नई दिल्ली: सीबीआई ने दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के दिल्ली सचिवालय स्थित कार्यालय पर छापा मारा है. सिसोदिया का दफ्तर सचिवालय की छठी मंजिल पर है. सीबीआई किस मामले में रेड पहुंची करने पहुंची है, अभी इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. इससे पहले अगस्त महीने में भी दिल्ली सरकार की नई आबकारी पॉलिसी में घोटाले की खिलाफ दर्ज मामले में सीबीआई ने उपमुख्यमंत्री के आवास पर छापा मारा था.
मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है. उन्होंने ट्वीट किया, "आज फिर CBI मेरे दफ्तर पहुंची है. उनका स्वागत है. इन्होंने मेरे घर पर रेड कराई, दफ्तर में छापा मारा, लॉकर तलाशे, मेरे गांव तक में छानबीन करा ली. मेरे खिलाफ न कुछ मिला है और न मिलेगा, क्योंकि मैंने कुछ गलत किया ही नहीं है. ईमानदारी से दिल्ली के बच्चों की शिक्षा के लिए काम किया है."
19 अगस्त को उनके आवास पर पड़ी थी रेडः दिल्ली शराब घोटाला मामले में सीबीआई ने 17 अगस्त को सिसोदिया समेत 15 लोगों के खिलाफ सीबीआई ने FIR दर्ज की थी. इसमें उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, आबकारी आयुक्त अर्व गोपी कृष्ण, आबकारी उपायुक्त आनंद तिवारी आदि के नाम थे. ठीक दो दिन बाद 19 अगस्त को सीबीआई उनके आवास पर रेड करने पहुंची थी. इसके बाद उन्हें 17 अक्टूबर को सीबीआई दफ्तर में भी पूछताछ के लिए बुलाया गया था. उनके गाजियाबाद स्थित बैक अकाउंट की तलाशी भी ली गई थी.
मनीष सिसोदिया के खिलाफ आरोप है कि जब आबकारी विभाग ने शराब की दुकानों के लिए लाइसेंस जारी किए तो इस दौरान मनीष सिसोदिया द्वारा कुल प्राइवेट वेंडर्स को 144 करोड़ 36 लाख रुपये का फायदा पहुंचाया. आरोप है कि उन्होंने लाइसेंस फीस माफ फायदा पहुंचाया.
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CBI और ED की चार्जशीट में सिसोदिया का नाम नहींः दिल्ली शराब नीति घोटाले में CBI ने 10 हजार पन्नों की चार्जशीट दाखिल कर दी है, जिसमें दिल्ली के डिप्टी CM सिसोदिया का नाम नहीं है. इसमें सात लोगों को आरोपी बनाया गया है. CBI ने दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट में ये चार्जशीट दाखिल की. वहीं ईडी ने भी इस मामले में दो चार्जशीट अब तक दाखिल कर चुकी है. लेकिन इसमें भी सिसोदिया का नाम नहीं है. ईडी की चार्जशीट में 12 लोगों के नाम शामिल हैं.
आप की प्रतिक्रियाः आम आदमी पार्टी के विधायक संजीव झा ने कहा कि भाजपाइयों के पास सिर्फ आम आदमी पार्टी के नेताओं का उत्पीड़न करने का काम बचा है. दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के घर सीबीआई ने 14 घंटे छापेमारी की. इसके बाद भी बेनामी संपत्ति, एक रुपए की बरामदगी और किसी प्रकार के भ्रष्टाचार का कोई सबूत नहीं मिला.
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