जोधपुर. सीएपीएफ भर्ती में होने वाले मेडिकल टेस्ट में फर्जीवाड़ा किए जाने का मामला सामने आया है. इसका संज्ञान लेते हुए बीएसएफ मुख्यालय ने इसे सीबीआई को सौंप दिया. सीबीआई जोधपुर ने अपनी जांच के बाद डॉक्टरों व अभ्यर्थियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है. इसमें तीन डॉक्टरों व पांच अभ्यर्थी समेत 9 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. तीन डॉक्टर - कोलकाता बीएसएफ के डॉ एसके झा, जलंधर बीएसएफ के डॉ बानी साकिया व जोधपुर बीएसएफ के डॉ मृणाल हजारिका को नामजद आरोपी बनाया गया है. इसके अलावे एक अज्ञात व्यक्ति को भी आरोपी बनाया गया है. खास बात यह है कि इन डॉक्टरों ने तीन से चार दिन के अंतराल में ही पांच से दस किलो वजन कम बताकर अभ्यर्थी को फिट घोषित कर दिया था.
सीबीआई जोधपुर ने बीते मंगलवार यानी 28 मार्च इस मामले में मुकदमा दर्ज किए हैं. मकदमे के अनुसार डॉक्टरों ने पांच अभ्यर्थियों के ओवरवेट होने पर भी उनका वजन कम बता कर उनको चयन के लिए फिट घोषित कर दिया था. लेकिन बीएसएफ की आंतरिक जांच में जब दोबारा जांच हुई तो फर्जीवाडा सामने आया. इस पर संज्ञान लेते हुए बीएसएफ मुख्यालय ने मामले की जांच के लिए सीबीआई को रेफर किया. सीबीआई त्वरित कार्रवाई करते हुए इसकी जांच का जिम्मा इंस्पेक्टर मदन बेनिवाल को सौंपा.
तीन दिन में कम हुआ वजन
प्राप्त जानकारी के अनुसार दो मार्च 2022 से 16 मार्च 2022 तक जोधपुर बीएसएफ फ्रंटियर मुख्यालय में सीएपीएफ यानी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल के 561 अभ्यर्थियों के मेडिकल हुए थे. इनमें चार व पांच मार्च को पांच अभ्यर्थियों का चिकित्सकीय परीक्षण हुआ. जिसमें वे ओवर वेट पाए गए थे. लेकिन तीन दिन बाद ही दोबारा परीक्षण हुआ तो डॉक्टरों ने उनका वजन सही बताते हुए उन्हें फिट घोषित कर दिया. बीएसएफ ने इस मामले की आंतरिक जांच के बाद संपूर्ण पत्रावली सीबीआई को दे दी. जिसमें बताया गया है तीन बाद हुई दोबारा जांच में वजन कम आना संदेह पेदा करता है. अभ्यर्थी विक्रम सिंह का पहले वजन 71.840 किलोग्राम था जो तीन दिन बाद 67 किलो हो गया. गगन शर्मा का 80.340 से घट कर 69 किलोग्राम, करण सिंह का 72 किलो से 66 किलो, गुरजित सिंह का 70 किलो से 66 किलो व मुकुल व्यास का 91 किलो से 81 किलो बताया गया. बता दें कि सभी अभ्यर्थी राजस्थान के हैं.
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तीसरी बार जांच में फिर पुराना वजन आया
अधिकारियों को संदेह हुआ तो उन्होंने तीन बाद फिर 10 मार्च को पांचों अभ्यर्थियों को परीक्षण के बुलाया. लेकिन इस दौरान विक्रम सिंह नहीं आया. जबकि गगन शर्मा का वजन 80 किलो, करणसिंह का 70 किलो, गुरजित सिंह का 68 किलो व मुकुल व्यास का 91 किलो वजन पाया गया। जिससे अधिकारियों को संदेह यकिन में बदल गया कि डॉक्टरों ने इसमें फर्जीवाडा किया था.
सीबीआई करेगी खुलासा लेनदेन का
अब इस मामले सीबीआई विस्तृत रूप से खुलासा करेगी. यह भी सामने आएगा कि लेनेदेन कैसे हुआ? किसके मार्फत हुआ. डॉक्टरों व अभ्यर्थियों के बीच सेतू का काम किसने किया? वह अज्ञात व्यक्ति कौन है. कैसे वह डॉक्टर और अभ्यर्थियों के संपर्क में आया. जानकार मानते हैं कि यदि इसकी जांच गहन हुई तो कई पूराने केस का भी खुलासा होने की उम्मीद है.