के साथ किसान नेता राकेश टिकैत की तस्वीर मौजूद है. किसान नेता राकेश टिकैत ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कोई भी राजनीतिक दल बिना हमारी मर्जी के हमारी फोटो अपने पोस्टर में इस्तेमाल न करें. जिन लोगों ने इस तरह के पोस्टर लगाए हैं. उन्हें तुरंत पोस्टर हटाने चाहिए, हमारा इससे कोई लेना-देना नहीं है.

टिकैत के मुताबिक, वह अपने घर पर सिर्फ 13 घंटे ही रुकेंगे. दरअसल किसान नेता राकेश टिकैत के आने वाले दिनों में हैदराबाद समेत दक्षिण भारत के राज्यों में विभिन्न कार्यक्रम लगे हुए हैं. ऐसे में टिकैत सिर्फ 13 घंटे ही सिसौली स्थित अपने घर पर रुकेंगे.

बता दें कि तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने और अन्य मांगों को मान लेने के केंद्र के फैसले के बाद शनिवार को किसानों ने दिल्ली-हरियाणा सीमा पर विरोध स्थल छोड़ना शुरू कर दिया था. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सिंघू बॉर्डर से ठोस अवरोधकों और अन्य अवरोधकों को हटा दिया गया है. हालांकि अभी तक सड़क को यातायात के लिए नहीं खोला गया है. सिंघू बॉर्डर के अलावा, मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसानों ने पिछले साल 26 नवंबर को दिल्ली के टीकरी और गाजीपुर सीमाओं की घेराबंदी की थी.

गाजीपुर बॉर्डर पर जश्न का माहौल

दिल्ली की सीमाओं पर सालभर के आंदोलन के बाद घर लौटे किसान, जोरदार स्वागत

11 दिसंबर को दिल्ली की सीमाओं पर एक साल से अधिक समय से आंदोलन कर रहे किसान अपने तंबू और अन्य संरचनाओं को हटाकर और साजो-सामान को समेटकर ट्रैक्टर ट्रॉलियों और अन्य वाहनों में सवार होकर नाचते- गाते अपने घरों की ओर रवाना हुए थे. पड़ोसी राज्यों में पहुंचने पर उनका माला पहनाकर तथा मिठाइयां खिलाकर जोरदार स्वागत किया गया था.

किसानों के घर लौटने के क्रम में शनिवार को फूलों से लदी ट्रैक्टर ट्रॉलियों के काफिले 'विजय गीत' बजाते हुए सिंघू धरना स्थल से बाहर निकले। इस दौरान किसानों की भावनाएं हिलोरें मार रही थीं. सिंघू बॉर्डर छोड़ने से पहले, कुछ किसानों ने 'हवन' किया, तो कुछ ने अरदास तथा ईश्वर को धन्यवाद करके पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश स्थित अपने-अपने घरों की ओर रवाना हुए.

शनिवार की शाम तक अधिकतर किसानों ने 5-6 किलोमीटर में फैले सिंघू बॉर्डर विरोध स्थल पर कुछ तंबू हटाकर इसे साफ कर दिया.

इसी प्रकार गाजीपुर बॉर्डर पर भी तंबू एवं अन्य संरचनाओं को उखाड़ने का सिलसिला पूरे जोरशोर से जारी था. हालांकि प्रदर्शनकारी किसानों ने कहा कि यह प्रदर्शन स्थल 15 दिसम्बर तक ही पूरी तरह खाली हो पाएगा.

पढ़ें : किसान महापंचायत में राकेश टिकैत बोले- कैराना में सरकारी 'प्लान' के तहत हो रहा 'पलायन'


टिकरी बॉर्डर पर भी आंदोलन स्थल को लगभग खाली कर दिया गया है. बाहरी जिले के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि बैरिकेड्स हटाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है.
दिल्ली-करनाल-अंबाला और दिल्ली-हिसार राष्ट्रीय राजमार्गों के साथ-साथ अन्य मार्गों पर भी कई जगहों पर लोग एकत्र हुए और किसानों को माला पहनाकर और मिठाइयां खिलाकर स्वागत किया. शंभू बॉर्डर (पंजाब-हरियाणा सीमा) पर एक विमान से किसानों पर फूलों की वर्षा की गई थी.

Last Updated : Dec 15, 2021, 4:17 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.