हैदराबाद : आजकल हर दूसरा व्यक्ति खुद को बेहतर दिखाने के लिए अपनी मनपसंद व्यंजनों से दूरी बना रहा है. आकर्षक और सुंदर दिखने की चाहत में लोग भूखे रहते हैं और अपनी पसंद से किनारा कर लेते हैं. खासतौर युवा वर्ग में डाइटिंग का बहुत ज्यादा क्रेज देखा जा सकता है. कोरोना संकट की इस घड़ी में वायरस से लड़ने के लिए शरीर को सबसे ज्यादा मजबूती की जरूरत है. चिकित्सक भी पौष्टिक भोजन खाने की हिदायत दे रहे हैं, जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत बनी रहे. आज अंतरराष्ट्रीय नो डाइट डे है. इसलिए आज और अभी से बिना किसी संकोच और मोटे होने के डर को भूल अपनी पसंद का खाना खाइए.
अंतरराष्ट्रीय नो डाइट डे हर साल छह मई को मनाया जाता है. शरीर की स्वीकृति और विविधता के महत्व, प्रकार व विभिन्न आहार विकारों के बारे में जागरूकता बढ़ाने का भी यह दिन है. यह दिन हमें यह समझने में मदद करता है कि जीवन का वास्तविक सार क्या है- स्वस्थ जीवन शैली और स्व-प्रेम.
अंतरराष्ट्रीय नो डाइट डे का इतिहास
अंतरराष्ट्रीय नो डाइट डे की शुरुआत 1992 में ब्रिटिश एंटी-डाइट मूवमेंट 'डाइट ब्रेकर्स' की निदेशक मैरी इवांस ने की थी. इस पहले अंतरराष्ट्रीय नो डाइट डे की यूके में हुई शुरुआत के बाद से इसे पूरे विश्व में मनाया जाने लगा. ब्रिटिश महिला मैरी इवांस एक नारीवादी और लेखिका भी है. मैरी इवांस का मानना है कि लोग जैसे हैं वैसे खुद को स्वीकार करें. इसका उद्देश्य अच्छे स्वास्थ्य के बारे में बात करना है फिर चाहे आपका साइज कुछ भी हो. इसके साथ ही हद से ज्यादा वजन और ज्यादा डायटिंग से होने वाले नुकसान की ओर भी लोगों का ध्यान खींचना इस दिन का उद्देश्य है.
अंतरराष्ट्रीय नो डाइट डे का उद्देश्य
- यह दिन स्वास्थ्य पर ध्यान देने के साथ स्वस्थ जीवन शैली को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है.
- पौष्टिक भोजन खाने को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाना.
- शरीर आकार और वसा भय के बारे में जागरूकता फैलाना.
- डाइटिंग से एक दिन का ब्रेक लें.
- लोगों को डाइट के सही तरीके के बारे में शिक्षित करना और जिम्मेदारी से और इसे प्रभावी ढंग से करना.
- अलग-अलग आकार और साइज को स्वीकार कर खुद से प्रेम करना.
- आपके शरीर को स्वीकार करने में आपकी सहायता करना.
- वजन, फेटोफोबिया और आकारवाद को समाप्त करने में मदद करना.
- आप जैसे हैं, वैसे ही खुद को स्वीकार कर खुद से प्यार करना सीखना.
- कैलोरी के बारे में चिंता किए बिना लोगों को वह खाने के लिए प्रोत्साहित करना जो उन्हें पसंद है.
अंतरराष्ट्रीय नो डाइट डे का प्रतीक
इंटरनेशनल नो डाइट डे को सेलिब्रेट करने के लिए हल्के नीले रिबन का प्रयोग किया जाता है, जो कि आहार दिवस का प्रतीक है.
इंटरनेशनल नो डाइट डे का महत्व
- इंटरनेशनल नो डाइट डे का महत्व आज के दौर में बहुत ज्यादा बढ़ गया है. जब लोग अक्सर हेल्थ और फिगर को मैंटेन रखने के लिए अलग-अलग तरीके (एक्सरसाइज, योगा) के साथ डायटिंग को फॉलो को करते हैं, जिससे कई बार शरीर में पौषक तत्वों की कमी हो जाती है. ऐसे में 6 मई यानि इंटरनेशनल नो डाइट डे के दिन डाइटिंग और मोटापे की फिक्र छोड़कर अपने फेवरेट फूड को इंज्वॉय करें.
- यह पहचानते हुए कि आपका शरीर पूरी तरह से ठीक और सुंदर है और एक निश्चित तरीके से दिखने के लिए वजन को कम करने की दिशा काम करें.
- अपने शरीर को स्वस्थ रखें. बस प्रतिदिन सचेत आहार लें.
- नकारात्मक पहलुओं पर ध्यान देने के बजाय अपने शरीर के सकारात्मक पक्ष पर ध्यान दें. अपने बारे में हर चीज के बारे में सोचें जो आपको पसंद है. इसलिए आज आप जो खाना पसंद करते हैं खाएं, जिसे आप हमेशा बचपन से पसंद करते रहे हैं.
- आज आप अपने आप को खाने के विभिन्न विकारों के बारे में शिक्षित कर सकते हैं, जिनसे युवा पीड़ित हैं और लोगों को आत्म-प्रेम के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं.
विशेषज्ञ की राय
आपका जैसा शरीर है और जैसा भी दिखता है. आपको उसी से प्यार करना चाहिए. आज चीट डे बनाएं और अपनी पसंद का खाना खाएं. वजन और मोटापे की चिंता ना करें. मोटा होना अपराध नहीं है।खुद को स्वस्थ रखें और सकारात्मक सोच रखें.