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Delhi Liquor Scam: सिसोदिया ने दो मोबाइल फोन नष्ट कर डिजिटल सबूत मिटाने की बात स्वीकारी, CBI ने दी जानकारी

दिल्ली शराब घोटाला मामले में फंसे पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ दायर चार्जशीट में सीबीआई ने कई अहम खुलासे किए हैं. सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि सिसोदिया ने इस बात को स्वीकार किया कि उन्होंने डिजिटल सबूत मिटाने के लिए दो मोबाइल फोन नष्ट किए थे.

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Published : May 20, 2023, 10:50 AM IST

Updated : May 20, 2023, 12:17 PM IST

नई दिल्लीः कथित दिल्ली शराब घोटाला मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ दाखिल की गई सीबीआई की चार्जशीट पर कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से कई अहम तथ्य कोर्ट को बताए गए. सीबीआई की चार्जशीट में कहा गया है कि सिसोदिया ने यह स्वीकार किया है कि उन्होंने डिजिटल सबूत मिटाने के लिए दो मोबाइल फोन नष्ट किए हैं. सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में सिसोदिया को आरोपी नंबर एक बनाया है.

सीबीआई ने सिसोदिया को 26 फरवरी के को पूछताछ के दौरान सवालों के मनमाने तरीके से जवाब देने, आबकारी नीति से जुड़े डिजिटल सबूत मिटाने के आरोप में गिरफ्तार किया था. जांच एजेंसी के सूत्रों के अनुसार सीबीआई ने 19 अगस्त 2022 को सिसोदिया का आखिरी मोबाइल हैंडसेट जब्त किया था. जब्त किए गए फोन का इस्तेमाल सिसोदिया 22 जुलाई 2022 से कर रहे थे. तब गृह मंत्रालय ने इस मामले को सीबीआई को सौंपा था. सीबीआई अधिकारियों का कहना है कि जांच के सकेत मिलने के बाद सिसोदिया ने अपने पुराने फोन को नष्ट कर दिया और नया फोन इस्तेमाल करना शुरू कर दिया.

ये भी पढे़ंः Karnataka: CM के रूप में सिद्धारमैया और DCM के तौर पर शिवकुमार समेत 8 विधायक आज लेंगे शपथ

1 साल में 14 मोबाइल फोन बदलने का आरोप
ईडी द्वारा सिसोदिया के खिलाफ चार मई को पेश की गई सप्लीमेंट्री चार्जशीट में सिसोदिया पर वर्ष 2021 से 2022 के दौरान नई आबकारी नीति को तैयार करने से लेकर एक साल तक अलग-अलग 14 मोबाइल फोन बदलने का आरोप लगाया है. इनमें से दो फोन ईडी ने जब्त किए थे. दो फोन का पता नहीं चला.

सीबीआई द्वारा कोर्ट में बताई गई मुख्य बातेंः

  1. मनीष सिसोदिया मंत्री समूह (जीओएम) की रिपोर्ट के मुख्य सूत्रधार थे.
  2. सिसोदिया ने विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट के सुझावों की अवहेलना करते हुए 20 मार्च 2021 को अपने कार्यालय में जीओएम की रिपोर्ट को अंतिम रूप दिया.
  3. सिसोदिया के कार्यालय के कंप्यूटर की हार्ड डिस्क में जीओएम रिपोर्ट के अंतिम मसौदे की सॉफ्ट कॉपी शब्द फाइल फाइनल ड्राफ्ट जीओएम रिपोर्ट 22.3.2021 दोपहर 3 बजे में है.
  4. सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि सिसोदिया पर मुकदमा चलाने के लिए पीसी अधिनियम की धारा 19 के तहत मंजूरी ले ली गई है.
  5. सीबीआई ने कोर्ट में चार्जशीट के साथ एक डीवीडी भी दी जिसमें गवाहों के बयानों की रिकार्डिंग है.
  6. सीबीआई द्वारा 25 अप्रैल को पेश की गई तीसरी सप्लीमेंट्री चार्जशीट में सिसोदिया के अलावा, अकाउंटेंट बुची बाबू गोरांटला, अर्जुन पांडेय और अमनदीप ढल के नाम शामिल हैं.
  7. सीबीआई ने आबकारी नीति घोटाले में साउथ ग्रुप का भी षड्यंत्र बताया.
  8. सिसोदिया ने आबकारी नीति के संबंध में सुझाव मांगने की प्रक्रिया में हेरफेर करने के लिए दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष जाकिर खान के माध्यम से कुछ ई-मेल गढ़े थे.
  9. सिसोदिया पूर्व आबकारी आयुक्त रवि धवन द्वारा 13 अक्टूबर 2020 को सौंपी गई विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट की सिफारिशों से खुश नहीं थे.
  10. सिसोदिया ने नए आबकारी आयुक्त राहुल सिंह को आबकारी विभाग के पोर्टल पर रिपोर्ट डालने का निर्देश दिया.
  11. सिसोदिया ने आबकारी विभाग द्वारा तैयार कैबिनेट नोट के मसौदे को नष्ट कर दिया.
  12. कैबिनेट नोट के मसौदे में भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई और केजी बालाकृष्णन और भारत के पूर्व अटार्नी जनरल एवं वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी व अन्य की कानूनी राय ली गई थी.

