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पृथ्वी को मिला 'दूसरा चांद', क्या नंगी आंखों से देखा जा सकता है? जानें यहां - Earth Now Has Two Moons

पृथ्वी को दूसरा चांद मिल गया है, हालांकि यह कुछ ही दिनों के लिए मिला है. इस दूसरे चांद को 'मिनी मून' भी कहा जा रहा है, जिसका नाम एस्टेरॉयड 2024 PT5 है. यह छोटा सा अंतरिक्षीय पत्थर दो माह तक पृथ्वी की परिक्रमा करेगा.

Earth gets a second moon
पृथ्वी को मिला दूसरा चांद (फोटो - ETV Bharat)
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By ETV Bharat Tech Team

Published : Sep 30, 2024, 4:18 PM IST

हैदराबाद: पृथ्वी को अंतरिक्ष में एक नया चांद मिल गया है. जीहां, आपको सुनकर हैरानी होगी, लेकिन यह सच है कि हमारी पृथ्वी को एक अस्थायी चांद मिल गया है, जिसे 'मिनी मून' भी कहा जा रहा है. इसका नाम एस्टेरॉयड 2024 PT5 है. यह छोटा सा अंतरिक्षीय पत्थर, जो बस के आकार का है, रविवार को पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण द्वारा पकड़ा गया.

लेकिन अफसोस की बात यह है कि भारत से या कहीं और से रात के आसमान में इसे देखने की उम्मीद न करें, क्यों कि इसको देखने के लिए आपके पास एक उन्नत दूरबीन होनी चाहिए. एस्टेरॉयड 2024 PT5 लगभग 10 मीटर चौड़ा है और इसे सबसे पहले वैज्ञानिकों ने इस अगस्त में स्पेन में देखा था.

इसके लगभग दो महीने तक पृथ्वी की परिक्रमा करने की उम्मीद है. वैज्ञानिकों का कहना है कि 25 नवंबर को पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण से मुक्त होने तक यह हमारे ग्रह की परिक्रमा करता रहेगा. हमारे मुख्य चंद्रमा के विपरीत, यह छोटा चंद्रमा अंतरिक्ष में वापस जाने से पहले पृथ्वी की पूरी परिक्रमा नहीं करेगा.

यह अंतरिक्ष चट्टान अर्जुन क्षुद्रग्रह बेल्ट नामक क्षुद्रग्रहों के समूह का हिस्सा है, जो पृथ्वी की तरह ही सूर्य के चारों ओर एक समान पथ पर यात्रा करता है. इस तरह के छोटे चंद्रमा उतने दुर्लभ नहीं हैं जितना आप सोच सकते हैं - 2020 में इस तरह का एक और चंद्रमा देखा गया था. ये काफी छोटे होते हैं और उनका पता लगाना मुश्किल होता है.

क्या आप भारत से देख सकते हैं 'दूसरा चंद्रमा'
इसका जवाब है नहीं, आप इस छोटे से चंद्रमा को नंगी आंखों से नहीं देख पाएंगे. वास्तव में, यहां तक कि सामान्य दूरबीन भी इसे नहीं देख पाएंगी. केवल बड़े, पेशेवर-ग्रेड दूरबीन ही 2024 PT5 को उसके आकार और धुंधले रूप के कारण देख पाएंगे.

इसलिए, जब तक आप प्रमुख अंतरिक्ष उपकरणों के साथ काम नहीं कर रहे हैं, आपको वेधशालाओं से ऑनलाइन तस्वीरों में ही यह देखने को मिलेगा. वैज्ञानिकों को अभी तक यह पता नहीं है कि यह एस्टेरॉयड अंतरिक्ष की चट्टान का एक टुकड़ा है या संभवतः चंद्रमा का एक टुकड़ा है, जो बहुत पहले टूटकर गिर गया था.

