नई दिल्लीः CBI ने रिश्वतखोरी सहित अन्य आरोपों में सफदरजंग अस्पताल के एक न्यूरो सर्जन और चार अन्य आरोपितों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. पांचों को जांच एजेंसी ने बुधवार शाम छापेमारी कर गिरफ्तार किया था. इन पर ऐसा आरोप है कि न्यूरो सर्जन, कुछ निजी व्यक्तियों के साथ मिलकर एक निजी (सर्जिकल) दुकान के मालिक के साथ अवैध गतिविधियों में शामिल था. साथ ही चिकित्सा सलाह देने के लिए भी पैसे ले रहा था. इसके अलावा अस्पताल में इलाज के संबंध में निर्धारित नियमों को दरकिनार कर मरीजों की सर्जरी भी कर रहा था.
सफदरजंग अस्पताल के डॉ. मनीष रावत के अलावा अन्य आरोपित जंगपुरा में कनिष्क सर्जिकल स्टोर के मालिक दीपक खट्टर, बिचौलिए अवनेश पटेल, मनीष शर्मा और कुलदीप शामिल हैं. गिरफ्तारी के बाद डॉक्टर का सफदरजंग में ही मेडिकल भी कराया गया. आरोपित सर्जरी करने के लिए जानबूझकर लंबी तारीख देते थे, जिससे मरीज के परिजन खुद ही जल्दी तारीख लेने के लिए पैसे देने की बात करें.
खास दुकान से सामान खरीदने का देता था आदेशः डॉक्टर पर यह भी आरोप है कि इन बिचौलियों के माध्यम से रोगियों को दुकान मालिक की सर्जिकल दुकान से सर्जरी के लिए आवश्यक उपकरण खरीदने का निर्देश दिया था. साथ ही आरोपित ने मरीजों को उन उपकरणों के लिए वास्तविक कीमत से अधिक राशि का भुगतान करने के लिए भी मजबूर किया. इसके बदले में उक्त दुकान से बिलिंग में अपना हिस्सा भी प्राप्त किया.
जानकारी के अनुसार, डॉक्टर ने एक बिचौलिया के माध्यम से मरीजों के परिजनों से हाल ही में तीन अलग-अलग मामलों में 1,15,000, 55,000 और 30,000 रुपए की रिश्वत ली. यह पैसा बिचौलिया के खाते से डॉक्टर के खाते में भेजा गया. ऐसा कथित तौर पर उक्त डॉक्टर के निर्देश पर किया गया था. यह भी आरोप लगाया गया था कि आरोपी डॉक्टर एक निजी व्यक्ति द्वारा प्रबंधित की जा रही कंपनियों के माध्यम से अवैध रूप से कमाए गए धन का शोधन (मनी लांड्रिंग) भी कर रहा था. इस मामले में दिल्ली और उत्तर प्रदेश सहित विभिन्न स्थानों पर तलाशी ली गई, जिससे आपत्तिजनक दस्तावेज, डिजिटल उपकरण आदि बरामद हुए. गिरफ्तार आरोपितों को ड्यूटी मजिस्ट्रेट के सामने पेश कर रिमांड पर ले लिया गया है. अब सीबीआई इनसे मामले में शामिल अन्य लोगों के बारे में पूछताछ कर रही है.
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