ये भी पढे़ंः Modi Govt. Ordinance: दिल्ली बीजेपी के नेताओं ने किया फैसले का स्वागत, कहा- केजरीवाल कर रहे थे मनमानी

नई दिल्लीः कथित दिल्ली शराब घोटाला मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ दाखिल की गई सीबीआई की चार्जशीट पर कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से कई अहम तथ्य कोर्ट को बताए गए. सीबीआई की चार्जशीट में कहा गया है कि सिसोदिया ने यह स्वीकार किया है कि उन्होंने डिजिटल सबूत मिटाने के लिए दो मोबाइल फोन नष्ट किए हैं. सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में सिसोदिया को आरोपी नंबर एक बनाया है.

सीबीआई ने सिसोदिया को 26 फरवरी के को पूछताछ के दौरान सवालों के मनमाने तरीके से जवाब देने, आबकारी नीति से जुड़े डिजिटल सबूत मिटाने के आरोप में गिरफ्तार किया था. जांच एजेंसी के सूत्रों के अनुसार सीबीआई ने 19 अगस्त 2022 को सिसोदिया का आखिरी मोबाइल हैंडसेट जब्त किया था. जब्त किए गए फोन का इस्तेमाल सिसोदिया 22 जुलाई 2022 से कर रहे थे. तब गृह मंत्रालय ने इस मामले को सीबीआई को सौंपा था. सीबीआई अधिकारियों का कहना है कि जांच के सकेत मिलने के बाद सिसोदिया ने अपने पुराने फोन को नष्ट कर दिया और नया फोन इस्तेमाल करना शुरू कर दिया.

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1 साल में 14 मोबाइल फोन बदलने का आरोप
ईडी द्वारा सिसोदिया के खिलाफ चार मई को पेश की गई सप्लीमेंट्री चार्जशीट में सिसोदिया पर वर्ष 2021 से 2022 के दौरान नई आबकारी नीति को तैयार करने से लेकर एक साल तक अलग-अलग 14 मोबाइल फोन बदलने का आरोप लगाया है. इनमें से दो फोन ईडी ने जब्त किए थे. दो फोन का पता नहीं चला.

सीबीआई द्वारा कोर्ट में बताई गई मुख्य बातेंः

  1. मनीष सिसोदिया मंत्री समूह (जीओएम) की रिपोर्ट के मुख्य सूत्रधार थे.
  2. सिसोदिया ने विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट के सुझावों की अवहेलना करते हुए 20 मार्च 2021 को अपने कार्यालय में जीओएम की रिपोर्ट को अंतिम रूप दिया.
  3. सिसोदिया के कार्यालय के कंप्यूटर की हार्ड डिस्क में जीओएम रिपोर्ट के अंतिम मसौदे की सॉफ्ट कॉपी शब्द फाइल फाइनल ड्राफ्ट जीओएम रिपोर्ट 22.3.2021 दोपहर 3 बजे में है.
  4. सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि सिसोदिया पर मुकदमा चलाने के लिए पीसी अधिनियम की धारा 19 के तहत मंजूरी ले ली गई है.
  5. सीबीआई ने कोर्ट में चार्जशीट के साथ एक डीवीडी भी दी जिसमें गवाहों के बयानों की रिकार्डिंग है.
  6. सीबीआई द्वारा 25 अप्रैल को पेश की गई तीसरी सप्लीमेंट्री चार्जशीट में सिसोदिया के अलावा, अकाउंटेंट बुची बाबू गोरांटला, अर्जुन पांडेय और अमनदीप ढल के नाम शामिल हैं.
  7. सीबीआई ने आबकारी नीति घोटाले में साउथ ग्रुप का भी षड्यंत्र बताया.
  8. सिसोदिया ने आबकारी नीति के संबंध में सुझाव मांगने की प्रक्रिया में हेरफेर करने के लिए दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष जाकिर खान के माध्यम से कुछ ई-मेल गढ़े थे.
  9. सिसोदिया पूर्व आबकारी आयुक्त रवि धवन द्वारा 13 अक्टूबर 2020 को सौंपी गई विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट की सिफारिशों से खुश नहीं थे.
  10. सिसोदिया ने नए आबकारी आयुक्त राहुल सिंह को आबकारी विभाग के पोर्टल पर रिपोर्ट डालने का निर्देश दिया.
  11. सिसोदिया ने आबकारी विभाग द्वारा तैयार कैबिनेट नोट के मसौदे को नष्ट कर दिया.
  12. कैबिनेट नोट के मसौदे में भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई और केजी बालाकृष्णन और भारत के पूर्व अटार्नी जनरल एवं वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी व अन्य की कानूनी राय ली गई थी.

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Last Updated : May 20, 2023, 12:17 PM IST
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