दिलचस्प बात यह है कि इस छोटे चंद्रमा के 2055 में फिर से पृथ्वी के पास से गुजरने की उम्मीद है, जिससे यह एक दुर्लभ, लेकिन अनसुना आगंतुक बन जाएगा. हालांकि यह छोटा चंद्रमा बहुत कम समय के लिए ही रहेगा, लेकिन यह इस बात का अहसास कराता है कि पृथ्वी के पास कितनी सारी वस्तुएं उड़ रही हैं.

हैदराबाद: पृथ्वी को अंतरिक्ष में एक नया चांद मिल गया है. जीहां, आपको सुनकर हैरानी होगी, लेकिन यह सच है कि हमारी पृथ्वी को एक अस्थायी चांद मिल गया है, जिसे 'मिनी मून' भी कहा जा रहा है. इसका नाम एस्टेरॉयड 2024 PT5 है. यह छोटा सा अंतरिक्षीय पत्थर, जो बस के आकार का है, रविवार को पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण द्वारा पकड़ा गया.

लेकिन अफसोस की बात यह है कि भारत से या कहीं और से रात के आसमान में इसे देखने की उम्मीद न करें, क्यों कि इसको देखने के लिए आपके पास एक उन्नत दूरबीन होनी चाहिए. एस्टेरॉयड 2024 PT5 लगभग 10 मीटर चौड़ा है और इसे सबसे पहले वैज्ञानिकों ने इस अगस्त में स्पेन में देखा था.

इसके लगभग दो महीने तक पृथ्वी की परिक्रमा करने की उम्मीद है. वैज्ञानिकों का कहना है कि 25 नवंबर को पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण से मुक्त होने तक यह हमारे ग्रह की परिक्रमा करता रहेगा. हमारे मुख्य चंद्रमा के विपरीत, यह छोटा चंद्रमा अंतरिक्ष में वापस जाने से पहले पृथ्वी की पूरी परिक्रमा नहीं करेगा.

यह अंतरिक्ष चट्टान अर्जुन क्षुद्रग्रह बेल्ट नामक क्षुद्रग्रहों के समूह का हिस्सा है, जो पृथ्वी की तरह ही सूर्य के चारों ओर एक समान पथ पर यात्रा करता है. इस तरह के छोटे चंद्रमा उतने दुर्लभ नहीं हैं जितना आप सोच सकते हैं - 2020 में इस तरह का एक और चंद्रमा देखा गया था. ये काफी छोटे होते हैं और उनका पता लगाना मुश्किल होता है.

क्या आप भारत से देख सकते हैं 'दूसरा चंद्रमा'
इसका जवाब है नहीं, आप इस छोटे से चंद्रमा को नंगी आंखों से नहीं देख पाएंगे. वास्तव में, यहां तक कि सामान्य दूरबीन भी इसे नहीं देख पाएंगी. केवल बड़े, पेशेवर-ग्रेड दूरबीन ही 2024 PT5 को उसके आकार और धुंधले रूप के कारण देख पाएंगे.

इसलिए, जब तक आप प्रमुख अंतरिक्ष उपकरणों के साथ काम नहीं कर रहे हैं, आपको वेधशालाओं से ऑनलाइन तस्वीरों में ही यह देखने को मिलेगा. वैज्ञानिकों को अभी तक यह पता नहीं है कि यह एस्टेरॉयड अंतरिक्ष की चट्टान का एक टुकड़ा है या संभवतः चंद्रमा का एक टुकड़ा है, जो बहुत पहले टूटकर गिर गया था.

दिलचस्प बात यह है कि इस छोटे चंद्रमा के 2055 में फिर से पृथ्वी के पास से गुजरने की उम्मीद है, जिससे यह एक दुर्लभ, लेकिन अनसुना आगंतुक बन जाएगा. हालांकि यह छोटा चंद्रमा बहुत कम समय के लिए ही रहेगा, लेकिन यह इस बात का अहसास कराता है कि पृथ्वी के पास कितनी सारी वस्तुएं उड़ रही हैं.

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