ETV Bharat / bharat

देशमुख के खिलाफ जांच: रिश्चत लेने के आरोप में सीबीआई ने अपने उपनिरीक्षक को गिरफ्तार किया

author img

By

Published : Sep 2, 2021, 1:29 AM IST

Updated : Sep 2, 2021, 1:41 PM IST

अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की प्रारंभिक जांच को प्रभावित करने के लिए सीबीआई ने देशमुख की टीम से घूस लेने के आरोप ने अपने एक उपनिरीक्षक के गिरफ्तार किया है. वहीं सूत्रों के अनुसार सीबीआई ने देशमुख के दामाद गौरव व वकील आनंद को हिरासत में ले लिया. लेकिन बाद में पूछताछ के बाद उन्हें जाने दिया.

अनिल देशमुख
अनिल देशमुख

नई दिल्ली : केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की प्रारंभिक जांच को प्रभावित करने के लिए देशमुख की टीम से रिश्वत लेने के आरोप में अपने उपनिरीक्षक अभिषेक तिवारी को बुधवार गिरफ्तार कर लिया. यह जानकारी अधिकारियों ने दी. वहीं सूत्रों के अनुसार सीबीआई ने वर्ली सुखदा से देशमुख के दामाद गौरव व वकील आनंद को हिरासत में ले लिया. लेकिन बाद में पूछताछ के बाद उन्हें जाने दिया गया.

उन्होंने बताया कि इससे पहले सीबीआई ने देशमुख के वकील आनंद डागा और अपने उपनिरीक्षक अभिषेक तिवारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी. सीबीआई के प्रवक्ता आर सी जोशी ने कहा, 'सीबीआई ने अपने उपनिरीक्षक, नागपुर के एक वकील और कुछ अज्ञात लोगों के खिलाफ रिश्वत समेत कुछ आरोपों में मामला दर्ज किया है. मामले की जांच के दौरान सीबीआई ने आज उपनिरीक्षक को गिरफ्तार कर लिया है. उक्त अधिवक्ता से पूछताछ की जा रही है. इलाहाबाद और दिल्ली में छापे मारे गए.'

देशमुख को कथित तौर पर क्लीन चिट देने संबंधी प्राथमिक जांच की रिपोर्ट शनिवार रात लीक हो गई थी. अधिकारियों ने कहा कि सीबीआई ने रिपोर्ट के लीक होने की जांच शुरू की जिसमें अब तक पता चला है कि देशमुख की टीम ने एजेंसी के एक उप निरीक्षक रैंक के अधिकारी को कथित तौर पर रिश्वत देकर उनके खिलाफ प्रारंभिक जांच (पीई) को प्रभावित करने की कोशिश की.

ये भी पढ़ें - सीबीआई ने देशमुख मामले में जांच अधिकारी की रिपोर्ट रद्द की : कांग्रेस का आरोप

केंद्रीय एजेंसी ने बुधवार को देशमुख के दामाद गौरव चतुर्वेदी और वकील आनंद डागा से अपनी जांच को लेकर पूछताछ की जिसके बाद एक प्राथमिकी दर्ज की गई. उन्होंने कहा कि सीबीआई को अब तक चतुर्वेदी की संलिप्तता का पता नहीं चला है और उन्हें जाने दिया गया.

एक अधिकारी ने बताया, 'अनिल देशमुख की टीम का प्रयास बम्बई उच्च न्यायालय की अवमानना है, जिसने निर्देश दिया था कि सभी संबंधित पक्षों को प्रारंभिक जांच करते समय सीबीआई का पूरा सहयोग करना चाहिए. इस मामले में ऐसा प्रतीत होता है कि देशमुख की टीम ने पीई को प्रभावित करने की कोशिश की.'

उन्होंने कहा कि उनका प्रयास सफल नहीं हो सका क्योंकि सीबीआई में एक प्रक्रिया है जिसमें प्राथमिकी दर्ज करने से पहले रिकॉर्ड पर साक्ष्य और कानूनी राय भी दर्ज की जाती है. उन्होंने कहा, 'वे उच्च स्तर पर लोगों को प्रभावित नहीं कर सके.'

ये भी पढ़ें - IPS रश्मि शुक्ला की रिपोर्ट सीबीआई के साथ साझा करने के लिए राजी : महाराष्ट्र सरकार

सीबीआई ने बम्बई उच्च न्यायालय के आदेश पर एक प्रारंभिक जांच शुरू की थी. अदालत ने देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों पर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश जारी किया था.

मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने देशमुख के खिलाफ रिश्वत के आरोप लगाए थे और अदालत ने जांच एजेंसी को इन आरोपों की जांच करने का निर्देश दिया था. देशमुख ने इन आरोपों के बाद महाराष्ट्र के गृह मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने इन आरोपों को खारिज किया है.

उद्योगपति मुकेश अंबानी के मुंबई स्थित आवास के बाहर एक एसयूवी से विस्फोटक सामग्री मिलने के मामले की जांच के दौरान सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वाजे की भूमिका सामने आई थी. इसके बाद सिंह को उनके पद से हटा दिया गया था. वाजे को भी सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था.

