सिंधुदुर्ग/मुंबई : भाजपा विधायक और केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के बेटे नितेश राणे (Nitesh Rane) की जमानत पर फैसला 30 दिसंबर को होगा. उन पर शिवसेना के कार्यकर्ता संतोष परब हमले का आरोप है. संतोष परब का आरोप है कि उन पर हमला नितेश राणे और गोट्या सावंत नाम के शख्स के कहने पर किया गया. उधर, सिंधुदुर्ग पुलिस (Sindhudurg police) ने बुधवार को केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ( Union minister Narayan Rane ) को नोटिस जारी कर कहा कि वह अपने बेटे नितेश राणे को हत्या के प्रयास के एक मामले में पेश करें. उक्त मामले में नितेश राणे और अन्य आरोपी के तौर पर नामजद हैं.
पुलिस सूत्रों ने बताया कि इस मामले में नारायण राणे को भी महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले के कंकावली पुलिस थाने में बयान दर्ज कराने के लिए अपराह्न तीन बजे पेश होने को कहा गया था लेकिन वह उस समय पेश नहीं हुए जिसके बाद पुलिस ने यहां उनके आवास पर नोटिस चस्पा कर दिया.
नोटिस के अनुसार, दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 160 (1) के तहत मंत्री को नोटिस मिलने के बाद मामले से जुड़ी जानकारी पुलिस से साझा करना है. नोटिस में कहा गया है कि नारायण राणे के बेटे को प्राथमिकी में नामजद किया गया है और पुलिस के कई बार प्रयास करने के बावजूद नितेश का पता नहीं चल सका है.
पढ़ें- सीएम उद्धव ठाकरे के बेटे को देखकर नितिश राणे बोले- 'म्याऊं', निलंबन की उठी मांग
केंद्रीय मंत्री को जारी नोटिस में पुलिस ने उनके द्वारा दिए गए एक बयान का भी उल्लेख किया जो नारायण ने मंगलवार को एक प्रेस वार्ता में दिया था. मंत्री ने कहा था कि वह 'पागल हैं क्या' जो अपने बेटे का पता बता देंगे. नोटिस में कहा गया कि इस बयान को कई अखबारों में प्रकाशित किया गया था और इसके मद्देनजर ऐसा लगता है कि केंद्रीय मंत्री को नितेश राणे का पता मालूम है.
पढ़ें- नारायण राणे अपने खिलाफ दर्ज छह प्राथमिकियों लिए अलग-अलग याचिकाएं दायर करें : उच्च न्यायालय
पुलिस ने नारायण राणे से नोटिस मिलने के बाद अपने बेटे को पुलिस के सामने पेश करने को कहा है. पुलिस ने इस मामले में केंद्रीय मंत्री से अपना बयान दर्ज कराने को भी कहा है.