नई दिल्ली : केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने लगभग 940 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी के मामले में चार अलग-अलग केस दर्ज किए हैं. सीबीआई ने संबंधित मामलों में गुजरात, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में अलग-अलग तलाशी ली है. सीबीआई ने बैंक फ्रॉड मामले में कुछ दिनों पहले एफआईआर दर्ज की थी.
सीबीआई के एक अधिकारी ने कहा कि चार में से एक एफआईआर बैंक ऑफ इंडिया की शिकायत पर अहमदाबाद स्थित निजी फर्म, उसके डायरेक्टर्स और अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ दर्ज की गई है. फर्म पर बैंक के 631.97 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप है. बताया गया है कि गुजरात के फर्म के निदेशकों ने 2012 से 2016 के दौरान बैंक ऑफ इंडिया से क्रेडिट फैसिलिटी के आधार पर कर्ज लिया और उसे गैर निर्धारित काम में खर्च किया. बैंक ने पाया कि फर्म कथित तौर पर अपनी सहयोगी कंपनियों के माध्यम से धन की हेराफेरी करने में शामिल थी.
सीबीआई ने आंध्रप्रदेश की एक निजी फर्म के आठ ठिकानों पर भी छापेमारी की. उस फर्म के खिलाफ यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, विशाखापत्तनम ब्रांच की शिकायत पर केस दर्ज किया गया था. कंपनी ने गलत जानकारी देकर बैंक से 228.02 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था. कर्ज की इस रकम को उसने अपने असोसिएट्स के बीच बांट दिया. गुरुवार को सीबीआई ने इस मामले में भी आंध्रप्रदेश के प्रकाशम समेत कंपनी से जुड़े आठ स्थानों पर तलाशी ली, जिसमें हेराफेरी से संबंधित दस्तावेज बरामद हुए.
तीसरा मामला हैदराबाद की एक निजी कंपनी के खिलाफ दर्ज किया गया था. इस कंपनी ने बैंक ऑफ बड़ौदा से लोन लिया था. आरोप है कि कंपनी ने लोन की रकम का उपयोग दूसरे कारोबार के लिए किया. कंपनी के कर्ज नहीं चुकाने से बैंक को 44.60 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.
चौथा मामला मध्यप्रदेश के रायसेन से जुड़ा है. वहां की एक निजी कंपनी के खिलाफ पंजाब नेशनल बैंक ने शिकायत दर्ज कराई थी. कंपनी की हेराफेरी के कारण बैंक को 35.55 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था.