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Cauvery Water Dispute : सीडब्ल्यूआरसी की सिफारिश के बाद कर्नाटक सीएम ने बुलाई आज विशेष आपात बैठक - Deputy Chief Minister DK Shivakumar

कावेरी जल विनियमन समिति (सीडब्ल्यूआरसी) ने कर्नाटक सरकार से तमिलनाडु के लिए 5,000 क्यूसेक पानी छोड़ने की सिफारिश की है. इस मुद्दे पर डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने कहा कि कर्नाटक में पानी नहीं है. हमारे पास जो भी पानी है, हमें उसे पीने के पानी और फिर किसानों के लिए संग्रहित करना होगा. अब पानी का भंडारण करना मुश्किल होगा. पढ़ें पूरी खबर...

Cauvery Water Dispute
कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार की फाइल फोटो.
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 13, 2023, 10:12 AM IST

कर्नाटक के उप-मुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने कहा पानी के मुद्दे पर बीजेपी और जेडीएस कावेरी पर राजनीति कर रहे हैं.

बेंगलुरु : कावेरी जल विनियमन समिति (सीडब्ल्यूआरसी) ने मंगलवार को सिफारिश की कि कर्नाटक अगले 15 दिनों के लिए तमिलनाडु को हर दिन 5,000 क्यूसेक पानी छोड़े. इस सिफारिश के बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने 13 सितंबर को 'विशेष आपातकालीन बैठक' बुलाई.

आपात बैठक में उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार, कावेरी बेसिन क्षेत्र के मंत्री, सभी दलों के पूर्व मुख्यमंत्री, राज्य मंत्रिमंडल के वरिष्ठ मंत्री, लोकसभा और राज्यसभा सदस्य भाग लेंगे. मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा कि विशेष आपातकालीन बैठक 13-9-2023 को दोपहर 12:30 बजे विधान सौधा के सम्मेलन कक्ष में आयोजित की जाएगी.

इससे पहले मंगलवार को सिद्धारमैया ने सीडब्ल्यूआरसी की सिफारिश के मद्देनजर उठाए जाने वाले अगले कदमों को लेकर एक आपात बैठक की. शिवकुमार, मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री के कानूनी सलाहकार पोन्नाना सहित कई वरिष्ठ मंत्रियों और अधिकारियों ने बैठक में भाग लिया.

सीडब्ल्यूआरसी की सिफारिश सामने आने के बाद शिवकुमार ने कहा कि राज्य तमिलनाडु को कावेरी नदी का पानी छोड़ने की स्थिति में नहीं है, क्योंकि नदी बेसिन क्षेत्र में पर्याप्त वर्षा की कमी के कारण उसके पास पर्याप्त जल भंडारण नहीं है.

उन्होंने कहा कि बीजेपी और जेडीएस कावेरी जल विवाद पर राजनीति कर रहे हैं. डी.के. शिवकुमार ने कहा कि वे इसके लिए जाने जाते हैं. वे इस मुद्दे को हल नहीं कर सके. लेकिन हमें इसे छोड़ देना चाहिए. डी.के. शिवकुमार ने कहा कि कर्नाटक के पास पीने के लिए और किसानों के लिए जो थोड़ा पानी है, उसे संग्रहित करना मुश्किल होगा.

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शिवकुमार ने कहा कि यह मामला संभवत: बुधवार को कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण (सीडब्ल्यूएमए) के समक्ष आने वाला है. कर्नाटक इसके समक्ष जोरदार तरीके से अपना पक्ष रखेगा. बता दें कि, कावेरी के पानी को लेकर तमिलनाडु और कर्नाटक सरकार के बीच काफी लंबे समय से विवाद चल रहा है. मामले में अभी भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है.

(पीटीआई)

कर्नाटक के उप-मुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने कहा पानी के मुद्दे पर बीजेपी और जेडीएस कावेरी पर राजनीति कर रहे हैं.

बेंगलुरु : कावेरी जल विनियमन समिति (सीडब्ल्यूआरसी) ने मंगलवार को सिफारिश की कि कर्नाटक अगले 15 दिनों के लिए तमिलनाडु को हर दिन 5,000 क्यूसेक पानी छोड़े. इस सिफारिश के बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने 13 सितंबर को 'विशेष आपातकालीन बैठक' बुलाई.

आपात बैठक में उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार, कावेरी बेसिन क्षेत्र के मंत्री, सभी दलों के पूर्व मुख्यमंत्री, राज्य मंत्रिमंडल के वरिष्ठ मंत्री, लोकसभा और राज्यसभा सदस्य भाग लेंगे. मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा कि विशेष आपातकालीन बैठक 13-9-2023 को दोपहर 12:30 बजे विधान सौधा के सम्मेलन कक्ष में आयोजित की जाएगी.

इससे पहले मंगलवार को सिद्धारमैया ने सीडब्ल्यूआरसी की सिफारिश के मद्देनजर उठाए जाने वाले अगले कदमों को लेकर एक आपात बैठक की. शिवकुमार, मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री के कानूनी सलाहकार पोन्नाना सहित कई वरिष्ठ मंत्रियों और अधिकारियों ने बैठक में भाग लिया.

सीडब्ल्यूआरसी की सिफारिश सामने आने के बाद शिवकुमार ने कहा कि राज्य तमिलनाडु को कावेरी नदी का पानी छोड़ने की स्थिति में नहीं है, क्योंकि नदी बेसिन क्षेत्र में पर्याप्त वर्षा की कमी के कारण उसके पास पर्याप्त जल भंडारण नहीं है.

उन्होंने कहा कि बीजेपी और जेडीएस कावेरी जल विवाद पर राजनीति कर रहे हैं. डी.के. शिवकुमार ने कहा कि वे इसके लिए जाने जाते हैं. वे इस मुद्दे को हल नहीं कर सके. लेकिन हमें इसे छोड़ देना चाहिए. डी.के. शिवकुमार ने कहा कि कर्नाटक के पास पीने के लिए और किसानों के लिए जो थोड़ा पानी है, उसे संग्रहित करना मुश्किल होगा.

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शिवकुमार ने कहा कि यह मामला संभवत: बुधवार को कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण (सीडब्ल्यूएमए) के समक्ष आने वाला है. कर्नाटक इसके समक्ष जोरदार तरीके से अपना पक्ष रखेगा. बता दें कि, कावेरी के पानी को लेकर तमिलनाडु और कर्नाटक सरकार के बीच काफी लंबे समय से विवाद चल रहा है. मामले में अभी भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है.

(पीटीआई)

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