नई दिल्ली : विदेश मंत्री एस. जयशंकर (External Affairs Minister S Jaishankar) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की तुलना क्रिकेट टीम के कप्तान से करते हुए शुक्रवार कहा कि वह अपने गेंदबाजों से विकेट लेने की अपेक्षा करते हुए उन्हें अपने हिसाब से काम करने की आजादी देते हैं. जयशंकर ने कहा कि उनमें (मोदी में) मुश्किल फैसले करने का माद्दा है और यह तब दिखा जब भारत ने कोविड के प्रकोप के बाद लॉकडाउन लगाने के फैसले की घोषणा की. उन्होंने कहा कि यह तब भी दिखा था जब टीके के उत्पादन को बढ़ाया गया, टीकाकरण अभियान को शुरू किया गया और उन देशों की मदद की गई जिन्हें टीके की जरूरत थी.
जयशंकर ने 'रायसीना डायलॉग' में एक सत्र के दौरान ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री टॉनी ब्लेयर और इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर केविन पीटरसन के साथ बातचीत के दौरान कहा, 'कप्तान मोदी के साथ नेट पर काफी अभ्यास करना होता है. अभ्यास, सुबह छह बजे शुरू हो जाता है और देर रात तक जारी रहता है.' विदेश मंत्री ने कहा कि कप्तान मोदी किसी खास स्थिति से निपटने के लिए अपने सहयोगियों को निश्चित आज़ादी देते हैं और उनपर यकीन करते हैं.
उन्होंने कहा, 'अगर आपके पास कोई विशेष गेंदबाज है जिस पर आपको भरोसा है या आपने प्रदर्शन करते हुए उसे देखा है, तो आप उन्हें आजादी देते हैं. आप सही समय पर गेंद उन्हें देते हैं. आप उस विशेष स्थिति से निपटने के लिए उन पर भरोसा करते हैं.' जयशंकर ने कहा, 'इस संदर्भ में, कप्तान मोदी अपने गेंदबाजों को निश्चित स्वतंत्रता देते हैं. उन्होंने अगर आपको यह करने का मौका दिया है तो वह आपसे विकेट लेने की अपेक्षा रखते हैं.'
उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने तीन साल पहले कोविड महामारी के प्रकोप के मद्देनजर प्रधानमंत्री को कड़े फैसले लेते हुए देखा है. जयशंकर ने कहा, 'लॉकडाउन लगाने का फैसला बेहद कड़ा निर्णय था. मगर इसे उस वक्त लेना पड़ा. अगर हम निर्णय नहीं लेते तो क्या होता.' उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने कैसे एस्ट्राजेनेका/कोविशील्ड टीकों के उत्पादन के लिए कच्चे माल की आपूर्ति सुनिश्चित करने के वास्ते ब्लेयर के साथ मिलकर काम किया था. जयशंकर ने कहा कि अन्य मुश्किल फैसला करीब 100 देशों में टीका भेजना था वह भी ऐसे वक्त में जब देश में ही बहुत से सवाल किए जा रहे थे.
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(पीटीआई-भाषा)