नई दिल्ली : नगालैंड में संघर्ष विराम समझौते को लेकर केंद्र सरकार ने आज अहम फैसला लिया है. इस बारे में केंद्र सरकार (Central government) ने बुधवार को तीन नगा विद्रोही समूहों के साथ हुए संघर्ष विराम समझौते की अवधि को एक साल के लिए और बढ़ा दिया है. इसमें नगालैंड के अलगाववादी संगठन नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड यानी NSCN(K) भी शामिल है.
-
भारत सरकार और नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड (के) निकी समूह के बीच संघर्ष विराम समझौते को 08.09.2022 से 07.09.2023 तक के लिए बढ़ाने का निर्णय लिया गया: गृह मंत्रालय
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 7, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">भारत सरकार और नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड (के) निकी समूह के बीच संघर्ष विराम समझौते को 08.09.2022 से 07.09.2023 तक के लिए बढ़ाने का निर्णय लिया गया: गृह मंत्रालय
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 7, 2022भारत सरकार और नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड (के) निकी समूह के बीच संघर्ष विराम समझौते को 08.09.2022 से 07.09.2023 तक के लिए बढ़ाने का निर्णय लिया गया: गृह मंत्रालय
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 7, 2022
संघर्ष विराम समझौता 8 सितंबर 2022 से लेकर 7 सितंबर 2023 तक प्रभावी रहेगा. पिछले साल केंद्र सरकार की ओर से राज्य के खूंखार उग्रवादी निकी सूमी के नेतृत्व वाले नगा विद्रोही के एक अन्य गुट के साथ संघर्ष विराम (ceasefire agreement) समझौते पर करार किए थे.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आज जारी बयान में संघर्ष विराम समझौते की अवधि को बढ़ाए जाने को लेकर जानकारी दी. गृह मंत्रालय ने बयान में कहा कि नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड/एनके (एनएससीएन/एनके), नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड/रिफॉर्मेशन (एनएससीएन/आर) और नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड/के-खान्गो (एनएससीएन/के-खान्गो) के साथ हुए संघर्ष विराम समझौते को एक साल के लिए बढ़ाया जाता है.
ये भी पढ़ें - चकमा आदिवासियों की भारत-बांग्लादेश से मांग, 25 साल पुराने CHT समझौता हो लागू