नई दिल्ली: भारत 2025 तक बांग्लादेश के 1,800 लोक सेवकों को प्रशिक्षित करेगा. कार्मिक मंत्रालय ने मंगलवार को एक बयान में यह जानकारी दी. मसूरी में राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (एनसीजीजी) में मंगलवार को बांग्लादेश के लोक सेवकों के लिए 'फील्ड एडमिनिस्ट्रेशन' में दो सप्ताह के 53वें क्षमता निर्माण कार्यक्रम का उद्घाटन (Capacity Building of Bangladesh civil servants) किया गया. बयान में कहा गया है कि 2019 से पहले एनसीजीजी में बांग्लादेश के 1,500 लोक सेवकों को प्रशिक्षण दिया गया.
कार्मिक मंत्रालय के बयान में कहा गया है, 'पहले चरण के सफलतापूर्वक पूरा होने के बाद बांग्लादेश के 1,800 और लोक सेवकों की क्षमता निर्माण का जिम्मा उठाया जाएगा, जो 2025 तक पूरा करने की योजना है.' यह देश में इकलौता संस्थान है जिसने सहायक आयुक्त, उप-जिला निर्भय अधिकारी/उपमंडलीय दंडाधिकारी (एसडीएम) और अतिरिक्त उपायुक्त जैसे बांग्लादेश के 1,727 फील्ड स्तरीय अधिकारियों को प्रशिक्षित किया है. कार्यक्रम के दौरान, प्रतिभागियों को दिल्ली मेट्रो, स्मार्ट सिटी, मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान, केंद्रीय सूचना आयोग, भारत निर्वाचन आयोग आदि जैसे विभिन्न क्षेत्रों में किए जा रहे विकास कार्यों को देखने के लिए भी ले जाया जाएगा.
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Honing the best of 🇧🇩 bureaucrats at the @MEAIndia, @NCGG_GoI -led Mid Career Training Programme.
— India in Bangladesh (@ihcdhaka) October 10, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
After training over 1,700 Bangladeshi Civil Servants, the physical training for over 1,800 other such officers has begun at Mussoorie 🇮🇳 with the 53rd batch starting today. pic.twitter.com/uaMgstSD2h
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— India in Bangladesh (@ihcdhaka) October 10, 2022
After training over 1,700 Bangladeshi Civil Servants, the physical training for over 1,800 other such officers has begun at Mussoorie 🇮🇳 with the 53rd batch starting today. pic.twitter.com/uaMgstSD2hHoning the best of 🇧🇩 bureaucrats at the @MEAIndia, @NCGG_GoI -led Mid Career Training Programme.
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After training over 1,700 Bangladeshi Civil Servants, the physical training for over 1,800 other such officers has begun at Mussoorie 🇮🇳 with the 53rd batch starting today. pic.twitter.com/uaMgstSD2h
बयान के मुताबिक, विकासशील देशों के सिविल सेवकों के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रम का लक्ष्य उन्हें इस जटिल और परस्पर निर्भर दुनिया में प्रभावी सार्वजनिक नीति बनाने और लागू करने के लिए अत्याधुनिक ज्ञान, कौशल और उपकरणों से लैस करना है. यह प्रशिक्षण सुशासन और अंततः सतत विकास प्राप्त करने के साथ-साथ समृद्ध क्रॉस-कंट्री अनुभव प्रदान करने में सहायक साबित होगा. प्रशिक्षण के दौरान केंद्र विशेष रूप से तटीय क्षेत्रों तथा अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों को ध्यान में रखते हुए देश में की जा रही ई-गवर्नेंस, डिजिटल इंडिया, सार्वजनिक सेवाओं का सार्वभौमिकरण, सतत विकास लक्ष्यों के लिए दृष्टिकोण, सेवा वितरण में आधार का उपयोग, लोक शिकायत निवारण तंत्र और आपदा प्रबंधन जैसी पहलों को साझा कर रहा है.
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भारत सरकार ने देश के सर्वोच्च संस्थान के तौर पर 2014 में एनसीजीजी की स्थापना की थी. यह सुशासन, नीतिगत सुधारों, प्रशिक्षण एवं क्षमता निर्माण पर केंद्रित तथा थिंक टैंक के रूप में भी काम करता है. बयान में कहा गया है कि एनसीजीजी ने बांग्लादेश, केन्या, तंजानिया, ट्यूनीशिया, सेशेल्स, गाम्बिया, मालदीव, श्रीलंका, अफगानिस्तान, लाओस, वियतनाम, भूटान, म्यांमार और कंबोडिया जैसे 15 देशों के लोक सेवकों को प्रशिक्षण दिया है. इसमें कहा गया है कि यह प्रशिक्षण इसमें भाग लेने वाले अधिकारियों के लिए अत्यधिक उपयोगी पाया गया है.