नई दिल्ली: शराब घोटाला मामले में सीबीआई द्वारा दर्ज केस में गुरुवार को दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई. दिल्ली हाईकोर्ट में इस दौरान सीबीआई की ओर से जमानत याचिका के विरोध में अपनी दलीलें रखी गई. सीबीआई की ओर अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू ने कथित घोटाले में सिसोदिया की भूमिका के बारे में कई सबूत पेश किए. सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि पूछताछ के दौरान गवाहों ने स्पष्ट रूप से दिल्ली सरकार की 2021-22 के लिए आबकारी नीति में हेरफेर करने में सिसोदिया की भूमिका की पुष्टि की है.
न्यायधीश दिनेश कुमार शर्मा के समक्ष सीबीआई ने आरोप लगाया कि इस नीति को बनाने के लिए ली गई जनता की राय भी फर्जी थी. राजू ने आगे कहा कि इस नीति के बारे विशेष समिति (रवि धवन की रिपोर्ट) की रिपोर्ट को दरकिनार किया गया. न्यायालय को बताया कि इसके लिए नीति को सार्वजनिक स्वीकृति दिखाने के लिए फर्जी ई-मेल लगाकर जनता की राय को प्रभावित किया गया.
सीबीआई ने कहा कि विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट को दरकिनार करने लिए सिसोदिया के इशारे पर नकली जनता की राय तैयार की गई थी. सीबीआई ने एक अन्य गवाह राहुल सिंह के बयान का हवाला दिया. सीबीआई ने कहा कि सिंह ने अपने बयान में कहा कि सिसोदिया ने उनके साथ एक बैठक की थी, जहां उन्होंने कहा था कि इस मामले में गठित मंत्री समूह विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं थे.
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जमानत याचिका पर 9 मई को सुनवाईः न्यायालय को यह भी बताया कि सिंह ने अपने बयान में कहा है कि उसने विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट में इतने बड़े पैमाने पर संशोधनों के बारे में आपत्ति जताई, जिस पर सिसोदिया ने कहा कि चिंता की कोई बात नहीं है और इसमें मंत्रियों के एक समूह द्वारा निर्देश दिए जाएंगे. सिसोदिया की जमानत याचिका पर अब नौ मई को सुनवाई होगी. बता दें कि सिसोदिया द्वारा ट्रायल कोर्ट में जमानत याचिका खारिज होने के बाद हाई कोर्ट में जमानत याचिका दायर की गई है.