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ममता बनर्जी की 'जिहाद' टिप्पणी वापस लेने की मांग को लेकर कलकत्ता HC में याचिका दर्ज

शहीद दिवस 21 जुलाई को कोलकाता में मनाया जाएगा. इस दिन शहीद रैली से भाजपा के खिलाफ 'जिहाद' का ऐलान करने का पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने आह्वान किया था. इसे लेकर अब बंगाल भाजपा ने हाई कोर्ट का रूख किया है.

ममता बनर्जी
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Published : Jul 12, 2022, 10:42 PM IST

कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हाल ही में 21 जुलाई की शहीद रैली से भाजपा के खिलाफ 'जिहाद' का ऐलान करने का आह्वान किया था. इसके खिलाफ कलकत्ता हाई कोर्ट में बंगाल भाजपा की नेता नाजिया इलाही खान की ओर से जनहित याचिका दायर की गई है. नाजिया इलाही खान भाजपा के अधिवक्ता संघ की सदस्या हैं. गौरतलब है कि ममता ने 28 जून को पश्चिम बर्दवान के आसनसोल में आयोजित कार्यकर्ताओं की बैठक के मंच से कहा था कि शहीद दिवस 21 जुलाई को कोलकाता में मनाया जाएगा. वह दिन भाजपा के खिलाफ जिहाद का ऐलान करने का दिन होगा. वादी के अनुसार 'जिहाद' शब्द का अर्थ सशस्त्र संघर्ष है.

वादी डर है कि पार्टी नेता की इस तरह की टिप्पणी के बाद तृणमूल कार्यकर्ता भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ आक्रामक हो सकते हैं. इसलिए ममता की टिप्पणी को तुरंत वापस लिया जाना चाहिए या, उन्हें यह बताना होगा कि उन्होंने किस अर्थ में 'जिहाद' शब्द का इस्तेमाल किया. यह मामला सोमवार को कलकत्ता हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ में सुनवाई के लिए आया. वादी की ओर से वकील तन्मय बसु ने इसे पेश किया. न्यायाधीशों ने उन्हें अगले सात दिनों के भीतर मामले की एक 'प्रति' ममता बनर्जी को भेजने का निर्देश दिया है.

वकील के दावे के बावजूद, मामले की एक प्रति तृणमूल सुप्रीमो को पहले ही भेजी जा चुकी है, लेकिन उन्होंने इसे स्वीकार नहीं किया। इस पर सुनवाई के बाद खंडपीठ ने फिर निर्देश दिया कि कॉपी ममता को भेजी जाए. दूसरी ओर, राज्य के महाधिवक्ता सौमेंद्रनाथ मुखर्जी ने मामले को तत्काल खारिज करने की मांग की. उनके मुताबिक, कुछ लोग जानबूझकर 'जिहाद' शब्द का इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहे हैं.

कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हाल ही में 21 जुलाई की शहीद रैली से भाजपा के खिलाफ 'जिहाद' का ऐलान करने का आह्वान किया था. इसके खिलाफ कलकत्ता हाई कोर्ट में बंगाल भाजपा की नेता नाजिया इलाही खान की ओर से जनहित याचिका दायर की गई है. नाजिया इलाही खान भाजपा के अधिवक्ता संघ की सदस्या हैं. गौरतलब है कि ममता ने 28 जून को पश्चिम बर्दवान के आसनसोल में आयोजित कार्यकर्ताओं की बैठक के मंच से कहा था कि शहीद दिवस 21 जुलाई को कोलकाता में मनाया जाएगा. वह दिन भाजपा के खिलाफ जिहाद का ऐलान करने का दिन होगा. वादी के अनुसार 'जिहाद' शब्द का अर्थ सशस्त्र संघर्ष है.

वादी डर है कि पार्टी नेता की इस तरह की टिप्पणी के बाद तृणमूल कार्यकर्ता भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ आक्रामक हो सकते हैं. इसलिए ममता की टिप्पणी को तुरंत वापस लिया जाना चाहिए या, उन्हें यह बताना होगा कि उन्होंने किस अर्थ में 'जिहाद' शब्द का इस्तेमाल किया. यह मामला सोमवार को कलकत्ता हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ में सुनवाई के लिए आया. वादी की ओर से वकील तन्मय बसु ने इसे पेश किया. न्यायाधीशों ने उन्हें अगले सात दिनों के भीतर मामले की एक 'प्रति' ममता बनर्जी को भेजने का निर्देश दिया है.

वकील के दावे के बावजूद, मामले की एक प्रति तृणमूल सुप्रीमो को पहले ही भेजी जा चुकी है, लेकिन उन्होंने इसे स्वीकार नहीं किया। इस पर सुनवाई के बाद खंडपीठ ने फिर निर्देश दिया कि कॉपी ममता को भेजी जाए. दूसरी ओर, राज्य के महाधिवक्ता सौमेंद्रनाथ मुखर्जी ने मामले को तत्काल खारिज करने की मांग की. उनके मुताबिक, कुछ लोग जानबूझकर 'जिहाद' शब्द का इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहे हैं.

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