चंडीगढ़ : पंजाब और हरियाणा सरकार ने हाई कोर्ट को सांसद, पूर्व सांसद और विधायकों को के खिलाफ दर्ज मामलों की जानकारी दी है. पंजाब सरकार ने बताया कि पंजाब के 96 पूर्व और मौजूदा सांसद और विधायकों के खिलाफ 183 मामले दर्ज हैं. इनमें 4 मौजूदा और 5 पूर्व सांसद हैं. इसके अतिरिक्त 35 मौजूदा और 52 पूर्व विधायकों पर भी एफआईआर दर्ज है, जिनमें राज्य के सभी राजनीतिक पार्टियों के नेता शामिल हैं. वहीं हरियाणा सरकार ने हाई कोर्ट को बताया कि उनके राज्य में सांसदों और विधायकों के खिलाफ ऐसे 21 अपराधिक मामले दर्ज हैं.
बता दें कि पंजाब ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन अरुण पाल सिंह ने हाई कोर्ट में हलफनामा दायर कर जानकारी दी और बताया कि जिन चार मौजूदा सांसदों के खिलाफ केस विचाराधीन है उनमें-
- भगवंत मान
- सुखबीर सिंह बादल
- रवनीत सिंह बिट्टू
- बलविंदर सिंह भूंदड़ शामिल हैं.
जिन पांच पूर्व सांसदों के खिलाफ केस विचाराधीन है उनमें
- सिमरनजीत सिंह मान
- सुच्चा सिंह लंगा
- धरमवीर गांधी
- प्रेम सिंह चंदूमाजरा
- ध्यान सिंह मंड शामिल हैं.
इसके अलावा इस समय राज्य के 35 मौजूदा विधायकों सहित 52 पूर्व विधायकों के खिलाफ दर्ज मामलों की भी हाई कोर्ट को जानकारी दी गई. इस सूची में नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ 1988 में आईपीसी की धारा 304 और 34 के तहत दर्ज मामले की भी जानकारी दी गई और बताया गया कि सिद्धू इस मामले में बरी हो चुके हैं, लेकिन बरी किए जाने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अभी रिव्यू पेंडिंग है. हाई कोर्ट को बताया गया कि 163 मामलों में 144 मामलों की जांच अभी जारी है. 22 मामले कोर्ट में पेंडिंग है और 7 मामलों में 28 रिपोर्ट सौंपी जा चुकी है.
15 केस ट्रायल कोर्ट में पेंडिंग
वहीं हरियाणा सरकार ने हाई कोर्ट को बताया कि हरियाणा के 21 पूर्व और मौजूदा सांसदों और विधायकों के खिलाफ केस दर्ज है, जिनमें से आठ के हरियाणा के पूर्व विधायकों और 2 केस हिमाचल प्रदेश के पूर्व विधायकों के खिलाफ दर्ज है. इनके अलावा तीन केस सीबीआई को सौंपे गए हैं, इन 21 में से 15 केस ट्रायल कोर्ट में पेंडिंग है और 6 केस अपील और रिवीजन में है. इसके साथ ही हाई कोर्ट को बताया कि चंडीगढ़ में ऐसे 7 केस दर्ज किए गए हैं, जिनमें से सभी पंजाब के पूर्व और मौजूदा सांसद और विधायक हैं, इन सभी केसों में जांच जारी है.
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विधायकों के खिलाफ 3045 आपराधिक मामले लंबित
जस्टिस राजेंद्र गुप्ता एवं जस्टिस करमजीत सिंह की खंडपीठ ने इस जानकारी को रिकॉर्ड में लेते हुए अब केंद्र सरकार को सांसदों और विधायकों के खिलाफ सीबीआई और ईडी द्वारा चलाए जा रहे केसों का भी ब्योरा 24 मई को मामले की अगली सुनवाई पर दिए जाने के आदेश दिए हैं. बता दें कि अश्वनी उपाध्याय बनाम केंद्र सरकार के केस में सुप्रीम कोर्ट ने ही सभी राज्यों के हाई कोर्ट को अपने राज्यों के जिन सांसदों और विधायकों के खिलाफ आपराधिक केस चल रहे हैं उन सभी की जानकारी मांगी थी. इन्हीं आदेशों पर सभी राज्यों की हाई कोर्ट ने अपने-अपने क्षेत्र अधिकार के राज्यों से यह जानकारी मांगी थी जो जानकारी सभी राज्यों की ओर से सुप्रीम कोर्ट को सौंपी गई थी. उसके अनुसार देशभर में 1765 सांसदों और विधायकों के खिलाफ 3045 आपराधिक मामले लंबित हैं.