नई दिल्ली : देश के छह अलग-अलग उच्च न्यायालयों में कोरोना वायरस से फैली महामारी के मामलों पर सुनवाई हो रही है. उच्चतम न्यायालय ने इस मामले पर स्वत: संज्ञान लिया है. न्यायालय ने कहा कि वह सभी अपने अधिकारों का इस्तेमाल कर रहे हैं, लेकिन इससे भ्रम की स्थिति पैदा होती है.
बता दें कि, कोरोना से जुड़े मामलों पर दिल्ली, बंबई, सिक्किम, मध्य प्रदेश, कलकत्ता और इलाहबाद उच्च न्यायालयों में सुनवाई हो रही है. उच्चतम न्यायालय कोरोना से जुड़े सभी लंबित मामलों को अपने पास स्थानांतरित कर सकता है.
भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली उच्चतम न्यायालय की तीन जजों की बेंच ने चार मुद्दों पर एक नेशनल प्लान मांगा है. पीठ ने कहा कि वह वैश्विक महामारी के बीच लॉकडाउन घोषित करने की उच्च न्यायालयों की शक्ति से जुड़े पहलू का भी आकलन करेगी.
इसके अलावा न्यायालय ने देश में बढ़ते कोरोना संक्रमण, ऑक्सीजन और दवाओं की किल्लत पर भी स्वत: संज्ञान लिया है. मामले पर न्यायालय ने केंद्र को नोटिस भेजा है.
इसमें ऑक्सीजन और दवा की सप्लाई, टीका लगाने की प्रक्रिया और लॉकडाउन लगाने का अधिकार शामिल है. न्यायालय ने वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे को मामले में एमिकस क्यूरी नियुक्त किया है.
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बता दें कि भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के 3,14,835 नए मामले आने के बाद कुल पॉजिटिव मामलों की संख्या 1,59,30,965 हुई. 2,104 नई मौतों के बाद कुल मौतों की संख्या 1,84,657 हो गई है. देश में सक्रिय मामलों की कुल संख्या 22,91,428 है और डिस्चार्ज हुए मामलों की कुल संख्या 1,34,54,880 है.