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उत्तराखंड : देसी जुगाड़ से कारपेंटर सुरेंद्र ने कोरोना मरीजों के लिए बनाया फ्लो मीटर

कोरोना काल में मरीजों की मदद के लिए कारपेंटर सुरेंद्र सिंह ने देसी जुगाड़ से ऑक्सीजन सिलेंडरों के लिए बना रहे निःशुल्क फ्लो मीटर बना रहे हैं. बीते 3 दिनों में 30 से 40 लोगों ने अपने परिवारजनों की जान बचाने के लिए उनसे संपर्क कर बिना किसी कीमत के फ्लो मीटर प्राप्त किया है.

कारपेंटर सुरेंद्र
कारपेंटर सुरेंद्र
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Published : May 5, 2021, 11:50 PM IST

देहरादून: प्रदेश में कोरोना संक्रमण का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है. इसके साथ ही ऑक्सीजन, दवाओं, वैक्सीन, ऑक्सीमीटर और फ्लो मीटर की कालाबाजारी भी बढ़ गई है. सामान्य दिनों में 1200 से 1800 रुपये तक मिलने वाला फ्लो मीटर अब आम जनमानस की पहुंच से दूर हो चुका है. ऐसी स्थिति में दून निवासी सुरेंद्र सिंह मदद को आगे आए हैं.

दरअसल, मरीजों को ऑक्सीजन सिलेंडर की जरूरत पड़ने पर फ्लो मीटर की खपत भी बढ़ गई है. ऐसे में कई आइसोलेट हुए लोग अस्पतालों में बेड न मिलने की दशा में घरों पर ही ऑक्सीजन सिलेंडर का प्रयोग कर रहे हैं. फ्लो मीटर की बढ़ती मांग को देखते हुए हाथीबड़कला रोड पर कारपेंटर की दुकान चलाने वाले सुरेंद्र सिंह फ्लो मीटर का विकल्प बनाकर कोरोना मरीजों की सेवा में जुटे हुए हैं.

कारपेंटर सुरेंद्र ने कोरोना मरीजों के लिए फ्लो मीटर.

सुरेंद्र सिंह अपने सहयोगियों के साथ मिलकर देसी तकनीक पर आधारित ऑक्सीजन सिलेंडर में लगने वाला फ्लो मीटर बनाकर जरूरतमंद लोगों को निशुल्क उपलब्ध करवा रहे हैं. बीते 3 दिनों में 30 से 40 लोगों ने अपने परिवारजनों की जान बचाने के लिए सुरेंद्र सिंह से संपर्क स्थापित कर सब्सिट्यूट फ्लो मीटर बिना किसी कीमत के निशुल्क प्राप्त किया है.

सुरेंद्र सिंह का कहना है कि कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए उन्होंने मरीजों को ऑक्सीजन देने की शुरुआत की थी, लेकिन ऑक्सीजन की बाजार में किल्लत होने लगी. उसके बाद मार्केट से फ्लो मीटर भी गायब होने लगा और इसकी कालाबाजारी होने लगी. इस बीच गाजियाबाद के रहने वाले उनके जानकार ने उन्हें सब्सिट्यूट फ्लो मीटर बनाने का सुझाव देते हुए एक वीडियो भेजा, लेकिन उस वीडियो में संपूर्ण जानकारी नहीं थी. वीडियो में ड्राई ऑक्सीजन की विधि बताई गई थी, लेकिन फ्लो मीटर बनाने की विधि में पानी के सिस्टम का तरीका नहीं बताया गया था.

पढ़ें- दक्षिण भारत के चर्च से जुड़े 100 से अधिक पादरी कोरोना संक्रमित, 2 की मौत

उनके मन में हिट एंड ट्रायल का ख्याल आया, और उन्होंने सिरिंज के माध्यम से प्रॉपर फ्लो मीटर तैयार किया. सुरेंद्र सिंह ने बताया कि उनके द्वारा बनाए गए फ्लो मीटर सफलतापूर्वक काम कर रहे हैं. मरीजों के परिजनों को फ्लो मीटर दिए जाने से पूर्व सुरेंद्र सिंह उन्हें बाकायदा ऑक्सी फ्लो मीटर को चलाने की टेक्निक सिखा रहे हैं, ताकि घर पर ऑक्सीजन ले रहे मरीजों को किसी समस्या का सामना न करना पड़े. इसके अलावा जो लोग किसी कारणवश घर से नहीं निकल सकते, उनकी कॉल आने पर सुरेंद्र सिंह लोकेशन और पता पूछकर उनके घरों पर ऑक्सीजन फ्लो मीटर निशुल्क फिट कर रहे हैं.

