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स्वतंत्रता दिवस पर Womeniya Band का जलवा, झूमेगा पूरा देश

15 अगस्त 1947 को हमें ब्रिटिश शासन के राज से आजादी मिली थी. ये दिन हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के त्याग, तपस्या और बलिदान की याद दिलाता है. इसलिए आज पूरा देश आजादी के जश्न में डूबा है.

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Published : Aug 15, 2021, 5:05 AM IST

देहरादून : इस साल हम स्वतंत्रता दिवस की प्लेटिनम जुबली मना रहे हैं. इन 75 सालों में जहां भारत ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं. वहीं महिलाओं ने सबित कर दिया है कि वो भी किसी से कम नहीं हैं.

आज भारत की महिलाएं न सिर्फ डिफेंस फोर्सेज से जुड़कर देश की सीमाओं की सुरक्षा कर रही हैं. वहीं, मनोरंजन से लेकर खेल जगत में भी देश का नाम रोशन कर रही हैं. वहीं, अगर बात एंटरटेनमेंट क्षेत्र की करें तो उत्तराखंड की बेटियों ने म्यूजिक के क्षेत्र में भी बड़ा मुकाम हासिल किया है.

जश्न-ए-आजादी का रंग.

उत्तराखंड की बेटियों ने साल 2016 में प्रदेश का पहला महिला म्यूजिकल बैंड 'Womeniya' शुरू किया और बीते 5 साल से देशभर में अपने गीतों से अलग पहचान बना रही हैं.

75वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर ईटीवी भारत आपको प्रदेश के इस पहले महिला म्यूजिकल बैंड की सदस्यों द्वारा गाए गए कुछ देशभक्ति गीतों को पहुंचा रहा है, जिन्हें सुनकर आप भी देश प्रेम में झूमने लगेंगे.

Womeniya बैंड की संस्थापक स्वाति सिंह बताती है कि साल 2016 में उन्होंने इस म्यूजिकल बैंड की शुरुआत की थी. उससे पहले वह म्यूजिकल इंस्टीट्यूट का संचालन करती थीं. उनको 2016 में ख्याल आया कि क्यों न 'Womeniya' नाम से एक महिला बैंड शुरू किया जाए.

तब से लेकर अब तक चार सदस्यों वाले इस बैंड ने देश के अलग-अलग राज्यों में 250 से ज्यादा शो किए हैं. उन्होंने बैंड के माध्यम से गीतों के जरिए समाज की क्रुप्रथाओं के खिलाफ संदेश देने का प्रयास किया है.

स्वाति ने बताया कि जब उन्होंने इस बैंड को शुरू किया था, उस दौरान कई सवाल मन में थे कि क्या महिलाओं का म्यूजिकल बैंड लोगों के दिलों में जगह बना पाएगा. शुरुआत में म्यूजिकल शो मिलने में काफी परेशानियां आई, लेकिन साल दर साल लोग उन्हें पहचाने लगे और इस तरह अपनी गायकी से इन 5 साल में वह लोगों के दिलों में जगह बनाने में सफल हो पाईं.

वुमनिया बैंड में दो सदस्य ऐसी भी हैं, जिनका रिश्ता मां और बेटी का है. हम बात कर रहे हैं वुमनिया बैंड की सबसे छोटी सदस्य 16 वर्षीय श्री और उनकी मां शाकम्भरी की. शाकम्भरी बैंड में गिटारिस्ट हैं, तो वहीं उनकी बेटी श्री बैंड में ड्रम इंस्ट्रक्टर हैं.

पढ़ें- हमारी आकांक्षाओं की उड़ान किसी सीमा में बंधने वाली नहीं, लेकिन पैर जमीन पर : राष्ट्रपति

शाकम्भरी ने बताया कि उनकी बेटी बचपन से ही डांस के माध्यम से म्यूजिक से जुड़ी हुई थी. ऐसे में म्यूजिक की दुनिया से अपनी बेटी को जोड़े रखने के लिए वुमनिया बैंड से बेहतर कुछ नहीं था.

