रांचीः झारखंड में हुए 34वें राष्ट्रीय खेल में हुए घोटाले मामले में सीबीआई जांच तेज हो गई है. देश भर में 16 ठिकानों पर सीबीआई ने छापेमारी की है. जिसमें झारखंड में 12, बिहार में 2 और दिल्ली में 2 जगहों पर छापेमारी की खबर है. रांची में पूर्व मंत्री बंधु तिर्की के आवास पर छापेमारी की जा रही है.
पूर्व मंत्री बंधु तिर्की के आवास पर छापाः गुरुवार की सुबह सीबीआई की टीम ने पूर्व खेल मंत्री बंधु तिर्की के ठिकानों पर एकसाथ छापेमारी की है. बंधु तिर्की के मोरहाबादी में दीनदयाल नगर स्थित सरकारी आवास और पंडरा स्थित आवास पर सीबीआई कागजात खंगाल रही है. झारखंड हाई कोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई खेल घोटाले की जांच कर रही है. जिस समय खेल घोटाला हुआ था उस समय बंधु तिर्की खेल मंत्री के पद पर थे. एसीबी में दर्ज मामले के आधार पर बंधु तिर्की को गिरफ्तार कर जेल भी भेजा गया था. आय से अधिक संपत्ति मामला सामने आने के बाद बंधु तिर्की की विधायकी भी खत्म कर दी गई है.
चार नामजद बनाये गए थेः सीबीआई ने 34 वें राष्ट्रीय खेल घोटाला मामले में कार्यकारी अध्यक्ष आरके आनंद, महासचिव एसएम हाशमी, कोषाध्यक्ष मधुकांत पाठक और तत्कालीन खेल निदेशक पीसी मिश्रा को नामजद अभियुक्त बनाया था. मामले में IPC की धारा 120(B) सह पठित 420, और PC Act 1988 की धारा 13(2) सह पठित 13(1)(D) एफआईआर दर्ज हुई है.
हाई कोर्ट ने दिया था आदेशः गौरतलब है कि वर्ष 2011 में हुए 34वें राष्ट्रीय खेल के आयोजन और स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के निर्माण में घोटाले की जांच सीबीआई से कराने का आदेश झारखंड हाई कोर्ट ने दिया था. झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत ने जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए ये आदेश दिया था. इससे पहले इस घोटाले की जांच झारखंड का एंटी करप्शन ब्यूरो कर रहा था. अदालत ने एसीबी की जांच पर ना सिर्फ गहरा असंतोष जताया था, अदालत ने सीबीआई को इस बिंदु पर भी जांच करने को कहा है कि किन अधिकारियों की वजह से जांच में देरी हुई है.
क्या है पूरा मामलाः झारखंड में साल 2007 में राष्ट्रीय खेल का आयेाजन होना था. लेकिन तैयारी पूरी नहीं होने के कारण 34वें राष्ट्रीय खेल साल 2011 में झारखंड में आयोजित हुए. राष्ट्रीय खेल के आयेाजन के पहले खेल सामग्री की खरीद, खेल, ठेका देने में अनियमितता, निर्माण में गड़बड़ी के मामले सामने आए. आंकलन के मुताबिक, 29 करोड़ से अधिक का नुकसान सरकार को हुआ. जिसके बाद साल 2010 में एसीबी ने इस संबंध में एफआईआर दर्ज की थी.