रांची: चारा घोटाला के अलग-अलग मामलों में जमानत पर रिहा राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें फिर बढ़ सकती हैं. सीबीआई ने झारखंड हाईकोर्ट में लालू यादव की सजा बढ़ाने की याचिका दी है. इस पर न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद और न्यायाधीश सुभाष चंद की खंडपीठ ने सुनवाई के बाद मामले को सक्षम बेंच में भेजने का निर्देश दिया है.
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यह मामला देवघर कोषागार के आरसी 64ए से जुड़ा है. इस मामले में सीबीआई की दलील है कि विशेष अदालत ने आरके राणा को पांच साल और जगदीश शर्मा को दो अलग-अलग धाराओं में सात-सात साल की सजा हुई थी. जबकि लालू प्रसाद को साढ़े तीन साल की सजा हुई थी. सीबीआई का कहना है कि चारा घोटाला में लालू प्रसाद बड़े षडयंत्रकारियों में शामिल थे. इसलिए इस मामले में लालू समेत अन्य को भी सात साल की सजा होनी चाहिए.
लालू यादव के वकील प्रभात कुमार ने ईटीवी भारत को बताया कि अब देखना है कि यह मामला सिंगल बेंच को जाता है या डिवीजन बेंच को. उन्होंने कहा कि सीबीआई की अपील पर नोटिस का जवाब दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि सीबीआई ने कई अन्य दोषियों की भी सजा बढ़ाने की याचिका दी है. इनमें से आरके राणा, महेश प्रसाद और फुलचंद सिंह समेत चार लोगों का निधन हो चुका है. लालू प्रसाद की तबीयत अच्छी नहीं रहती. उनकी उम्र भी काफी हो गई है.
लालू प्रसाद के वकील प्रभात कुमार ने कहा कि सीबीआई की विशेष अदालत के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है. उसी आधार पर लालू प्रसाद जमानत पर हैं. लेकिन सीबीआई ने सजा बढ़ाने की अपील की है. उन्होंने उम्मीद जताई है कि मामले की अगली सुनवाई होने में दो से तीन सप्ताह का समय लग सकता है. सुनवाई के दौरान लालू प्रसाद की तरफ से अधिवक्ता देवर्षि मंडल ने पक्ष रखा.