नई दिल्ली/लखनऊ : उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद और कानपुर में वक्फ बोर्ड की संपत्तियों की कथित अवैध बिक्री, खरीद और हस्तांतरण के मामले की जांच सीबीआई ने अपने हाथों में ले ली है. एजेंसी ने उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी के खिलाफ इस सिलसिले में मामला भी दर्ज किया है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
राज्य सरकार ने पिछले साल दो मामलों की जांच सीबीआई से कराने की अपील की थी. इनमें से एक के संबंध में उत्तर प्रदेश पुलिस ने 2016 में इलाहाबाद में और दूसरा मामले में 2017 में लखनऊ में रिज़वी और अन्य लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी.
केंद्र ने बुधवार को मामलों की सीबीआई जांच की अनुमति दे दी.
क्या है आरोप- गैर कानूनी तरीके से संपत्ति खरीदना, बेचना और हस्तांतरित करना. वसीम रिजवी 2008 से 2020 तक अध्यक्ष थे.
कहां-कहां एफआईआर हुई दर्ज
आठ अगस्त 2016 को प्रयागराज में एफआईआर दर्ज. इमामबाड़ा गुलाम हैदर त्रिपोलिया, ओल्ड जीटी रोड प्रयागराज में अवैध निर्माण का आरोप. स्थानीय अधिकारियों की आपत्ति के बावजूद अवैध निर्माण जारी रहा.
27 मार्च, 2017 को लखनऊ के हजरतगंज में एफआईआर दर्ज. कानपुर देहात के सिकंदरा में जमीनों के रिकॉर्डों में घपलेबाजी का आरोप.
वक्फ बोर्ड का गठन
1954 के कानून के तहत वक्फ बोर्ड का गठन 1964 में किया गया. इसका मकसद देश में इस्लामिक इमारतों, संस्थानों और जमीनों का सही रखरखाव करना है. साथ ही उनसे जुड़ी हुई संपत्तियों और जमीनों का सही इस्तेमाल करना है. इनकी संपत्तियों में शेयर भी शामिल है. इसके पास चल और अचल दोनों संपत्ति होती है.