देहरादून: प्रदेश में कोरोना संक्रमण का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है. इसके साथ ही ऑक्सीजन, दवाओं, वैक्सीन, ऑक्सीमीटर और फ्लो मीटर की कालाबाजारी भी बढ़ गई है. सामान्य दिनों में 1200 से 1800 रुपये तक मिलने वाला फ्लो मीटर अब आम जनमानस की पहुंच से दूर हो चुका है. ऐसी स्थिति में दून निवासी सुरेंद्र सिंह मदद को आगे आए हैं.

दरअसल, मरीजों को ऑक्सीजन सिलेंडर की जरूरत पड़ने पर फ्लो मीटर की खपत भी बढ़ गई है. ऐसे में कई आइसोलेट हुए लोग अस्पतालों में बेड न मिलने की दशा में घरों पर ही ऑक्सीजन सिलेंडर का प्रयोग कर रहे हैं. फ्लो मीटर की बढ़ती मांग को देखते हुए हाथीबड़कला रोड पर कारपेंटर की दुकान चलाने वाले सुरेंद्र सिंह फ्लो मीटर का विकल्प बनाकर कोरोना मरीजों की सेवा में जुटे हुए हैं.

कारपेंटर सुरेंद्र ने कोरोना मरीजों के लिए फ्लो मीटर.

सुरेंद्र सिंह अपने सहयोगियों के साथ मिलकर देसी तकनीक पर आधारित ऑक्सीजन सिलेंडर में लगने वाला फ्लो मीटर बनाकर जरूरतमंद लोगों को निशुल्क उपलब्ध करवा रहे हैं. बीते 3 दिनों में 30 से 40 लोगों ने अपने परिवारजनों की जान बचाने के लिए सुरेंद्र सिंह से संपर्क स्थापित कर सब्सिट्यूट फ्लो मीटर बिना किसी कीमत के निशुल्क प्राप्त किया है.

सुरेंद्र सिंह का कहना है कि कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए उन्होंने मरीजों को ऑक्सीजन देने की शुरुआत की थी, लेकिन ऑक्सीजन की बाजार में किल्लत होने लगी. उसके बाद मार्केट से फ्लो मीटर भी गायब होने लगा और इसकी कालाबाजारी होने लगी. इस बीच गाजियाबाद के रहने वाले उनके जानकार ने उन्हें सब्सिट्यूट फ्लो मीटर बनाने का सुझाव देते हुए एक वीडियो भेजा, लेकिन उस वीडियो में संपूर्ण जानकारी नहीं थी. वीडियो में ड्राई ऑक्सीजन की विधि बताई गई थी, लेकिन फ्लो मीटर बनाने की विधि में पानी के सिस्टम का तरीका नहीं बताया गया था.

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उनके मन में हिट एंड ट्रायल का ख्याल आया, और उन्होंने सिरिंज के माध्यम से प्रॉपर फ्लो मीटर तैयार किया. सुरेंद्र सिंह ने बताया कि उनके द्वारा बनाए गए फ्लो मीटर सफलतापूर्वक काम कर रहे हैं. मरीजों के परिजनों को फ्लो मीटर दिए जाने से पूर्व सुरेंद्र सिंह उन्हें बाकायदा ऑक्सी फ्लो मीटर को चलाने की टेक्निक सिखा रहे हैं, ताकि घर पर ऑक्सीजन ले रहे मरीजों को किसी समस्या का सामना न करना पड़े. इसके अलावा जो लोग किसी कारणवश घर से नहीं निकल सकते, उनकी कॉल आने पर सुरेंद्र सिंह लोकेशन और पता पूछकर उनके घरों पर ऑक्सीजन फ्लो मीटर निशुल्क फिट कर रहे हैं.

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