यही कारण है कि उनकी बेटी 10 साल की उम्र से वुमनिया बैंड में बतौर ड्रमर जुड़ी हुई हैं और आगे भी वह चाहती हैं कि उनकी बेटी अपनी पढ़ाई जारी रखते हुए अपने म्यूजिक के शौक को भी आगे ले जाए.

देहरादून : इस साल हम स्वतंत्रता दिवस की प्लेटिनम जुबली मना रहे हैं. इन 75 सालों में जहां भारत ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं. वहीं महिलाओं ने सबित कर दिया है कि वो भी किसी से कम नहीं हैं.

आज भारत की महिलाएं न सिर्फ डिफेंस फोर्सेज से जुड़कर देश की सीमाओं की सुरक्षा कर रही हैं. वहीं, मनोरंजन से लेकर खेल जगत में भी देश का नाम रोशन कर रही हैं. वहीं, अगर बात एंटरटेनमेंट क्षेत्र की करें तो उत्तराखंड की बेटियों ने म्यूजिक के क्षेत्र में भी बड़ा मुकाम हासिल किया है.

जश्न-ए-आजादी का रंग.

उत्तराखंड की बेटियों ने साल 2016 में प्रदेश का पहला महिला म्यूजिकल बैंड 'Womeniya' शुरू किया और बीते 5 साल से देशभर में अपने गीतों से अलग पहचान बना रही हैं.

75वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर ईटीवी भारत आपको प्रदेश के इस पहले महिला म्यूजिकल बैंड की सदस्यों द्वारा गाए गए कुछ देशभक्ति गीतों को पहुंचा रहा है, जिन्हें सुनकर आप भी देश प्रेम में झूमने लगेंगे.

Womeniya बैंड की संस्थापक स्वाति सिंह बताती है कि साल 2016 में उन्होंने इस म्यूजिकल बैंड की शुरुआत की थी. उससे पहले वह म्यूजिकल इंस्टीट्यूट का संचालन करती थीं. उनको 2016 में ख्याल आया कि क्यों न 'Womeniya' नाम से एक महिला बैंड शुरू किया जाए.

तब से लेकर अब तक चार सदस्यों वाले इस बैंड ने देश के अलग-अलग राज्यों में 250 से ज्यादा शो किए हैं. उन्होंने बैंड के माध्यम से गीतों के जरिए समाज की क्रुप्रथाओं के खिलाफ संदेश देने का प्रयास किया है.

स्वाति ने बताया कि जब उन्होंने इस बैंड को शुरू किया था, उस दौरान कई सवाल मन में थे कि क्या महिलाओं का म्यूजिकल बैंड लोगों के दिलों में जगह बना पाएगा. शुरुआत में म्यूजिकल शो मिलने में काफी परेशानियां आई, लेकिन साल दर साल लोग उन्हें पहचाने लगे और इस तरह अपनी गायकी से इन 5 साल में वह लोगों के दिलों में जगह बनाने में सफल हो पाईं.

वुमनिया बैंड में दो सदस्य ऐसी भी हैं, जिनका रिश्ता मां और बेटी का है. हम बात कर रहे हैं वुमनिया बैंड की सबसे छोटी सदस्य 16 वर्षीय श्री और उनकी मां शाकम्भरी की. शाकम्भरी बैंड में गिटारिस्ट हैं, तो वहीं उनकी बेटी श्री बैंड में ड्रम इंस्ट्रक्टर हैं.

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शाकम्भरी ने बताया कि उनकी बेटी बचपन से ही डांस के माध्यम से म्यूजिक से जुड़ी हुई थी. ऐसे में म्यूजिक की दुनिया से अपनी बेटी को जोड़े रखने के लिए वुमनिया बैंड से बेहतर कुछ नहीं था.

यही कारण है कि उनकी बेटी 10 साल की उम्र से वुमनिया बैंड में बतौर ड्रमर जुड़ी हुई हैं और आगे भी वह चाहती हैं कि उनकी बेटी अपनी पढ़ाई जारी रखते हुए अपने म्यूजिक के शौक को भी आगे ले जाए.

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