ETV Bharat / bharat

CDSCO और राज्य औषधि नियंत्रण प्रशासन ने दवा निर्माण इकाइयों का संयुक्त निरीक्षण शुरू किया - joint inspection

केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने राज्य के अधिकारियों के साथ संयुक्त रूप से दवा निर्माण इकाइयों का निरीक्षण करना शुरू कर दिया है (joint inspection of all drug manufacturing units across India). इसके पीछे मकसद नकली दवाओं पर अंकुश लगाना है. ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता गौतम देबरॉय की रिपोर्ट.

joint inspection of all drug manufacturing units across India
दवा निर्माण इकाइयों का संयुक्त निरीक्षण
author img

By

Published : Dec 27, 2022, 3:35 PM IST

नई दिल्ली: एक बड़े घटनाक्रम में केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) और राज्य औषधि नियंत्रण प्रशासन ने पूरे भारत में सभी दवा निर्माण इकाइयों का संयुक्त निरीक्षण शुरू कर दिया है. घटनाक्रम से जुड़े अधिकारियों ने कहा कि देश में उपलब्ध दवाओं की सुरक्षा, प्रभावकारिता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए यह पहल की गई है.

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण व रसायन और उर्वरक मंत्री मनसुख मंडाविया (Union Minister for Health and Family Welfare Mansukh Mandaviya) ने जोखिम आधारित दृष्टिकोण के अनुसार चिन्हित दवाओं की निर्माण इकाइयों पर इस तरह का संयुक्त निरीक्षण करने को कहा है.

मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) के अनुसार सीडीएससीओ मुख्यालय में दो संयुक्त औषधि नियंत्रकों की एक समिति गठित की गई है जो निरीक्षण, रिपोर्टिंग और बाद की कार्रवाई की प्रक्रिया की निगरानी करेगी ताकि औषधि और प्रसाधन अधिनियम, 1940 और नियमों का अनुपालन सुनिश्चित किया जा सके.

एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि यह देश में निर्मित दवाओं के संबंध में गुणवत्ता अनुपालन के उच्च मानकों को सुनिश्चित करेगा. यह मानक गुणवत्ता (एनएसक्यू) के निर्माण के जोखिम वाली विनिर्माण इकाइयों के राष्ट्रव्यापी निरीक्षण के लिए एक कार्य योजना है. दरअसल पहले मिलावटी, नकली दवाओं के मामले सामने आए थे.

औषधि नियंत्रण प्रशासन को यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि विनिर्माण इकाइयां औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 और उसके तहत विशेष रूप से अच्छी विनिर्माण प्रथाओं (जीएमपी) की आवश्यकताओं का अनुपालन करती हैं.

मेडेन फार्मास्युटिकल्स द्वारा भारत में निर्मित खांसी की दवाई को गाम्बिया में 66 बच्चों की मौत से जुड़ा पाया गया था, जिसके बाद एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया था. हालांकि, सीरप की जांच के बाद भारत ने WHO को सूचित किया कि सीरप मानक गुणवत्ता का था.

गौरतलब है कि बीते दिनों केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा था कि केंद्र देश में सुरक्षा और प्रभावकारिता बनाए रखने के साथ-साथ शीर्ष गुणवत्ता वाली दवाओं, कॉस्मेटिक और चिकित्सा उपकरणों को सुनिश्चित करके सार्वजनिक स्वास्थ्य की सुरक्षा और वृद्धि करने के मिशन पर है.

पढ़ें- भारत बायोटेक की नैजल वैक्सीन 'इनकोवैक' की निजी बाजार में कीमत 800 रुपये होगी

नई दिल्ली: एक बड़े घटनाक्रम में केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) और राज्य औषधि नियंत्रण प्रशासन ने पूरे भारत में सभी दवा निर्माण इकाइयों का संयुक्त निरीक्षण शुरू कर दिया है. घटनाक्रम से जुड़े अधिकारियों ने कहा कि देश में उपलब्ध दवाओं की सुरक्षा, प्रभावकारिता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए यह पहल की गई है.

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण व रसायन और उर्वरक मंत्री मनसुख मंडाविया (Union Minister for Health and Family Welfare Mansukh Mandaviya) ने जोखिम आधारित दृष्टिकोण के अनुसार चिन्हित दवाओं की निर्माण इकाइयों पर इस तरह का संयुक्त निरीक्षण करने को कहा है.

मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) के अनुसार सीडीएससीओ मुख्यालय में दो संयुक्त औषधि नियंत्रकों की एक समिति गठित की गई है जो निरीक्षण, रिपोर्टिंग और बाद की कार्रवाई की प्रक्रिया की निगरानी करेगी ताकि औषधि और प्रसाधन अधिनियम, 1940 और नियमों का अनुपालन सुनिश्चित किया जा सके.

एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि यह देश में निर्मित दवाओं के संबंध में गुणवत्ता अनुपालन के उच्च मानकों को सुनिश्चित करेगा. यह मानक गुणवत्ता (एनएसक्यू) के निर्माण के जोखिम वाली विनिर्माण इकाइयों के राष्ट्रव्यापी निरीक्षण के लिए एक कार्य योजना है. दरअसल पहले मिलावटी, नकली दवाओं के मामले सामने आए थे.

औषधि नियंत्रण प्रशासन को यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि विनिर्माण इकाइयां औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 और उसके तहत विशेष रूप से अच्छी विनिर्माण प्रथाओं (जीएमपी) की आवश्यकताओं का अनुपालन करती हैं.

मेडेन फार्मास्युटिकल्स द्वारा भारत में निर्मित खांसी की दवाई को गाम्बिया में 66 बच्चों की मौत से जुड़ा पाया गया था, जिसके बाद एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया था. हालांकि, सीरप की जांच के बाद भारत ने WHO को सूचित किया कि सीरप मानक गुणवत्ता का था.

गौरतलब है कि बीते दिनों केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा था कि केंद्र देश में सुरक्षा और प्रभावकारिता बनाए रखने के साथ-साथ शीर्ष गुणवत्ता वाली दवाओं, कॉस्मेटिक और चिकित्सा उपकरणों को सुनिश्चित करके सार्वजनिक स्वास्थ्य की सुरक्षा और वृद्धि करने के मिशन पर है.

पढ़ें- भारत बायोटेक की नैजल वैक्सीन 'इनकोवैक' की निजी बाजार में कीमत 800 रुपये होगी

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.