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महामारी की दूसरी लहर का अर्थव्यवस्था पर बड़ा असर नहीं : मुख्य आर्थिक सलाहकार

मुख्य आर्थिक सलाहकार के वी सुब्रह्मण्यम ने कहा है कि कोरोना की दूसरी लहर का भारतीय अर्थव्यवस्था पर बहुत बड़ा असर पड़ने की आशंका नहीं है लेकिन इसके लिए महामारी के आगे के रास्ते को लेकर बनी हुई अनिश्चितता के बारे में आगाह किया.

के वी सुब्रह्मण्यम
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Published : May 31, 2021, 11:01 PM IST

नई दिल्ली : मुख्य आर्थिक सलाहकार के वी सुब्रह्मण्यम (K V Subramanian) ने सोमवार को कहा कि कोविड-19 की दूसरी लहर का भारतीय अर्थव्यवस्था पर बहुत बड़ा असर पड़ने की आशंका नहीं है लेकिन उन्होंने महामारी की आगे की राह को लेकर बनी हुई अनिश्चितता के बारे में आगाह किया.

उन्होंने साथ ही कहा कि महामारी की वजह से पैदा हुई परिस्थितियों को देखते हुए यह अनुमान लगाना मुश्किल है कि क्या मौजूदा वित्तीय वर्ष में देश की आर्थिक विकास दर दोहरे अंकों में (दस या दस प्रतिशत से ऊंची) होगी.

इस साल जनवरी में जारी आर्थिक सर्वेक्षण 2020-21 में मार्च 2022 में समाप्त होने वाले मौजूदा वित्तीय वर्ष में 11 प्रतिशत की आर्थिक विकास दर का अनुमान लगाया गया था. सुब्रह्मण्यम ने कहा कि 'महामारी की आगे की राह अब भी अनिश्चित है जिसे देखते हुए देश के आर्थिक विकास दर की सटीक संख्या का अनुमान लगाना मुश्किल है.'

पढ़ें - कोविड से जीते लोगों के लिए टीके की एक ही खुराक पर्याप्त : वैज्ञानिकों का दावा

इसके बावजूद उन्होंने कहा, 'दूसरी लहर का अर्थव्यवस्था पर पूर्ण रूप में बहुत बड़ा असर पड़ने की आशंका नहीं है.' मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा कि आगे बढ़ते समय अर्थव्यवस्था के लिए वित्तीय और मौद्रिक सहायता महत्वपूर्ण होगी.

उन्होंने टीकाकरण की रफ्तार बढ़ाने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि इससे कोविड-19 की एक और लहर की आशंका को कम करने में मदद मिलेगी. सुब्रह्मण्यम ने मुद्रास्फीति को लेकर कहा कि इसके अनुमानित सीमा में रहने की उम्मीद है और यह निर्धारित सीमाओं से ऊपर नहीं नहीं जानी चाहिए.

उन्होंने साथ ही कहा कि सामान्य मानसून की उम्मीद के साथ इस वित्तीय वर्ष में खाद्यान्नों का रिकॉर्ड उत्पादन होने का अनुमान है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : मुख्य आर्थिक सलाहकार के वी सुब्रह्मण्यम (K V Subramanian) ने सोमवार को कहा कि कोविड-19 की दूसरी लहर का भारतीय अर्थव्यवस्था पर बहुत बड़ा असर पड़ने की आशंका नहीं है लेकिन उन्होंने महामारी की आगे की राह को लेकर बनी हुई अनिश्चितता के बारे में आगाह किया.

उन्होंने साथ ही कहा कि महामारी की वजह से पैदा हुई परिस्थितियों को देखते हुए यह अनुमान लगाना मुश्किल है कि क्या मौजूदा वित्तीय वर्ष में देश की आर्थिक विकास दर दोहरे अंकों में (दस या दस प्रतिशत से ऊंची) होगी.

इस साल जनवरी में जारी आर्थिक सर्वेक्षण 2020-21 में मार्च 2022 में समाप्त होने वाले मौजूदा वित्तीय वर्ष में 11 प्रतिशत की आर्थिक विकास दर का अनुमान लगाया गया था. सुब्रह्मण्यम ने कहा कि 'महामारी की आगे की राह अब भी अनिश्चित है जिसे देखते हुए देश के आर्थिक विकास दर की सटीक संख्या का अनुमान लगाना मुश्किल है.'

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इसके बावजूद उन्होंने कहा, 'दूसरी लहर का अर्थव्यवस्था पर पूर्ण रूप में बहुत बड़ा असर पड़ने की आशंका नहीं है.' मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा कि आगे बढ़ते समय अर्थव्यवस्था के लिए वित्तीय और मौद्रिक सहायता महत्वपूर्ण होगी.

उन्होंने टीकाकरण की रफ्तार बढ़ाने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि इससे कोविड-19 की एक और लहर की आशंका को कम करने में मदद मिलेगी. सुब्रह्मण्यम ने मुद्रास्फीति को लेकर कहा कि इसके अनुमानित सीमा में रहने की उम्मीद है और यह निर्धारित सीमाओं से ऊपर नहीं नहीं जानी चाहिए.

उन्होंने साथ ही कहा कि सामान्य मानसून की उम्मीद के साथ इस वित्तीय वर्ष में खाद्यान्नों का रिकॉर्ड उत्पादन होने का अनुमान है.

(पीटीआई-भाषा)

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