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चिटफंड मामले में TMC विधायक सुबोध अधिकारी और उनके भाई के घर सीबीआई रेड - हलिसहर के नगरपालिका अध्यक्ष

सीबीआई ने पश्चिम बंगाल में टीएमसी विधायक सुबोध अधिकारी और उनके भाई कमल अधिकारी के आवास पर रेड की है. ये रेड हलिसहर नगर पालिका अध्यक्ष चिटफंड घोटाले से जुड़ी है.

CBI raids at TMC MLA Subhodh Adhikari
टीएमसी विधायक सुबोध अधिकारी के घर रेड
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Published : Sep 4, 2022, 2:50 PM IST

Updated : Sep 4, 2022, 6:34 PM IST

कोलकाता : केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने चिटफंड मामले की जांच के सिलसिले में रविवार को तृणमूल कांग्रेस के विधायक सुबोध अधिकारी और उनके भाई के आवास सहित पश्चिम बंगाल में छह स्थानों पर छापेमारी की (CBI raids at TMC MLA Subhodh Adhikari house). एजेंसी के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. सीबीआई अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों ने बीजपुर से विधायक एवं उनके भाई कमल अधिकारी के आवास और कार्यालय पर छापेमारी की गई. कमल अधिकारी कांचरपाड़ा नगर पालिका के अध्यक्ष हैं.

सीबीआई ने तृणमूल कांग्रेस के नेता राजू साहनी को सनमार्ग कल्याण संगठन से संबंधित एक चिटफंड मामले में गिरफ्तार करने के दो दिन बाद छापेमारी की. साहनी कोलकाता के निकट हलिसहर के नगरपालिका अध्यक्ष हैं. जांच एजेंसी ने साहनी के आवास से 80 लाख रुपये की नकदी, एक बंदूक और 2.75 करोड़ रुपये की संपत्ति के दस्तावेज बरामद किए थे.

अधिकारी ने कहा, 'सीबीआई अधिकारियों ने दिन के दौरान उत्तर 24 परगना जिले के हलिसहर और कांचरपाड़ा के चार स्थानों पर छापेमारी की, जिसमें अधिकारी बंधुओं के पुश्तैनी घर और उनके मौजूदा आवास शामिल हैं. एजेंसी ने पोंजी घोटाले के सिलसिले में विधायक के निजी सहायक के घर पर भी छापेमारी की.' उन्होंने कहा कि कोलकाता के लेक टाउन और पाइकपाड़ा इलाके में विधायक के दो आवासों पर भी केंद्रीय एजेंसी ने छापेमारी की.

कमल अधिकारी ने पत्रकारों से बात करते हुए स्वीकार किया कि साहनी उनके दोस्त हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें तृणमूल कांग्रेस के गिरफ्तार नेता के किसी भी वित्तीय लेनदेन के बारे में जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा, 'मैं साहनी के किसी वित्तीय लेन देन या चिटफंड कंपनी के बारे में नहीं जानता. यह मेरे और मेरी पार्टी के खिलाफ एक राजनीतिक साजिश है. छापेमारी में कुछ भी नहीं निकला. मैं जांच में सहयोग करने के लिए तैयार हूं.'

आरोप-प्रत्यारोप शुरू : एक सवाल के जवाब में कि क्या साहनी ने उन्हें अपना फ्लैट खरीदने में मदद की है, कांचरपाड़ा नगरपालिका के अध्यक्ष ने दावा किया कि उन्होंने अपनी मेहनत की कमाई से अपार्टमेंट खरीदा था. तृणमूल कांग्रेस के सांसद सौगत रॉय ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) केंद्रीय एजेंसी का इस्तेमाल उनकी पार्टी के नेताओं को निशाना बनाने और उन्हें डराने के लिए कर रही है.

उन्होंने कहा, 'हमें न्यायपालिका पर भरोसा है. पोंजी घोटाले में शामिल लोगों को दंडित किया जाएगा और यह सच्चाई भी सामने आएगी कि भाजपा अपने राजनीतिक प्रतिशोध के तहत तृणमूल कांग्रेस नेताओं को निशाना बना रही है.' भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा कि रॉय इस तरह की टिप्पणी इसलिए कर रहे हैं क्योंकि केंद्रीय एजेंसी ने तृणमूल कांग्रेस के 'भ्रष्ट' नेताओं पर शिकंजा कस दिया है.