पुलिस आयुक्त के पद से हटाए जाने के बाद सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि देशमुख ने वाजे को मुंबई के बार और रेस्तरां से एक महीने में 100 करोड़ रुपये से अधिक की रकम वसूलने को कहा था.

नई दिल्ली : केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की प्रारंभिक जांच को प्रभावित करने के लिए देशमुख की टीम से रिश्वत लेने के आरोप में अपने उपनिरीक्षक अभिषेक तिवारी को बुधवार गिरफ्तार कर लिया. यह जानकारी अधिकारियों ने दी. वहीं सूत्रों के अनुसार सीबीआई ने वर्ली सुखदा से देशमुख के दामाद गौरव व वकील आनंद को हिरासत में ले लिया. लेकिन बाद में पूछताछ के बाद उन्हें जाने दिया गया.

उन्होंने बताया कि इससे पहले सीबीआई ने देशमुख के वकील आनंद डागा और अपने उपनिरीक्षक अभिषेक तिवारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी. सीबीआई के प्रवक्ता आर सी जोशी ने कहा, 'सीबीआई ने अपने उपनिरीक्षक, नागपुर के एक वकील और कुछ अज्ञात लोगों के खिलाफ रिश्वत समेत कुछ आरोपों में मामला दर्ज किया है. मामले की जांच के दौरान सीबीआई ने आज उपनिरीक्षक को गिरफ्तार कर लिया है. उक्त अधिवक्ता से पूछताछ की जा रही है. इलाहाबाद और दिल्ली में छापे मारे गए.'

देशमुख को कथित तौर पर क्लीन चिट देने संबंधी प्राथमिक जांच की रिपोर्ट शनिवार रात लीक हो गई थी. अधिकारियों ने कहा कि सीबीआई ने रिपोर्ट के लीक होने की जांच शुरू की जिसमें अब तक पता चला है कि देशमुख की टीम ने एजेंसी के एक उप निरीक्षक रैंक के अधिकारी को कथित तौर पर रिश्वत देकर उनके खिलाफ प्रारंभिक जांच (पीई) को प्रभावित करने की कोशिश की.

ये भी पढ़ें - सीबीआई ने देशमुख मामले में जांच अधिकारी की रिपोर्ट रद्द की : कांग्रेस का आरोप

केंद्रीय एजेंसी ने बुधवार को देशमुख के दामाद गौरव चतुर्वेदी और वकील आनंद डागा से अपनी जांच को लेकर पूछताछ की जिसके बाद एक प्राथमिकी दर्ज की गई. उन्होंने कहा कि सीबीआई को अब तक चतुर्वेदी की संलिप्तता का पता नहीं चला है और उन्हें जाने दिया गया.

एक अधिकारी ने बताया, 'अनिल देशमुख की टीम का प्रयास बम्बई उच्च न्यायालय की अवमानना है, जिसने निर्देश दिया था कि सभी संबंधित पक्षों को प्रारंभिक जांच करते समय सीबीआई का पूरा सहयोग करना चाहिए. इस मामले में ऐसा प्रतीत होता है कि देशमुख की टीम ने पीई को प्रभावित करने की कोशिश की.'

उन्होंने कहा कि उनका प्रयास सफल नहीं हो सका क्योंकि सीबीआई में एक प्रक्रिया है जिसमें प्राथमिकी दर्ज करने से पहले रिकॉर्ड पर साक्ष्य और कानूनी राय भी दर्ज की जाती है. उन्होंने कहा, 'वे उच्च स्तर पर लोगों को प्रभावित नहीं कर सके.'

ये भी पढ़ें - IPS रश्मि शुक्ला की रिपोर्ट सीबीआई के साथ साझा करने के लिए राजी : महाराष्ट्र सरकार

सीबीआई ने बम्बई उच्च न्यायालय के आदेश पर एक प्रारंभिक जांच शुरू की थी. अदालत ने देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों पर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश जारी किया था.

मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने देशमुख के खिलाफ रिश्वत के आरोप लगाए थे और अदालत ने जांच एजेंसी को इन आरोपों की जांच करने का निर्देश दिया था. देशमुख ने इन आरोपों के बाद महाराष्ट्र के गृह मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने इन आरोपों को खारिज किया है.

उद्योगपति मुकेश अंबानी के मुंबई स्थित आवास के बाहर एक एसयूवी से विस्फोटक सामग्री मिलने के मामले की जांच के दौरान सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वाजे की भूमिका सामने आई थी. इसके बाद सिंह को उनके पद से हटा दिया गया था. वाजे को भी सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था.

पुलिस आयुक्त के पद से हटाए जाने के बाद सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि देशमुख ने वाजे को मुंबई के बार और रेस्तरां से एक महीने में 100 करोड़ रुपये से अधिक की रकम वसूलने को कहा था.

Last Updated : Sep 2, 2021, 1:41 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.