पढ़ें- पश्चिम बंगाल में पशु तस्करी मामले में सीबीआई की चार जगहों पर छापेमारी

कोलकाता : केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने चिटफंड मामले की जांच के सिलसिले में रविवार को तृणमूल कांग्रेस के विधायक सुबोध अधिकारी और उनके भाई के आवास सहित पश्चिम बंगाल में छह स्थानों पर छापेमारी की (CBI raids at TMC MLA Subhodh Adhikari house). एजेंसी के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. सीबीआई अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों ने बीजपुर से विधायक एवं उनके भाई कमल अधिकारी के आवास और कार्यालय पर छापेमारी की गई. कमल अधिकारी कांचरपाड़ा नगर पालिका के अध्यक्ष हैं.

सीबीआई ने तृणमूल कांग्रेस के नेता राजू साहनी को सनमार्ग कल्याण संगठन से संबंधित एक चिटफंड मामले में गिरफ्तार करने के दो दिन बाद छापेमारी की. साहनी कोलकाता के निकट हलिसहर के नगरपालिका अध्यक्ष हैं. जांच एजेंसी ने साहनी के आवास से 80 लाख रुपये की नकदी, एक बंदूक और 2.75 करोड़ रुपये की संपत्ति के दस्तावेज बरामद किए थे.

अधिकारी ने कहा, 'सीबीआई अधिकारियों ने दिन के दौरान उत्तर 24 परगना जिले के हलिसहर और कांचरपाड़ा के चार स्थानों पर छापेमारी की, जिसमें अधिकारी बंधुओं के पुश्तैनी घर और उनके मौजूदा आवास शामिल हैं. एजेंसी ने पोंजी घोटाले के सिलसिले में विधायक के निजी सहायक के घर पर भी छापेमारी की.' उन्होंने कहा कि कोलकाता के लेक टाउन और पाइकपाड़ा इलाके में विधायक के दो आवासों पर भी केंद्रीय एजेंसी ने छापेमारी की.

कमल अधिकारी ने पत्रकारों से बात करते हुए स्वीकार किया कि साहनी उनके दोस्त हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें तृणमूल कांग्रेस के गिरफ्तार नेता के किसी भी वित्तीय लेनदेन के बारे में जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा, 'मैं साहनी के किसी वित्तीय लेन देन या चिटफंड कंपनी के बारे में नहीं जानता. यह मेरे और मेरी पार्टी के खिलाफ एक राजनीतिक साजिश है. छापेमारी में कुछ भी नहीं निकला. मैं जांच में सहयोग करने के लिए तैयार हूं.'

आरोप-प्रत्यारोप शुरू : एक सवाल के जवाब में कि क्या साहनी ने उन्हें अपना फ्लैट खरीदने में मदद की है, कांचरपाड़ा नगरपालिका के अध्यक्ष ने दावा किया कि उन्होंने अपनी मेहनत की कमाई से अपार्टमेंट खरीदा था. तृणमूल कांग्रेस के सांसद सौगत रॉय ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) केंद्रीय एजेंसी का इस्तेमाल उनकी पार्टी के नेताओं को निशाना बनाने और उन्हें डराने के लिए कर रही है.

उन्होंने कहा, 'हमें न्यायपालिका पर भरोसा है. पोंजी घोटाले में शामिल लोगों को दंडित किया जाएगा और यह सच्चाई भी सामने आएगी कि भाजपा अपने राजनीतिक प्रतिशोध के तहत तृणमूल कांग्रेस नेताओं को निशाना बना रही है.' भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा कि रॉय इस तरह की टिप्पणी इसलिए कर रहे हैं क्योंकि केंद्रीय एजेंसी ने तृणमूल कांग्रेस के 'भ्रष्ट' नेताओं पर शिकंजा कस दिया है.

पढ़ें- पश्चिम बंगाल में पशु तस्करी मामले में सीबीआई की चार जगहों पर छापेमारी

Last Updated : Sep 4, 2022, 6:34 PM IST
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